- जिला निर्वाचन अधिकारी ने जिला के प्रिंटिंग प्रेस मालिकों को दिए सख्त निर्देश
रणबीर रोहिल्ला, श्याम वशिष्ठ, सोनीपत। जिला निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार ने जिला के प्रिंटिंग प्रेस मालिकों को निर्देश दिए हैं कि वे बिना जांच पड़ताल व नियमों के विरूद्ध जाकर कोई भी चुनाव प्रचार सामग्री प्रकाशित न करें। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान मुद्रक व प्रकाशक के नाम के बिना चुनाव से संबंधित पम्पलेट व पोस्टर आदि छापना जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127 ए का उल्लंघन है और ऐसा करने वाले प्रिंटर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-188 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को यह भी निर्देश दिए हैं कि चुनाव से संबंधित हर सामग्री पर मुद्रक व प्रकाशक का नाम अवश्य छापें। उन्होंने कहा कि भारतीय चुनाव आयोग ने लोकसभा उम्मीदवारों के खर्च की सीमा निर्धारित की हुई है, इसलिए यह जरूरी है कि उनके पम्पलेट व पोस्टर आदि के खर्च का भी पूरा हिसाब किताब रहे।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि लोकसभा आम चुनाव से संबंधित पम्पलेट व पोस्टर आदि उसी स्थिति में छापें जब सामग्री छपवाने वाला व्यक्ति हलफनामे के साथ दो गवाह दें और उनके हस्ताक्षर भी लेने जरूरी हैं। ऐसे पोस्टर व पम्पलेट आदि छापने के बाद उनकी एक कॉपी जिला मजिस्ट्रेट को भेजनी होगी और राज्य स्तर पर मुख्य चुनाव अधिकारी को कॉपी भेजकर यह बताना होगा कि अमूक व्यक्ति ने चुनाव से संबंधित कितनी संख्या में पोस्टर अथवा पम्पलेट छपवाएं है और उनके खर्च का भी विवरण देना होगा। उन्होंने कहा कि कॉपी से कॉपी करना भी इसी श्रेणी में आता है। चुनाव पम्पलेट, पोस्टर का अर्थ प्रचार के लिए प्रयोग किए जाने वाले उन सभी कागजातों से है, जिनमें किसी भी राजनैतिक दल या लोकसभा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार से संबंधित प्रचार की जानकारी हो।