- आशा वर्कर काली चुन्नी काला सूट पहनकर करेंगी पोलियो में विरोध प्रदर्शन
- प्रदेश सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी
- आशा वर्करों ने डीएसपी को सौंपा अपनी मांगों को पत्र
- शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने जा रही आशा वर्करों को रास्ते में रोका
- सरकार द्वारा की गई घोषणाओं को लागू करने की कर रही हैं मांग
- आशा वर्करों की कोई नई मांग नहीं है
- आशा वर्करों ने पंचायत भवन में बैठक कर जताया रोष
- पंचायत भवन से लघु सचिवालय तक किया रोष प्रदर्शन
रणबीर सिंह, सोनीपत। आशा वर्कर अपनी मांगों को लेकर 17 फरवरी को अंबाला में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के आवास पर जा रही थी। प्रदेश के गृह मंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ने आदेश दिए कि कोई भी आशा वर्कर अंबाला नहीं पहुंचने चाहिए, जो अलोकतांत्रिक कदम था। सीआईडी पुलिस, लेडीज पुलिस, आशा वर्करों के घरों पर सुबह ही दस्तक देने लग गई, धमकाने डराने लग गई। रास्ते में जहां-जहां गाड़ियां पहुंची। वहीं पर रोक ली गई। थाना में बंद किया गया।
इस पुलिस ज्यादती के खिलाफ आज पूरे प्रदेश में एसपी के माध्यम से गृहमंत्री को ज्ञापन भेज रहे हैं और इस गलती का मुंहतोड़ जवाब देते हुए प्रदर्शन किया जा रहा है, आज पूरे प्रदेश में प्रदर्शन जा रहा है। सोनीपत में प्रदर्शन की अध्यक्षता जिला प्रधान अनीता, छवि व सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के उपाध्यक्ष शिल्लक राम मलिक ने किया। उन्होंने कहा कि 17 फरवरी को आशा वर्कर गाड़ियों में स्वास्थ्य मंत्री के आवास का घेराव करने के लिए जा रही थी, उनकी गाडियों को पुलिस द्वारा रोका गया। आशा वर्करों को अंबाला जाने से रोका गया। सरकार के इस कदम की घोर निंदा करते है।
रात को ही हमारे नेताओं को घरों पर जाकर बैठ गए, जिसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। हमारी नई मांग नहीं है, पुरानी मांग है। जो हमारा 2018 में 50 प्रतिशत काटा गया है। कोरोना के दौरान आशा वर्करों ने फ्रंट लाइन में जो काम किया है। लॉकडाउन में आशा वर्कर घर-घर जाकर लोगों की रिपोर्ट इक्ट्टी कर रही थी। धरातल पर काम करने वाले आशा वर्कर तुच्छ मानदेय पर काम कर रही है। आशा वर्करों की पिछले चार साल से फाइल चली हुई है। जिस पर अभी तक कोई काम नहीं हुआ है। सरकार की योजनाओं में आशा वर्करों को बहुत बड़ा योगदान है। आशा वर्करों से ताली-थाली बजवाई और इन पर फूल बरसवाए। इनको एक हजार रुपए विशेष भत्ता देना जो नहीं दिया गया।