गांव की प्राचीन धरोहर धौला कुआं को नया लुक देकर वर्तमान पंचायत ने किया सौन्दर्यकरण
जींद। सामाजिक समरसता एवं भाईचारे की मिसाल गांव कोथखुर्द वीरों, खिलाड़ियों, शिक्षित, जागरूक व मददगार व्यक्तियों की जन्मभूमि है। लगभग 500 वर्ष पूर्व गांव कोथकलां से दो सगे भाइयों नामत: फेरू व जीतू ने आकर इस गांव को बसाया था। इसके लगभग 100 साल बाद नरवाना के निकट गांव मोहलखेडा़ से आकर पुलिये इस गांव में बस गये। वर्तमान में इस गांव में उनके नाम पर फुराण, जितायण व पुलिया नामक तीन बगड़ (पाने) हैं और हर बगड़ में चौपाल है। सन 1999 पाना जितायण की सुन्दर चौपाल में उप-स्वास्थ्य केन्द्र है और जय दादा कालापीर सुनहरे अक्षरों में लिखा हुआ है। गांव के लोग कोथकलां स्थित दादा काला पीर मठ (डेरा) की मान्यता पूजा अर्चना करते हैं।
वर्तमान में कोथमठ संस्थान में महन्त शुक्राईनाथ योगी गद्दीनशीन हैं, जिनकी नशामुक्ति व अन्य सामाजिक कार्यों में भी गहन रूचि है। कोथखुर्द की प्राचीन धरोहर धौला कुआं को वर्तमान ग्राम पंचायत द्वारा नया लुक देकर अति सुन्दर बनाया गया है। “जल ही जीवन है” ‘आई लव कोथखुर्द’,कुआं खोदने वाला बंजारा व बंजारण, मोर, मगरमच्छ आदि के चित्र भी बड़े अदभुत ढंग से दर्शाये गये हैं। इस कुएं में प्रारम्भ में 100 फुट की गहराई में पानी था और मीठा पानी होने के कारण आते जाते राहगीर यहां ठहरकर अपनी प्यास बुझाते थे। जनश्रुति के अनुसार ऊंट की सवारी पर पण्डित रामेश्वर ने राखी गढी़ से कहसून अपनी बहन के साथ आते हुए इस कुएं पर अपनी प्यास बुझाई थी। इस कुएं के पास पुराना रामसरा तालाब व पेड़-पौधे हैं। इसके अलावा गांव में मिनाणा व अन्य तालाब भी हैं।
जींद के निकटवर्ती बसे इसी गांव कोथखुर्द में जन्में डीआईपीआरओ रिटायर्ड सुरेन्द्र कुमार वर्मा समय-समय पर गरीब व जरूरतमंद परिवारों की बेटियों की पढाई-लिखाई के लिए यथासम्भव मदद करते रहे हैं।समाज सेवा एवं विभागीय सराहनीय सेवाओं के लिए सुरेन्द्र वर्मा को ओडिशा के महामहिम राज्यपाल प्रो गणेशीलाल व अन्य वीआईपी’ज द्वारा अनेकों बार सम्मानित किया जा चुका है। गांव के होनहार अधिकारी अनिल रंगा सुपुत्र स्व0 जगतसिंह रंगा फरीदाबाद में इक्साईज टैक्सेशन (आबकारी एवं कराधान) विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। यह गांव वीरों एवं खिलाड़ियों से परिपूर्ण है। यहां के खिलाड़ियों ने नेशनल लेवल पर पदक जीतकर गांव का नाम रोशन किया है। गांव में बसे सोनी परिवार में सन 2016 में बाक्सिंग में बेटी श्रुति वर्मा ने गोल्ड मैडल जीतकर गांव का नाम रोशन किया है। इसके अलावा श्रुति के भाई अरुण (आशु) वर्मा सुपुत्र आत्मा राम वर्मा और भाला फेंकने में बेटी शीलू व बेटा राकेश सिल्वर मैडल विजेता बने हैं।
