- मेरठ के विकास के लिए सभी सहयोग करें
- भू-स्वामियों को शहरी क्षेत्र में सर्किल रेट का दोगुना व ग्रामीण क्षेत्र में मिलेगा चार गुना मुआवजा
- सीधे बैनामा कर जमीन खरीदी जायेगी जमीन, हस्तानांतरण होगा एनसीआरटीसी के नाम
मेरठ, मुकेश ठाकुर। दिल्ली से गाजियाबाद होते हुये मेरठ तक आने वाली रैपिड़ रेल का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। लगभग 82 किमी लंबे इस मार्ग की दूरी को 55 मिनट में पूरा करना प्रस्तावित है। जनपद मेरठ में आरआरटीएस (रीजनल रैपिड़ ट्रांजिट सिस्टम) के 12 स्टेशन होंगे। इन स्टेशनो के लिए भूमि उपलब्ध कराने के संबंध में विकास भवन सभागार में भू-स्वामियों के साथ आहूत बैठक की अध्यक्षता करते हुये जिलाधिकारी के0 बालाजी ने कहा कि मेरठ के विकास के लिए सभी सहयोग करें। उन्होंने भू-स्वामियों से कहा कि आप लोगो से फिर से वार्ता भी की जायेगी। जिलाधिकारी के0 बालाजी ने कहा कि आरआरटीएस (रीजनल रैपिड़ ट्रांजिट सिस्टम) आ जाने से मेरठ व एनसीआर क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेगी, नौकरी के अवसर बढेंगे, सुविधाएं बढेगी, यातायात व्यय घटेगा तथा समय की बचत होगी, ईधन खपत कम होगी, जाम से मुक्ति, प्रदूषण रहित व सुरक्षित सफर होगा।
उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में भूमि के लिए सर्किल रेट का दोगुना व ग्रामीण क्षेत्र में सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा दिया जायेगा। अपर जिलाधिकारी वित्त सुभाष चन्द्र प्रजापति ने कहा कि सीधे बैनामा कर जमीन खरीदी जायेगी। जमीन का हस्तानांतरण एनसीआरटीसी (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन) के नाम होगा। उन्होंने बताया कि मेरठ में 12 स्टेषन रैपिड रेल के लिए बनाये जायेगे जिसमें मेरठ दक्षिण, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, मेरठ सैन्ट्रल, ब्रहमपुरी, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कालोनी, डौरली, मेरठ नार्थ व मोदीपुरम है। इस अवसर पर आरआरटीएस के लैंड आफिसर डी0पी0 श्रीवास्तव, आरआरटीएस मोदीनगर के डिप्टी सीपीएम शैलेन्द्र वर्मा सहित अन्य अधिकारी व भू-स्वामी उपस्थित रहे।