अध्यापकों स्वतन्त्रता सेनानियों जागरूक नागरिकों का है यह गांव
श्याम वशिष्ठ, जींद। जींद-बरवाला राजमार्ग पर बसा गांव मिर्चपुर शिक्षकों, स्वतन्त्रता सेनानियों, शिक्षित एवं जागरूक व्यक्तियों का गांव है, जो वीरता के उदाहरणों से परिपूर्ण है। यह गांव हड़प्पाकालीन संस्कृति से जुड़ा हुआ है। जींद के निकटवर्ती गांव मिर्चपुर की बेटियों एवं अन्य नागरिकों ने पढ-लिख कर महत्वपूर्ण पदों पर आसीन रहकर गांव का नाम रोशन किया है। इनमें स्वतन्त्रता सेनानी परिवार में जन्मीं ज्योति ढाण्डा सुपुत्री ओमप्रकाश आर्य, शुभावी आर्या सुपुत्री जयबीर सिंह आर्य आईएएस के नाम भी शामिल हैं। गांव में बस स्टाप के निकटतम स्थापित गौरव पट्ट से साफ झलकता है कि मिर्चपुर स्वतन्त्रता सेनानियों एवं वीर शहीदों का गांव रहा है। सन् 1965 के भारत-पाक युद्घ में शहीद हुए ओमप्रकाश, बदन सिंह, हवा सिंह और आजाद हिंद फौज में वैद्य मुन्शीराम आर्य व फूलपति के नाम भी उल्लेखनीय रहे। वैद्य शिक्षक मुन्शीराम आर्य हिन्दी सत्याग्रह-भारत छोडो़ आंदोलन व समाज हित के अन्य कार्यों से जुड़े रहे।
इसके अलावा खेल के क्षेत्र में 1950 के दशक में कबड्डी खिलाड़ी बलजीत सिंह एवं 1970 के दशक में पहलवान मंगल सिंह के नाम भी गौरव पट्ट पर अंकित हैं। गांव के शिक्षित एवं जागरूक व्यक्तियों में आईएएस जयबीर सिंह आर्य, समाज सेवी देवव्रत ढाण्डा व ओमप्रकाश ढाण्डा, सेवानिवृत कर्नल स्व0 दयाकिशन भारद्वाज, भारतीय सेना से रिटायर्ड डीजीपी बलजीत शर्मा, सेवानिवृत्त मुख्याध्यापक स्व0 रामलाल व स्व0 बारूराम शर्मा, श्रीराधाकृष्ण गऊशाला प्रधान पण्डित कृष्णचन्द्र व उप-प्रधान जिलेसिंह, ख्याति प्राप्त एएमओ डा0 सुखबीर वर्मा, समाजसेवी स्वामी भागचन्द के नाम भी गौरवपट्ट पर सुशोभित हैं। गांव के सतीश भारद्वाज डीसी आफिस जींद में सहायक के पद पर कार्यरत हैं जो उपायुक्त कार्यालय कर्मचारी कल्याण संघ जींद के प्रधान भी रह चुके हैं। गांव के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति (95 प्लस वर्षीय) लालचन्द ढाण्डा के पास पहुंचकर उनके चरणस्पर्श कर डीआईपीआरओ रिटायर्ड सुरेन्द्र कुमार वर्मा ने उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
गांव की वर्तमान महिला सरपंच रजनी देवी धर्मपत्नी अशोक ढाण्डा (शोकी) के अनुसार गांव में विभिन्न विकास कार्यों के लिए प्राप्त लगभग 43 लाख रुपये से अनेकों विकास कार्य पूर्ण व अन्य प्रगति पर हैं। बुजुर्ग 91 वर्षीय मास्टर देईचन्द, 90 वर्षीय महीर सिंह उर्फ मीरा प्रधान, समाज सेवी दिनेश बूरा उर्फ धनिया, रिटायर्ड हैडमास्टर राधेश्याम गर्ग, आर्मी एकेडमी के संचालक अमन फौगाट, रजत बेदी, बुजुर्ग रामफल पहलवान, कोच बीरेन्द्र ढाण्डा व विजय चौहान, यु़वा अजमेर ढाण्डा, उदयबीर ढाण्डा, समाज सेवी रमेश व नवीन ढाण्डा उर्फ बीना, नीटू सरोहा, पूर्व सरपंच सत्यवान ढाण्डा, सुदेश, सोनिया, अनीता, मास्टर चन्द्रप्रकाश, सुरेन्द्र सिंह उर्फ़ सुन्दर , मा वजीर पांचाल,
