रणबीर सिंह, सोनीपत। स्थानीय निकाय विभाग द्वारा शहर की संपत्तियों पर कलैक्टर रेट का 5 प्रतिशत विकास शुल्क लगाये जाने की जारी की गई अधिसूचना पर अभी रोक लगा दी गई है, ऐसा कहना है विभाग के मंत्री कमल गुप्ता का। इस बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने बताया कि समाचार पत्रों में खबर छपने के बाद उन्होंने विकास शुल्क लगाने से जनता में फैले आक्रोश से मंत्री कमल गुप्ता को अवगत करवाया था। जिस पर मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को विकास शुल्क न वसूलने के आदेश जारी कर दिए हैं।
विभाग के मंत्री ने यह भी कहा है कि विकास शुल्क बारे पुनर्विचार करके जनता की राय के बाद फैसला किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में स्थानीय निकाय विभाग द्वारा स्थानीय निकाय की सभी इकाइयों, नगर निगम, निगम परिषद एवं पालिकाओं को वित्तीय दृष्टि से स्वयं के संसाधनों को मजबूत करने के लिए विकास शुल्क लगाने का निर्णय लिया था। नागरिकों को इस बात पर एतराज था कि एक तो कलैक्टर का 5 प्रतिशत विकास शुल्क लाखों में बैठेगा जो गरीब व्यक्ति के लिए जमा करवाना उसके बूते के बाहर होगा तथा दूसरा पहले किसी ने विकास शुल्क जमा करवा रखा है तो संपत्ति बेचने के समय पहले जमा करवाये विकास शुल्क और मौजूदा लगे विकास शुल्क की राशि का अंतर एनओसी लेने के लिए जमा करवाना पड़ेगा जोकि बिल्कुल भी व्यवहारिक नहीं हैं।
राजीव जैन ने बताया कि उन्होंने मंत्री कमल गुप्ता को सुझाव दिया है कि यदि सरकार स्थानीय निकाय को चंडीगढ़ से आने वाली ग्रांट पर निर्भर न रखने की बजाय स्वयं के संसाधनों को बढ़ाने पर जोर देना चाहती है तो भारी भरकम विकास शुल्क या अन्य टैक्स लगाने पर जोर न दे, बल्कि अवैध निर्माणों को रोककर फीस वसूलने, विज्ञापन टेंडर जारी करने, विभिन्न प्रकार की जुर्माना राशियों को वसुलने तथा प्रॉपर्टी टैक्स की रिकवरी को बढ़ाने पर ध्यान दे।