कालोनीवासी अधिकारियों से लेकर मंत्री तक लगा चुके हैं गुहार
रणबीर सिंह, सोनीपत। डिजीटल युग में भय के साए में जीने को मजबूर हैं सोनीपत की भगत कॉलोनी के निवासी। लोगों को छत पर जाने में डर लगता है। बारिश के दिनों में स्थिति अधिक भयावह हो जाती है। अभी तक आपने बिजली के लटकते तारों की अलग-अलग कहानियां सुनी होंगी। गली में लटकते तारों की और लोहे के पोल आदि से करंट फैलने की कहानियां सुनी होंगी। आज हम आपको दिखाते हैं ऐसी कॉलोनी जहां पर घरों के ऊपर से बिजली के तार गए हुए हैं। वह भी इतने नीचे से की छत पर घूमने वाले इंसान का सिर आराम से टकरा जाए। कई जगह पर तो मकान मालिकों ने डंडा लगाकर या अन्य तरीके से तार को ऊपर उठाया हुआ है। बिजली विभाग के पास पूरी जानकारी होने के बावजूद भी आराम की नींद सो रहा है। ऐसा लग रहा है, मानो उन्हें किसी बड़ी घटना होने का इंतजार हो।
दिखाई दे रही तस्वीरें शहर के भगत कॉलोनी की हैं, जहां पर साफ-साफ नजर आ रहा है कि छतों के पास से बिजली की तारे जा रही हैं। यहां पर दिख रहा है कि इंसानों के घूमने तक की जगह नहीं है। कॉलोनी वासियों का कहना है कि वह कई वर्षों से इस समस्या से जूझ रहे हैं। उन्होंने इस बारे में अधिकारियों से लेकर मंत्री तक गुहार लगाई। परंतु किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। ओम प्रकाश खत्री, इकबाल सिंह हुड्डा, प्रेम सिंह आदि कॉलोनीवासियों ने बताया कि उनकी कॉलोनी में घरों के ऊपर से बिजली की तारे गई हुई हैं, जोकि बहुत ही जर्जर हालत में हैं। जिसकी शिकायत वह अधिकारियों और विधायकों को दे चुके हैं, परंतु अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
उन्होंने बताया कि उनकी कॉलोनी की गलियों में बिजली के खंभे लगे हुए हैं, फिर भी बिजली के तार छतों के ऊपर से गुजारे गए हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में जब अधिकारियों से बातचीत की गई तो उन्होंने एस्टीमेट बता कर लोगों से ही वसूलने की बात की। उन्होंने बताया कि पूरे शहर की खराब बिजली के तारों को बदला जा रहा है। तो उनकी कॉलोनी के साथ यह सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बरसाती मौसम में स्थिति और अधिक भयावह हो जाती हैं। आंधी आती है तो तार टूट भी जाती है और बिजली विभाग के कर्मचारी यहीं पर जोड़ कर चले जाते हैं।