- आंगनवाड़ी वर्करों ने ढोल और प्लेट-चम्मच बजाकर किया विरोध प्रदर्शन
- सांसद रमेश कौशिक के आवास का किया घेराव
- सांसद को 3 बार दे चुके हैं ज्ञापन, हल नहीं निकला तो कान खोलने के लिए लिया ढोल
- चम्मच और प्लेट का सहारा, सोए सांसद और विधायकों को जगाने के लिए लिया ढोल का सहारा
- न्यूनतम वेतन 24 हजार की कर रहे हैं मांग, समान काम समान वेतन हो लागू, सैकड़ों की संख्या में पहुंची आंगनवाड़ी वर्कर
रणबीर सिंह, सोनीपत। सोनीपत में आंगनवाड़ी वर्करों का प्रोटेस्ट लगातार जारी है। इसी कड़ी में आज आंगनबाड़ी वर्करों ने अनोखे ढंग से प्रोटेस्ट किया है, जहां सोनीपत के सांसद रमेश कौशिक के आवास पर ढोल और चम्मच प्लेट बजा कर आवास का घेराव किया। आंगनबाड़ी वर्करों ने आरोप लगाया है कि सांसद को कई बार ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं हुआ है। सांसद को जगाने के लिए आज ढोल, चम्मच प्लेट बजाकर कर विरोध प्रदर्शन किया है। आंगनवाड़ी वर्करों ने अग्रसेन चौक पानी की टंकी पर इकट्ठा होकर ढोल, थाली, चम्मच बजाकर शहर की सड़कों पर रोष प्रदर्शन करते हुए सांसद रमेश कौशिक के आवास की घेराबंदी की। प्रदर्शन का नेतृत्व यूनियन की प्रधान गीता नागर, सुमन, उषा रानी, सोना देवी, सीटू के जिला प्रधान आनंद शर्मा एवं एआईयूटीयूसी के नेता सेवानंद कर रहे थे।
प्रदेश भर में आंगनवाड़ी वर्करों ने 66वें दिन भी अपना प्रोटेस्ट जारी रखा। इसी क्रम में सोनीपत में आंगनबाड़ी वर्करों ने एकत्रित होकर अनोखे ढंग से प्रोटेस्ट किया है, जहां सैकड़ों की तादाद में आंगनवाड़ी वर्कर अपने हाथों में चम्मच प्लेट लेकर पहुंची। वही ढोल बजाकर प्रोटेस्ट किया गया है। आरोप यह है कि सांसद को कई बार ज्ञापन दिया जा चुका है, लेकिन ज्ञापन देने के बाद भी सांसद और प्रदेश सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। ऐसा लगता है कि प्रदेश सरकार और सांसद सो रहे हैं। सोई हुई सरकार और सांसद को जगाने के लिए ढोल और चम्मच प्लेट का सहारा लिया गया है। वही आंगनवाड़ी वर्कर समान काम समान वेतन के लिए लगातार मांग कर रही हैं।
सीटू के प्रधान आनंद शर्मा ने कहा 8 दिसंबर से पूरे प्रदेश भर में एक करीबन 52000 आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर प्रदेश सरकार के खिलाफ लगातार प्रोटेस्ट कर रही है। कई बार सत्ता पक्ष के सांसद और विधायकों को ज्ञापन दिया जा चुका है। वहीं विपक्ष के विधायकों को भी तीन बार ज्ञापन दिया है, लेकिन अभी तक कोई भी हल नहीं निकला है। बहरे सांसद और विधायकों को जगाने के लिए आंगनवाड़ी वर्कर थाली प्लेट और चम्मच लेकर पहुंची है। ढोल बजाकर बहरे गूंगे सांसद और विधायकों को जगाने के लिए प्रोटेस्ट कर रही हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 2018 में आंगनबाड़ी वर्करों के साथ समझौता कर वर्कमैन मानते हुए आउटसोर्स पर वर्करों को मिलने वाला वेतन देने का ऐलान किया था। वहीं उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश की आंगनवाड़ी वर्कर 14 फरवरी को करनाल में पहुंचेगी और प्रदेश के मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करेंगे। मांगों को लेकर लगातार आंदोलन तेज किया जाएगा। सीटू के जिला प्रधान आनंद शर्मा एआईयूटीयूसी के नेता सेवानंद ने केंद्र व राज्य सरकार की महिला विरोधी नीतियों की घोर आलोचना करते हुए कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली केंद्र व राज्य सरकार प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा अनुसार 15 सौ रुपए वर्कर को 750 सौ हेल्पर को देने शुरू नहीं कर रही है।
वही खुद मुख्यमंत्री के साथ हुए समझौते अनुसार 2018 में आंगनवाड़ी वर्करों को मजदूर मानते हुए न्यूनतम वेतन आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलने वाला देने पर सहमति बनी थी और छठे महीने महंगाई के आंकड़े वेतन से अलग जोड़कर देने की बात हुई थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने न तो प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 15 सौ रुपए वर्कर को 750 रुपए हेल्पर को दे रहा है और ना ही अपने द्वारा किए गए समझौते को लागू कर रहा है। जिस कारण प्रदेश में आंगनवाड़ी वर्करों में भारी रोष है और रोष स्वरूप विधायकों, सांसदों, मंत्रियों के आवासों पर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। शहरी ठेका सफाई कर्मचारियों ने आंगनवाड़ी वर्करों के समर्थन में प्रदर्शन में शामिल हुए और ढोल की व्यवस्था भी की। इस दौरान नवीन, मुकेश, अजय टाक, दलबीर सिंह, नफे सिंह मुख्य रूप से शामिल हुए।