नासिक जिले में शहर की पश्चिम दिशा में अठारह मील दूरी पर ‘ब्रह्मगिरी’ पर्वत है, जो सह्याद्री का एक हिस्सा है, उसकी तलहटी में बसा हुआ है ‘श्री क्षेत्र त्र्यंबकेश्वर’। गौतमाश्रम प्रयाग…
हमारा देश भारत विश्व की आत्मा कहलाता है और प्रयागराज भारत का प्राण कहा गया है। हमारे देश को जीवनदायी शक्तियाँ इसी धरती से मिलती रही है। जिस तरह से सनातन धर्म…
शास्त्रों में, हरिद्वार को गंगाद्वार, मायापुरी और कपिलस्थान इत्यादि के रुप में वर्णित किया गया है। यह चार धाम (उत्तराखंड में तीर्थ के चार मुख्य केंद्रों – बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, और यमुनोत्री)…
कुम्भ माहात्म्य : कुम्भ भारतीय संस्कृति का महापर्व कहा गया है। इस पर्व पर स्नान, दान, ज्ञान मंथन के साथ ही अमृत प्राप्ति की बात भी कही जाती है। कुम्भ का बौद्धिक,…
सिद्धपीठ तीर्थ सतकुंभा धाम : परम प्रसिद्ध श्री 108 लज्जा राम जी द्वारा स्थापित संस्था के प्रबन्धक महन्त श्री आत्मस्वरूप जी महाराज का जीवन बड़ा ही अद्भुत कर्मयोगी सेवाधर्म में लिप्त रहा।…
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। सावन माह भगवान भोलेनाथ को अतिप्रिय है, इसलिए श्रद्धालु सावन माह में मंदिरों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। वीरवार को सावन माह की एकादशी पर सिद्धपीठ…
सिद्धपीठ तीर्थ सतकुंभा धाम : भारत भूमि संत महापुरुषों की जननी है, संत महापुरुषों ने आपने अनुभव एवं ज्ञान से समाज को एक नई दिशा दी है। जिनके बच्चों को अक्षरस भक्तजनों ने…
सिद्धपीठ तीर्थ सतकुंभा धाम : कई लोग अन्न, वस्त्र पुस्तक तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान दक्षिणा देकर द्रव्य यज्ञ करते हैं। कई मनुष्य परमात्मा की प्राप्ति के लिए व्रत, उपासना आदि…
परम यशस्वी श्री ब्रह्मचारी महाराज का जन्म सफीदों में 1848 में एक तपस्वी सुदामा ब्राह्मण के यहां हुआ। आपकी पुण्यात्मा माता का नाम अन्नपूर्णा था। आप शैशवकाल से ही वैराग्य प्रवृत्ति के…
सोनीपत जिले के गांव मियाना खेडी गुज्जर का इतिहास बहुत ही प्राचीन है। आज से करीब 300 ईसा पूर्व मध्यकाल में यह स्थान स्वर्ण युग के रूप में जाना जाता था। उस…