सोनी परिवार में ही हरियाणा टापर बेटी प्रसूति तन्त्र एवं स्त्री रोग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा सोनू सुपुत्री सुरेन्द्र वर्मा एनआईए जयपुर में कार्यरत है जिसको अनेकों बार उल्लेखनीय सेवाओं व उपलब्धियों के लिए सम्मान दिया जा चुका है। इस गांव के पूर्व पंच आत्माराम वर्मा की होनहार बेटी अन्जू भी बारहवीं की परीक्षा में हरियाणा में टाप टेन में स्थान पाकर अपने गांव का नाम रोशन कर चुकी है। बेटी अन्नू भी पढ़- लिखकर चण्डीगढ़ में सरकारी नौकरी करती है। इसके अलावा राहुल वर्मा सुपुत्र सुरेन्द्र वर्मा बिजली निगम हिसार के सर्वोत्तम बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। प्रदेश स्तर की डीएचबीवीएन स्पोर्टस मीट में राहुल वर्मा (एलडीसी) समेत चार सदस्यीय टीम विजेता बन चुकी है। बीटेक व कम्प्यूटर प्रशिक्षण कोर्स पास युवा सुखविन्द्र सन्धू पुत्र सत्यवान गांव में सीएससी सेन्टर के संचालक हैं, जिसके माध्यम से युवाओं व ग्रामीणों को आनलाईन सुविधाएं भी दी जाती हैं। गांव के अनेकों युवा फौज, पुलिस, शिक्षा एवं अन्य विभागों में कार्यरत हैं।
इनमें से रणबीर सिंह जांगडा़ जेबीटी चण्डीगढ़ में अध्यापक व मुकेश कुमार कोथकलां स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विधालय में बतौर सीनियर लेक्चरर कार्यरत हैं। दिलबाग सिंह रेलवे विभाग, सुनील सन्धू खजाना विभाग जींद एवं अनिल सन्धू पंचायत विभाग, पवन सैनी लैक्चरर, राजेश सन्धू-बलजीत सिंह-मुकेश-विनोद -राममेहर सैनी-दिनेश-संसार भी पुलिस विभाग में कार्यरत हैं। गांव के डा राकेश सन्धू सुपुत्र राजेन्द्र सिंह (राजा) डीआरडीए जींद में जिला परियोजना अधिकारी के पद पर हैं और प्रदीप सन्धू कोथखुर्द स्थित नव ज्योति सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के प्रिंसीपल हैं। मोनिका देवी डबल एमएससी बीएड व नीलम देवी भी डबल एमए बीएड हैं जबकि राजेन्द्र सिंह सन्धू समाज सेवी व इस स्कूल के संचालक भी हैं। गांव के महेश शर्मा कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं।
वीरता से परिपूर्ण इस गांव के गौरव पट्ट पर तोपखाना कर्नल राजेश पुत्र हुकमचन्द व नायक बलबीर सिंह पुत्र टेकराम, जाट रेजिमेंट हवलदार बलवान पुत्र पोंकर व ईएमटी सूरजमल पुत्र जोगराज, एजुकेशन हवलदार (स्वर्गीय) बलबीर पुत्र बनवारी के नाम भी अंकित हैं। गांव में सर्वाधिक सन्धू गोत्र के अलावा पूनिया, घणघस, ब्राह्मण, सैन, प्रजापत, खाती (जागडा़) पांचाल, सोनी, झिंमर, बाल्मीकी व एससी समाज के अन्य लोग भी मिलजुल कर रहते हैं। गांव में लोगों की आस्था का प्रतीक संकट मोचन हनुमान मन्दिर, जाहर वीर गोगा पीर का मण्ड व दादा खेडा का मान्यता स्थल है।
