आशावर्करों को मिलेगी पोजिटिव केसों की सूची, -ऑक्सीमीटर से पोजिटिव मरीज का ऑक्सीजन लेवल चैक करने उपरांत सामान्य लेवल से कम आने तुरंत सुरक्षा घेरे में करवाएं रेफर, -सूची अनुरूप मरीज को हालत के अनुसार रखा जाएगा चिकित्सीय देखरेख में, -सभी चिकित्सा केन्द्रों को उपलब्ध करवाएं जाएंगे डाटा इंट्री ऑपरेटर
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने लघु सचिवालय के कांफ्रेंस हॉल में जिला के चिकित्सीय अधिकारियों एवं डॉक्टरों की बैठक में कहा कि किसी भी कोरोना संक्रमित को अपने सुरक्षा चक्र से बाहर ना निकलने दे। इसलिए सैंपलिंग का कार्य युद्घ स्तर पर करें तथा जिला के सभी स्वास्थ्य केन्द्र मिलाकर 05 हजार से उपर सैंपलिंग का लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करें। जिला के 347 गांवों में सैंपलिंग का कार्य एवं मरीजों के टेली कंसलटेशन का कार्य पूरी तीव्रता से सुनिश्चित किया जाए।
उपायुक्त ने कहा कि सभी चिकित्सक इस बात का ध्यान रखें कि किसी गांव में अथवा क्षेत्र में मृत्यु होता है तो उसपर पैनी नजर बनाकर उस क्षेत्र में संक्रमण को रोकने के लिए अपना कई लेयर का घेरा बनाएं। जिसमें टीकाकरण, लोगों की टेस्टिंग, कंट्रोल रूम से संबंधित क्षेत्र में टेली कंसलटेशन, आशा वर्करों द्वारा लोगों का ऑक्सीजन लेवल जांचना तथा प्राथमिक उपचार में लगी टीमें युद्घ स्तर पर कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कार्य करें, ताकि संक्रमण की चेन आगे न बढ सके। इस अभियान में यदि किसी मरीज का ऑक्सीजन लेवल सामान्य से कम हो तो उसे शीघ्र ऑक्सीजन बेड की सहायता के लिए कोविड केयर सेंटर भिजवाने की कार्यवाही अमल में लाएं। यदि उसकी स्थिति गंभीर हो तो अपने उच्च अधिकारियों के संज्ञान में मामला लाएं, ताकि मरीज गंभीर रूप से ग्रसित ना हो। क्योंकि प्राथमिक ईलाज बहुत महत्व रखता है यदि मरीज को प्राथमिक स्तर पर ही उपचार मिल जाए तो उसकी स्थिति खराब नहीं हो सकती।
ईलाज के लिए किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आनी चाहिए
उपायुक्त पूनिया ने चिकित्सकों को निर्देश दिए कि टीकाकरण में सतर्कता बरते और टीकाकरण की टीम को चिकित्सा केन्द्रों से स्कूलों के प्रांगण में स्थानांतरित करें, ताकि टीकाकरण का घेरा शत प्रतिशत सुरक्षित रहे और टीका लगवाने वाला व्यक्ति बेहिचक टीका लगवाने के लिए टीम के पास पहुंच सके। उपायुक्त ने बैठक में आदेश दिए कि कोई भी स्वास्थ्य केन्द्र बिना पीपीई किट, ऑक्सोमीटर एवं कोरोना मरीज के ईजाल में प्राथमिक स्तर पर प्रयोग होने वाले अन्य संयंत्र की कमी नहीं होनी चाहिए। इतना ही नहीं यदि किसी स्वास्थ्य केन्द्र में यंत्र तो है लेकिन चालू हालात में नहीं है तो उसे शीघ्र चालू करवाएं। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि स्वास्थ्य की चेन से जुडे और कोरोना की लड़ाई में लगे हुए एक सफाई कर्मचारी से लेकर जिला अधिकारी तक किसी भी स्तर के अधिकारी व कर्मचारी को ईलाज के लिए किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आनी चाहिए। उन्होंने मौके पर निर्देश दिए कि सरकारी अस्पताल में कम से कम 10 बेड तथा निजी अस्पताल में एक-एक बेड इन योद्घाओं के लिए आरक्षित रखा जाए। उपायुक्त ने कहा कि कोरोना मरीजों से संबंधित डाटा संकलित करने के लिए प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र पर डाटा इंट्री ऑपरेटर भेजे जाएंगे ताकि कोरोना मरीजों से संबंधित आकड़े लगातार अपडेट होते रहे और उन आकड़ों के आधारा पर कोरोना की लड़ाई में टीम समय पर पहुंच सके।