हम आपके, आप हमारे, हमें आप हैं जान से प्यारे
यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन में खुशियों की बहार आए। आपको सफलता दर सफलता मिलती चली जाए। स्वर्ग से सुंदर घर और परिवार बन जाए तो आपके लिए ही है यह विशेष लेख। समय निकालिए ओर पढ़िए। अनुभव कीजिए और जीवन के अंदर व्यवहारिकता दीजिए। फिर देखिये किस प्रकार से आपको जीवन में खुशियों की बहार मिलती है, अलौकिक की अनुभूति होती है।
दोस्तों मैं नरेंद्र शर्मा परवाना और मेरी अर्धांगिनी श्रीमती राजरानी हमारे वैवाहिक जीवन के 35 वर्ष पूरे हो गए हैं। यह जीवन का खुशनुमा सफर मेरे जीवन साथी के साथ हर पल कदम से कदम मिलाकर चलना और परिवारिक जिम्मेदारियों को संभालना अपने आप में खुद एक मिसाल है। जिसकी बदौलत परमपिता परमात्मा की असीम कृपाओं के साथ स्वर्ग से सुंदर घर परिवार बना। बड़ों की सेवा करके गृह लक्ष्मी के रूप में जिंदगी को बेहतर बनाकर एक मिशाल प्रस्तुत की। मेरी जीवन संगिनी का जीवन को खुशहाल बनाने के लिए मैं अपने जीवन साथी का तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूं। जिसने अपनी मोहब्बत की खुशबू से जीवन को लबरेज किया। इस जीवन के सफर की शुरुआत 7 मई 1987 को हुई। यह सफर खुशियों के साथ गुजरा और देखते-देखते आज 35 वर्ष जीवन की डगर पर हम अग्रसर होते चले गए।
मेरे हमसफर हमसाया के बारे में इन शब्दों का यह लिखना इसलिए जरूरी है कि मैं चाहता हूं जो भी इसे पढ़ें उनके जीवन में खुशियों के बाहर आ जाए। जिस प्रकार से हमें खुशहाली मिली है और हमारी संतानें सुसंस्कारवान हैं। इसका श्रेय गृह लक्ष्मी श्रीमती राजरानी को जाता है। कहते हैं नारी 2 कुलों को रोशन करती है। एक अपने पीहर को दूसरा अपनी ससुराल को। आप इसको पढ़ रहे हैं तो यह भी जान लीजिए कि आपके जीवन में खुशियों की बहार कैसे आएगी। किस प्रकार से आपको दांपत्य जीवन के अंदर खुशियां मिलेंगी। किस प्रकार से आप सफलता दर सफलता प्राप्त करते चले जाएंगे। किस प्रकार से आप जीवन में उन्नति, प्रगति, सुख और समृद्धि का एक सफर तय करेंगे। यह गृहस्थ जीवन का ऐसा सफर है, उन लोगों को जानना चाहिए जो वास्तव में अपने जीवन को खुशहाल बनाना चाहते हैं।
घर के अंदर खुशियों की बहार चाहते हैं, जो स्वर्ग से सुंदर अपना घर बनाना चाहते हैं तो उन्हें इस बात को जरूर जान लेना चाहिए। जब कोई भी कन्या अपने वैवाहिक जीवन के साथ गृहस्थ जीवन में प्रवेश करती है। यह एक परमात्मा की विशेष कृपा है। यह उस नारी का सामर्थ्य है और शक्ति है, समर्पण है, यह उसकी सहजता है कि अपने रिश्ते नाते की सखी, सहेलियों माता-पिता, चाचा चाची, ताऊ ताई सबको छोड़कर एक नए संसार में प्रवेश करती है। नई दुनिया में आती है, अपना घर परिवार को सजाती है, संवारती है। यह नारी शक्ति का सबसे अहम पहलू है, आप सबको भी जान लेना चाहिए। जिस घर में यह नारी शक्ति प्रवेश करती है, अपना वैवाहिक जीवन आरंभ करती है। एक नए सफर के साथ अपने हमसफर को साथ लेकर चलती है।
उसका घर सजाती है, अपने सपनों का घर बनाती है। मैं परमात्मा का शुक्रिया तहेदिल से अदा करता हूं कि मुझे ऐसी अर्धांगिनी दी। जीवन संगिनी दी जिसने अपने जीवन को सेवाभाव के साथ अपने बड़ों की सेवा की। अपनी संतानों को सहजता के साथ में संस्कार दिए और मेरे जीवन के हर पल मुझे जीने का अंदाज दिया। यह कोई शब्दों का खेल नहीं है। यह जीवन की वह हकीकत है, जिसे हर पति और पत्नी को समझना चाहिए, क्योंकि पति और पत्नी एक गाड़ी के दो पहिए हैं, एक पहिया पंचर हो जाए तो गाड़ी चलेगी नहीं । जीवन का सफर तय नहीं होगा। इसी प्रकार से पति और पत्नी यदि दोनों खुशहाल होना चाहते हैं तो दोनों एक दूसरे के प्रति समर्पित हो जाएं तो जीवन का सफर खुशहाल होता चला जाएगा।