सत्यबीर सिवाच, पवन जागडा़, पूर्व पंचायत समिति मैम्बर बेदप्रकाश पहलवान, रामफल पहलवान, मुख्याध्यापक सेवानिवृत्त सत्यबीर शर्मा, शिक्षक सेवानिवृत्त राजेन्द्र वर्मा व महाबीर वर्मा, चन्द्रभान गर्ग, डा सतीश वर्मा, राजपाल नम्बरदार, बलराज, नरेश सैन, सुभाष फौजी, रोहताश सोनी, ईश्वर सोनी, ओमप्रकाश सोनी, रजनी, अमित कुमार ,अजीत लोरा, दीनदयाल शर्मा, संदीप शर्मा , मा बिजेन्द्र गिल, संजय सैन, मनदीप ढाण्डा, अजय शास्त्री, प्रियवर्त, ललित सोनी, बलवान पांचाल, रघबीर प्रजापत, सतीश भारद्वाज, रामफल पहलवान बाल्मीक, दिलबाग सिंह ढाण्डा, सूरतसिंह भारद्वाज, सतीश कौशिक, सुनील जागडा़, नवीन जागडा़, जगमन्द्र जागडा़, जयबीर त्यागी, सुरेन्द्र सैन, सोनू जागडा़, दलीप मनियार एवं अन्य लोगों का कहना है कि सम्वत् 1345 में धनौरी से आकर भोड़ू (टोडराज की पीढी दर पीढी) ने मिर्चपुर गांव को बसाया था।
लगभग 734 वर्ष पूर्व बसे इस गांव में भोडू़ के चार सन्तान लड़के नामत: नाहर, पदार्थ, ताहर, माक्खन एवं एक लड़की ईंदी (छीको) पैदा हुई जिनके नाम पर गांव में नाहर, पदार्थ, लादण, लालण, छकवान नामक 5 बगड़ (पाने) हैं। इसके अलावा भारद्वाज, कौशिक, बीसी व एससी, बडा पाना नामक ठोला भी हैं। गांव में ढाण्डा, गिल, सिवाच, बूरा, फौगाट, पानू, चौपडा़ लौरा, कुण्डू, ब्राह्मण, सैन, खाती, पांचाल, प्रजापत, डूम, झींमर, सुनार, जोगी, तेली, छिम्बी, मनियार, बोहरी व अन्य जातियां के लोग मिलजुलकर रहते हैं। गांव के लालण पाने में प्राचीन कुआं व बड़ पीपल के पास विश्वकर्मा जी की प्रतिमा व पक्का चौंक बनाया गया है। इसके निर्माण पर एसडीएम नारनौंद विकास यादव के प्रयासों से जारी ग्रांट बतौर एक लाख 72 हजार रुपये खर्च किये गये।
गांव में प्राचीन मंदिर, घाट, शिवालय, गुम्बद, शानदार आठ चौपालें व तीन दरवाजे, लोगों की आस्था का प्रतीक फूलदे माता का मन्दिर, शीतला (बूढी) माता, बाबा खेमनाथ की मण्डी, ब्राह्मणवास समाज की जमीन पर बना शिव मन्दिर की भी मान्यता है। इसके अलावा पेड-पौधों से युक्त परममित्र वाटिका, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय समेत तीन स्कूल, ग्राम सचिवालय, बिजली-घर, जलघर बैंक, पशु अस्पताल, खेल स्टेडियम, महर्षि दयानंद आईटीआई, सीएचसी, अजय ढाण्डा द्वारा संचालित शहीद भगतसिंह खेल एकेडमी, आंगनवाडी़ केन्द्र, प्रसव गृह, सड़क, मोबाईल टावर, बस क्यू शेल्टर व अन्य सुविधाएं हैं। क्षेत्रफल 525 वर्ग हैक्टेयर में फैले इस गांव के कुल 20 वार्डों में 7116 मतदाता हैं और भूमि कृषि योग्य है। गांव में रामफल पहलवान द्वारा संचालित अखाड़ा में अनेकों युवा पुलिस,फौज आदि में नौकरी लग चुके हैं।