- यमुना नदी का जलस्तर हुआ खतरे के निशान से ऊपर
- जाजल गांव में नगर निगम द्वारा बनाए गए रेनीवेल हुए जलमग्न
- बिजली के खम्भे टूटकर गिरे
- मेयर निखिल मदान ने निगम आयुक्त विश्राम कुमार मीणा के साथ किया जाजल गांव का दौरा
- निगम आयुक्त औऱ निगम अधिकारियों के साथ मुरथल जलघर भी पहुंचे मेयर निखिल मदान
- जाजल रेनीवेल बंद होने से शहर के पूर्वी क्षेत्र में वॉर्ड एक से 14 में पेयजल आपूर्ति होगी प्रभावित
रणबीर सिंह, सोनीपत। हथिनीकुंड बैराज से 3 लाख 60 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद कारण यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। इसके चलते यमुना किनारे जाजल गांव में बने नगर निगम के रेनीवेल पूरी तरह जलमग्न हो गए। ऐसी स्थिति में शहर के पूर्वी क्षेत्र में जाजल रेनीवेल से होने वाली पेयजल आपूर्ति पूरी तरह ठप्प हो चुकी है। मेयर निखिल मदान ने निगम आयुक्त विश्राम कुमार मीणा औऱ निगम अधिकारियों के साथ जाजल गांव औऱ मुरथल में पेयजल घर के नलकूप का दौरा किया।
मेयर निखिल मदान ने बताया कि जाजल रेनीवेल से पेयजल आपूर्ति बंद होने के कारण शहर के पूर्वी क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति प्रभावित हुई है। अब नगर निगम द्वारा शहर में विभिन्न स्थानों पर लगाए गए ट्यूबवेल औऱ पानी के टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की जाएगी। इसलिए वो सभी शहरवासियों से अनुरोध करते है कि इस प्राकृतिक आपदा के ख़त्म होने औऱ स्थिति सामान्य होने तक कम से कम पानी का उपयोग करें औऱ धैर्य रखते हुए प्रशासन का सहयोग करें। हर घर तक पानी पहुंचाने के लिए नगर निगम लगातार प्रयत्नशील है।
मेयर निखिल मदान ने कहा कि मुरथल जलघर में 8 ट्यूबवेल लगे हुए है, सभी ट्यूबवेल को चालू कर पेयजल आपूर्ति को चालू करने के प्रयास जारी है। साथ ही विभिन्न कॉलोनियों में लगे हुए पुराने ट्यूबवेल को भी चालू करने के लिए निगम अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं। कॉलोनी के हिसाब से पानी टैंकरों की सूची भी शहरवासियों को उपलब्ध करवाई जाएगी। मेयर निखिल मदान ने पेयजल संकट को लेकर निगम कार्यालय में निगम पार्षदों के साथ बैठक की। जिसमें पार्षद सुरेंद्र मदान, सुरेंद्र नैय्यर, हरि प्रकाश सैनी, पार्षद प्रतिनिधि महेश लूथरा, संजीव वलेचा भी मौजूद रहे। इस दौरान निगम अधिकारी कार्यकारी अभियंता निजेश कुमार, एसडीओ देवेंद्र खासा, कनिष्ठ अभियंता अमित कुमार मौके पर मौजूद रहे।