इस सफर को आपको तय करते समय यह ध्यान रखना होगा कि हम आपके आप हमारे, हमें आप हैं जान से प्यारे। फिर दिल से एक आवाज आएगी कि आप सबकी दुआओं का असर है कि जीवन का सुहाना सफर है। मैं उन सबका शुकराना करना चाहूंगा जो मेरे जीवन में ईस्ट मित्र, सगे, संबंधी, मेरी जन्मदात्री (जो अब संसार में शरीर के रूप में नहीं, लेकिन दिव्य शक्ति के रूप में हमारे साथ) मेरे जन्मदाता कुलश्रेष्ठ पिता श्री रामेश्वर शर्मा जी मेरे परम श्रद्धेय, परम आदरणीय और परम पूज्यनीय जिनकी बदौलत आज हम जीवन के इस सफर को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उनका भरपूर आशीर्वाद हमें प्राप्त हुआ, भरपूर मार्गदर्शन हमें मिला, भरपूर परम सांनिध्य प्राप्त है।
सकारात्मक संस्कार हमें प्राप्त हुए। परमपिता परमात्मा से पहले मैं अपने जन्मदाता को नमन करता हूं और प्रतिदिन पूजा के दौरान उनको श्रद्धा से नमन करता हूं। मेरे भाई बहन, बंधुवर, रिश्ते नातेदार, उन सबका शुकराना, जिन्होंने मेरे इस जीवन के सफर में अपना प्रेम, स्नेह, सहयोग दिया, बड़ों ने मुझे अपना प्रेम के साथ मार्गदर्शन और आशीर्वाद दिया। इसे पढ़ने वाले यह सोच सकते हैं कि यह बातें मैंने क्यों लिखी। इसका लिखने का मकसद एक ही है। प्रबुद्ध पाठकों मेरे 60 साल का जीवन का यह सफर है, 35 साल मेरी शादी को हुए हैं और मेरी दो बेटियां हैं, पोस्ट ग्रेजुएट हैं। बेटा मेरा वेलएजुकेटेड क्वालिफाइड है, संस्कारवान है। हमारी पुत्रवधू सुसंस्कारवान है। हमारे जीवन की खुशहाली का रहस्य है।
आप चाहते हैं कि आपके जीवन में भी खुशियों की बहार आ जाए। इसे पढ़ने के बाद चिंतन, मनन और मंथन करिये, फिर सफलता की डगर पर अग्रसर हो जाइए। यकीनन आप भी अपने परिवार के प्रत्येक सदस्य के प्रति जब समर्पण हो जाएंगे तो यकीनन आपको परमात्मा की कृपा मिलेगी। आपको खुशहाली प्राप्त होगी। आपको अलौकिक आनंद की अनुभूति होगी। यह थेयोरीटीकल नहीं है, यह प्रैक्टिकल है। बहुत ही विशेष बात यह है कि जग बीती सुनी सुनाई नहीं है, आपबीती है। जग बीती में झूठ हो सकता है, लेकिन आपबीती जो आपने अनुभव कर लिया, उससे बड़ी कोई शिक्षा नहीं होती। यह दुनिया का सबसे बड़ा सच है कि जिसे आप रिलाइज कर रहे हैं, अनुभव करके एहसास करके चल रहे हैं।
वह परम सत्य है और इतना बड़ा सत्य है, इसे दुनिया की कोई भी ताकत झुठला नहीं सकता। मैं अपने पूर्वजों को प्रणाम करता हूं, मेरे वंशजों को नमन करता हूं, जिनके जिम्मेदारियां लेकर हमें अपने वंश को ऊंचाइयों पर लेकर जाना है। इसके लिए मुझे अपने साथियों का स्नेह, बड़ों का आशीर्वाद, प्रभु की दिव्य कृपा का छत्र प्राप्त हो रहा है, प्राप्त होता रहेगा। इस मुबारक मौके पर मैं अपनी खुशी अपने तमाम साथियों के साथ में सांझा कर रहा हूं। आपका प्यार, आपका आशीर्वाद हमें मिलता रहेगा। यह मेरे जीवन की दास्तां है जो वैवाहिक जीवन का सफर मैंने तय किया। यह आपके लिए एक सौगात हो सकती है। आपके लिए एक प्रेरणा हो सकती है। आपके लिए एक अच्छा अनुभव हो सकता है। आपके लिए बेहतरीन तोहफा हो सकता है। आपके लिए यह खुशियों का संसार हो सकता है। इस ख़ुशियों के संसार में आप सबका स्वागत कर रहा हूं।
जीवन में खुशहाल रहने का मूल मंत्र
खुद सुधरे तो सब सुधरे, फिर सारा संसार सुधारैं। आओ मित्रों रल मिलकर हम मानवता का रूप निखारैं। दोस्तों इस लेख के अंदर हमने कोई बहुत ज्यादा साहित्यिक भाषा का प्रयोग नहीं किया, क्योंकि यह अनुभव आधारित एक चर्चा है। हम बातचीत कर रहे हैं और बात-बात में हमें कुछ अनुभव प्राप्त होते हैं। जिनसे हमारे जीवन को एक ऊंचाई मिलती हैं। अनुभव बड़ा कोई शिक्षक नहीं होता, अनुभव से बड़ा कोई प्रमाण नहीं होता। इसलिए आपको अपने जीवन में इन बातों से खुशियां प्राप्त होंगी। आपको सफलता और शांति मिलेगी तो मेरा लेखन सफल हो जाएगा। आपके खुशहाल जीवन के लिए मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
नरेंद्र शर्मा परवाना