- लिपिक हड़ताल 12जुलाई से 14 जुलाई तक के समर्थन में आज सोनीपत जिला के साथियों ने धरना दिया
- सरकार की वादाखिलाफी के विरूद्ध लिपिक हड़ताल जारी रहेगी
रणबीर सिंह, सोनीपत। हरियाणा मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ के आह्वान पर लिपिकों ने हड़ताल कर जिला सचिव सर्व कर्मचारी संघ सुनील दत्त की अध्यक्षता में धरना दिया। हड़ताली कर्मचारियों के समर्थन में सोनीपत की सर्व कर्मचारी संघ से सम्बन्धित यूनियन के कर्मचारियों ने हड़ताल की। महिला एवम् बाल विकास विभाग के राज्य प्रधान परवीन मोर एवम् जिला उप प्रधान जगदीश ने लिपिक वर्ग की 35400 रुपए वेतनमान की जायज मांग को लेकर चल रही हड़ताल का समर्थन करते हुए तुरन्त लागू करने की मांग की।
कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए हरियाणा मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन महासचिव जगमिंदर ने कहा कि प्रदेश का लिपिक वर्ग इस मांग को पूरी करवाने को लेकर 10 साल से सड़कों पर उतर आंदोलन कर रहा है। मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन के 477 दिन धरने के बाद पूर्व सरकार द्वारा 35400 रुपए वेतनमान देने की मांग को मंत्रीमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई थी। सरकार बदलने पर वर्तमान सरकार ने 35400 रुपए वेतनमान देने का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया।
उन्होंने कहा सरकार लगातार बड़े आंदोलन को दरकिनार कर रही है। उन्होंने कहा कि लिपिकों को 35400 रुपए वेतनमान देने का वादा भाजपा ने सत्ता में आने से अपने घोषणा पत्र में लिखा था। परन्तु आज सरकार वादाखिलाफी कर रही है। सर्व कर्मचारी संघ के सहसचिव बिजेंद्र चहल एवम् जिला सचिव सुनील ने प्रदेश के सभी लिपिकीय संगठनों को आह्वान करते हुए कहा एकता और सांझा संघर्ष के बल पर ही 35400 रुपए वेतनमान देने की मांग को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा वर्तमान हालात में आन्दोलन व हड़़ताल अकेले करने की बजाए सभी विभागों के फील्ड व हैड आफिस के मिनिस्टीरियल स्टाफ के संगठनों को संयुक्त किसान मोर्चा की तर्ज पर सांझा आंदोलन करना चाहिए।
हरियाणा मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन नेता सुनील शर्मा, धरमपाल और प्रवेश त्यागी ने कहा कि लिपिक वर्ग के साथ वेतनमान में लंबे समय से भेदभाव हो रहा है। इस अन्याय व भेदभाव से सांझा संघर्ष ही निजात दिला सकता है। उन्होंने कहा सरकार 35400 रुपए वेतनमान लागू करने का नोटिफिकेशन जारी करें। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के नेता आनंद राणा ने सभी लिपिकीय संगठनों को एक मंच पर सांझा व निर्णायक संघर्ष करने का आह्वान किया। इस मौके पर कर्मचारी नेता नीरज दहिया, संदीप दहिया, अमित वशिष्ठ, जयभगवान लाठवाल, सुनील, सुरेंद्र धनकड़, अनिल शर्मा, मोनिका, किरण, पूनम, कमलेश अशोक सिहाग, सतबीर सिंह, प्रदीप, वीरेंद्र, राजेश फायर ब्रिगेड, महादेव आदि नेताओं ने सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों की जमकर आलोचना की।