गांव में सबसे बुजुर्ग मास्टर दीदार सिंह, बजे सिंह सन्धू ,पूर्व प्रधान गिरधारी, सुकमा देवी व ज्ञानी राम सोनी, कृषि विभाग से रिटायर्ड गजे सिंह सन्धू, बीएड विकास सन्धू व जगबीर जांगडा़, शिक्षक राजपाल सन्धू , जिला परिषद के पूर्व सदस्य सतबीर नम्बरदार, पूर्व सरपंच महिला शीतल (एससी) व रामरती ,उदेसिंह व राम निवास सन्धू , नुनिया राम, कश्मीर सिंह, प्रताप सिंह, नम्बरदार कृष्ण सैन, राजेन्द्र, कर्मपाल माकड़, सोनू एससी, ओम सिंह सन्धू, सत्यवान, समाज सेवी राम निवास व सुनील सन्धू , बिजेन्द्र सैन, नरेश घणघस, पूर्व हैडमास्टर पालाराम व शिक्षाविद टेकराम, मोनिका, डिम्पल, सुनीता, अंजू , शशी, एकता, शीला, स्कूल कमेटी प्रधान बसाऊ, रामनिवास प्रजापत, धर्मपाल जांगडा़, सेवासिंह सुपुत्र अनन्ता सन्धू व अन्य लोगों का कहना है कि गांव का कुल क्षेत्रफल 943 वर्ग हैक्टेयर है और 2011 के अनुसार जनसंख्या 3130 थी जो वर्तमान में बढ़कर लगभग चार हजार हो गई है।
गांव में दूना, दर्जा, बोलीबगडी, सूखा, गुलाब सिंह, निरसमी, नाहलम, संता व रामसुख, सैनी नामक दस ठोले हैं। गांव की 12 हजार बीघे जमीन है और नाडा़ माइनर व कोथ माइनर सिंचाई के साधन हैं। गांव की मातृभाषा हिन्दी व हरियाणवी तथा लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि ,पशुपालन व मजदूरी है। गांव में बेटी बचाओ-बेटी पढाओ, एक कदम स्वच्छता की ओर जैसे सलोगनों व पेड-पौधो से युक्त सौन्दर्य से परिपूर्ण राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विधालय, राजकीय पशु औषधालय, पेयजल के लिए जलघर, सड़क व अन्य जनसुविधाएं हैं। गांव की वर्तमान पंचायत में महिला सरपंच अनीता धर्मपत्नी वीरेन्द्र सन्धू एवं पंचों में बीसीए के हंसराज सैन, एससी के राममेहर, महिला वर्ग में प्रमिला, सोनी, पूजा सिवाच, सुनीता, कविता, रमेश, शमशेर, विनोद, प्रवीण पांचाल शामिल है।
इस प्रकार 2227 वोटों वाले कोथखुर्द की वर्तमान ग्राम पंचायत में 11 वार्डों में से 10 वार्डों में पहली बार सर्वसम्मति से पंच चुने गये हैं। गांव के पूर्व पंच सत्यवान सन्धू , बल्लू ,दिलबाग सिंह सन्धू ,जोगेन्द्र सैनी, आत्माराम वर्मा, सत्यनायण प्रजापत, किताब सिंह व टेका सैनी, पवन सन्धू , सुभाष, गिना, महाबीर सिंह सन्धू ,गुलजारी जांगडा़, अजमेर, गीताराम, सूरज, महाबीर फौजी रघबीर फौजी, बलबीर फौजी, बलजीत सिंह, बृजभान, दलसिंह, सूरजभान व अनिल पूनिया, श्रीकांत, दिलबाग सिंह प्रजापत, नसीब, माधो शर्मा, मुरारी, मांगेराम व गजेसिंह व शमशेर फौजी, सुरेश व उमेद फौजी, गोवर्धन प्रजापत, रामजीत, कप्तान सिंह, जयपाल सन्धू ,रविन्द्र सन्धू , कंवरभान प्रजापत, ऋषि बाल्मीकी, रामचन्द्र रंगा, दलबीर सैनी, राजबीर के नाम भी उल्लेखनीय हैं।