- एक सैनिक की बेटी ने कविता के माध्यम से किया केन्द्र व प्रदेश सरकार पर कटाक्ष
- देश भक्ति गीतों के माध्यम से किया देश के सैनिकों को नमन
- जब तक मांगों का समाधान नहीं होगा धरना जारी रहेगा
सोनीपत, 24ब्यूरो। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं की हड़ताल 8 दिसंबर से लगातार लघु सचिवालय परिसर में जारी रही आज ज्यादा कोहरा व ठंडे होने के कारण आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पूरे जोश के साथ धरना स्थल पर पहुंची। धरना स्थल पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने मकर संक्रांति का पर्व रेवड़ी, मूगफली बांटकर मनाया। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उनकी जायज मांगों जो 2018 में हरियाणा के मुख्यमंत्री से हुए समझौते के तहत श्रमिक का दर्जा देना, अर्ध कुशल और कुशल श्रमिक के आधार पर वेतन तय करना, अन्य कर्मचारियों की तरह महंगाई भत्ता देना और प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा कार्यकर्ता को 15 सौ व सहायिका को 750 रूपए देना, पोषण ट्रैकर एप को लागू ना करना आदि को तुरंत स्वीकार करे।
उन्होंने कहा कि बच्चों की देखरेख और पौष्टिकता की दृष्टि से समग्र बाल विकास परियोजना की बहुत बड़ी भूमिका है, परंतु सरकार इसका भी निजीकरण करने पर आमदा है। इसके खिलाफ निश्चित रूप से लड़ाई लड़ने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि हजारों आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका की हड़ताल को चलते एक महीने से ज्यादा हो गया है, परंतु हरियाणा की खट्टर सरकार हठधर्मिता पर अड़ी है और फूट डालकर आंदोलन को दबाने के रास्ते पर चल रही है। इस दौरान एक पूर्व सैनिक ने भी अपने संगठन की तरफ से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अपना समर्थन दिया। इस दौरान एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं पूर्व सैनिक की बेटी ने एक कविता के माध्यम से केन्द्र व प्रदेश सरकार पर कटाक्ष किया। वहीं देश के सैनिकों को याद करते हुए दो अन्य देशभक्ति गीत प्रस्तुत कर देश के सैनिकों को नमन किया।
अपनी 19 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 38 दिनों से लगातार लघु सचिवालय के नजदीक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का धरना मकर संक्रांति के दिन भी जारी रहा। धरने को कई संगठनों के पदाधिकारियों ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की जायज मांगों का समाधान कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक धरना ऐसे ही लगातार जारी रहेगा। सरकार बार-बार धरने को खत्म करने का असफल प्रयास कर रही है, लेकिन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एकजुटता के साथ धरने पर डटी रहेगी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका तालमेल कमेटी बनाकर 8 दिसंबर 2021 से अब तक लगातार हड़ताल करती आ रही हैं। धरने पर सोना देवी, गीता नागर, सुनीता, उषा, आनन्द शर्मा, विनोद शर्मा, सहित काफी संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।
सकरात का त्यौहार धरनास्थल पर मनाया
सकरात एक त्यौहार है। जिसमें परिवारों एवं रिश्तेदारों में रूठे हुए व्यक्तियों को मनाया जाता है। जिसे आंगनवाड़ी वर्करों ने उपायुक्त कार्यालय सोनीपत पर जहां हड़ताल में शामिल होकर अपनी मांगों के समर्थन में और हरियाणा सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ गगनभेदी नारे लगाए। वही सकरात जैसा त्यौहार भी धरनास्थल पर ही मनाया गया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व गीता नागर, सोना देवी, विद्या देवी आदि कर रही थी, जबकि संचालन बाला एवं प्रताप सिंह कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों को सीटू के जिला प्रधान आनंद शर्मा, एआईयूटीयूसी के नेता प्रताप सिंह ,पीडब्लूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन हरियाणा के सचिव विनोद शर्मा, भारतीय किसान यूनियन के लीगल सेल चेयरमैन ब्रहम सिंह दहिया, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के जिला सचिव राजपाल सिंह, गीता नागर, विद्या, सोना देवी, बाला, पूनम, रेखा, कविता, विमला आदि ने संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने मन की बात में दीवाली पर दिया था तोहफा
सरकार से मांग की कि हमारी कोई अलग से मांग नहीं है। वर्ष 2018 में खुद मुख्यमंत्री के साथ समझौता हुआ था कि वर्कर एवं हेल्पर को वर्कर मानते हुए न्यूनतम वेतन दिया जाएगा और महंगाई के आंकड़े हर छठे महीने जोड़े जाएंगे। यह खुद मुख्यमंत्री के साथ समझौता हुआ था, लेकिन 2018 में किए गए समझौते को अभी तक भी मुख्यमंत्री खट्टर ने लागू नहीं किया है। वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में ही मन की बात में दिवाली के मौके पर पूरे देश की आंगनवाड़ी वर्करों को ऑनलाइन जोड़कर तोहफे के रुप में 15 सो रुपए वर्कर को 750 रुपये हेल्पर को देने की घोषणा की थी। जो पूरे देश में लागू हुई है, परंतु हरियाणा के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा को भी लागू नहीं किया है।
लागू करने की बजाय आंगनवाड़ी वर्करों को नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही है, नोटिस दिए जा रहे हैं और आंदोलन को कमजोर करने के लिए वर्करों की एकता को तोड़ने का असफल प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 15 सो रुपए वर्कर को 750 रूपये हेल्पर को नहीं दिए जाते और 2018 में किया गया समझौता लागू नहीं किया जाता, तमाम वर्कर्स हेल्पर को वर्कर का दर्जा देते हुए न्यूनतम वेतन लागू नहीं किया जाता आंदोलन जारी रहेगा।