- अवैध कॉलोनियों में नागरिक सुख-सुविधाएं व अवसंरचना का प्रबंधन अधिनियम 2021 प्रकाशित
- अधिसूचना जारी होने के 6 महीने के अन्दर पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए कर सकते हैं आवेदन
- उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी आवेदनों की जांच
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। उपायुक्त ललित सिवाच ने बताया कि सरकार द्वारा नगर तथा ग्राम आयोजना विभाग के माध्यम से जारी अधिसूचना के अंतर्गत प्रदेश के नगर पालिका क्षेत्रों के बाहर अपूर्ण नागरिक सुख-सुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन अधिनियम 2021 को प्रकाशित किया गया है। इस अधिनियम का प्रावधान नगर निगम, पालिका, परिषद की सीमा से बाहर विकसित अवैध कॉलोनियों में आवश्यक सुविधाओं की पूर्ति के लिए उन्हें अनुमोदित करने के लिए किया गया है। यह पॉलिसी अवैध कॉलोनियों में निवास करने वाले लोगों के लिए लाभकारी है। नागरिक सरकार की इस लाभकारी नीति का भरपूर लाभ उठाये।
उपायुक्त सिवाच ने बताया कि यह पॉलिसी नगरपालिका, परिषद, निगम की सीमा से बाहर पडऩे वाली निजी भूमि पर विकसित ऐसी अवैध कॉलोनियों पर लागू होगी, जिनमें अवैध निर्माण अथवा कोई विक्रय 1 जुलाई 2022 से पहले का है। कॉलोनी के क्षेत्रफल की कोई अधिकतम अथवा न्यूनतम सीमा नहीं है। कोई कॉलोनाइजर, भू-स्वामी अथवा रैजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन अधिसूचना जारी होने के 6 महीने के अन्दर आवेदन कर इस पॉलिसी का लाभ ले सकते है। इस पॉलिसी के तहत नियमित न होने वाली कॉलोनियों अवैध निर्माण की श्रेणी में रहेगी और इस पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।
उपायुक्त ने बताया कि जारी की गई इस अधिसूचना के अनुसार 6 महीने की अन्दर-अन्दर अवैध कॉलोनियों के डेवलपर्स, जमीन मालिक अथवा रेजिडेंसियल वैलफेयर एसोसिएशन को आवेदन करना होगा एवं आवेदन के साथ कॉलोनी का लेआउट प्लान व मलकियत से संबंधित राजस्व दस्तावेज संलग्न करने होंगे। उन्होंने बताया कि जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी आवेदनों की जांच करेगी। इस कमेटी में जिला नगर योजनाकार (कन्वीनर), मुख्य कार्यकारी अधिकारी (मैम्बर), जिला परिषद, जिला विकास पंचायत अधिकारी (मैम्बर), कार्यकारी अभियंता, पीडबल्युडी बी एंड आर (मैम्बर), कार्यकारी अभियंता पीएचईडी (मैम्बर) जिला अग्नि शमन अधिकारी (मैम्बर), कार्यकारी अभियंता पंचायती राज (मैम्बर), तहसीलदार (मैम्बर) शामिल हैं।
उपायुक्त सिवाच ने बताया कि कमेटी की अनुशंसा पर अवैध कॉलोनियों में बुनियादी सुविधाएं देने व इन्हें नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी तथा आवेदकों द्वारा कॉलोनियों को नियमित करने हेतु बिल्ट अप एरिया के लिए कलैक्टर रेट का 5 प्रतिशत और खुले क्षत्रों के लिए 10 प्रतिशत की दर से विकास शुल्क जमा करवाने उपरान्त कॉलोनियों को नियमित किया जाएगा तथा वहां रहने वाले नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने बताया कि दिनांक 19 जुलाई 2022 को जारी पोलिसी अनुसार अवैध कॉलोनियों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। जिन कॉलोनियों में 25 प्रतिशत तक निर्माण हो चुका है, वहां सडक़ों को 9 मीटर से अधिक चौड़ा करते हुए पार्क का निर्माण कराया जाएगा। 20 एकड़ से अधिक में बसी कॉलोनियों में 500 वर्गमीटर क्षेत्र सामुदायिक भवन के लिए होगा।
इसी तरह जहां 25 से 50 प्रतिशत तक निर्माण हो चुका है, वहां सडक़ों को न्यूनतम 6 मीटर चौड़ा करने के लिए जगह रखी जायेगी। पार्कों के लिए न्यूनतम 3 प्रतिशत क्षेत्र रखना होगा। 50 से 75 प्रतिशत तक निर्माण वाली कॉलोनियों में पहुंचमार्ग का कोई मापदण्ड नहीं रखा गया। अपितु आंतारेक सडक़े कम से कम 06 मीटर चौड़ी होंगी। जिला नगर योजनाकार अधिकारी नरेश कुमार ने बताया कि उपरोक्त प्रावधानों के तहत आवेदन की प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज व अन्य जानकारी के लिए विभाग द्वारा 19 जुलाई 2022 को जारी अधिसूचना संख्या एमआईएससी-632एसटीपी(ई एंड वी)/2022/507 देखी जा सकती है अथवा स्थानीय हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सैक्टर-15 स्थित जिला नगर योजनाकार कार्यालय से सम्पर्क किया जा सकता है।