रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। सावन माह भगवान भोलेनाथ को अतिप्रिय है, इसलिए श्रद्धालु सावन माह में मंदिरों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। वीरवार को सावन माह की एकादशी पर सिद्धपीठ सतकुंभा धाम मंदिर में श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने के बाद जलाभिषेक किया। सिद्धपीठ सतकुंभा धाम के प्रबंधक सूरज शास्त्री व पवन शास्त्री ने बताया कि सावन की एकदशी पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से कई प्रकार के कष्टों का निवारण होता है। सावन माह में भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है। श्रद्धालु हरिद्वार, गोमुख से कावड़ लाकर शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं, लेकिन अबकी बार कोरोना वायरस की वजह से श्रद्धालु न तो हरिद्वार से ओर न ही गोमुख से कावड़ ला पाएंगे, क्योंकि कोरोना वायरस को लेकर उतराखंड, यूपी, हरियाणा सहित कई जिलों ने कांवड़ लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। श्रद्धालुओं को डाक विभाग द्वारा गंगाजल उपलब्ध कराया जाएगा। इस बार श्रद्धालु डाक विभाग द्वारा लाए गए गंगाजल से जलाभिषेक करेंगे। उन्होंने बताया कि सावन माह में पौधारोपण करना बहुत ही फायदेमंद होता है, इस माह में लगाया गया पौधा जल्दी पनपता है, क्योंकि सावन में वर्षा होने के कारण पौधों में हरियाली आ जाती है और पौधों को जरूरत के अनुसार सभी तत्व प्राप्त हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा त्रिवेनी, जामून, बेलपत्र सहित कई प्रकार के पौधे रोपे गए हैं। श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर परिसर में रोपे गए पौधे जब पेड़ बनेंगे तो वह श्रद्धालु के लिए एक यादगार बन जाएगा।