- – भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने रिसर्च असिस्टेंट के रूप में किया डा. गुप्ता का चयन
- – डा. राजेश गुप्ता ने संस्कृति मंत्रालय का गौरवमयी कार्य में चयन के लिए जताया आभार
- -डा. गुप्ता हिंदू कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसीपल पद को कर रहे सुशोभित
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। इतिहासकार डा. राजेश गुप्ता हरियाणा के उन गुमनाम नायकों को खोजने का काम करेंगे, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपना सर्वस्व कुर्बान कर दिया। किंतु इतिहास के पन्नों में उन्हें स्थान नहीं मिल सका। इसके लिए संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार ने डा. गुप्ता का चयन किया है। संस्कृति मंत्रालय ने हरियाणा के तीन इतिहासकारों को इस कार्य के लिए चुना है, जिनमें सोनीपत जिला से एकमात्र डा. गुप्ता को यह गौरवमयी उपलब्धि मिली है।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों को खोजने का पुनीत कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने ली है। संस्कृति मंत्रालय इसके लिए समर्पित इतिहासकारों को साथ जोडक़र इस कार्य को गति प्रदान कर रहा है। इस कड़ी में हिंदू कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसीपल एवं इतिहासकार डा. राजेश गुप्ता को भी शामिल किया गया है, जिन्हें संस्कृति मंत्रालय ने रिसर्च असिस्टेंट के रूप में नियुक्त किया है। इनके अलावा कैथल से कविता और भिवानी से डा. रविप्रकाश को भी शामिल किया गया है।
डा. राजेश गुप्ता ने अपने चयन के लिए संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार का विशेष आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत देशभर के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल रहे गुमनाम नायकों का रिकॉर्ड एकत्र कर एक जगह संस्कृति मंत्रालय के माध्यम से प्रकाशित करने का निर्णय लिया गया है। इस कड़ी में चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी में विभागाध्यक्ष डा. रवि प्रकाश को विशेष दायित्व सौंपा है, जिनके साथ मिलकर वे भी गुमनाम नायकों को खोजेंगे। गौरतलब है कि डा. राजेश गुप्ता की द्वारा लिखित पुस्तक – भारत का स्वतंत्रता आंदोलन और हरियाणा का वैश्य समाज (1919 से 1947) प्रकाशित हो चुकी है। उनकी दूसरी पुस्तक – 1857 की क्रांति तथा दिल्ली के आसपास का वैश्य समाज की भूमिका प्रकाशन की ओर अग्रसर है। उनके लेख भी अनेक शोध पुस्तकों में प्रकाशित हो चुके हैं।
अब वे पूर्ण ईमानदारी, कर्मठता व समर्पण के साथ गुमनाम नायकों को खोजने में जुट रहे हैं। डा. राजेश गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह बेहतरीन पायलट परियोजना है कि ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों को खोजने का काम किया जा रहा है, जिनको इतिहास में स्थान नहीं मिला। पहले इस तरह का प्रमाणित रिकॉर्ड सूचीबद्घ नहीं किया गया। ऐसा पहली बार किया जा रहा है, जिससे आजादी के नायकों की एक अलग पहचान बनेगी। रिकॉर्ड तैयार होने के बाद गुमनाम नायको के परिजन तथा देश का कोई भी नागरिक उस रिकॉर्ड को संस्कृति मंत्रालय में देख सकेगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी जन के पास इस प्रकार की कोई जानकारी हो तो वह उनके साथ साझा कर सकते हैं।