- आंगनवाड़ी वर्कर और आशा वर्कर पूर्ण जिम्मेदारी के साथ करें कार्य, अवैध लिंग जांच करवाने वालों की दें सूचना
-कन्या भ्रूण हत्या व अवैध लिंग जांच करवाने वालों की सूचना गुप्त रखते हुए देंगे एक लाख रुपये का पुरस्कार
-9817596358 मोबाईल नंबर पर दें सूचना, नंबर को सार्वजनिक स्थलों पर करवायें चस्पा
श्याम वशिष्ठ, सोनीपत। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शत-प्रतिशत सफलता के लिए सबके सक्रिय सहयोग की अपील करते हुए उपायुक्त डा. मनोज कुमार ने 500 से कम लिंगानुपात वाले गांवों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। साथ ही उन्होंने कड़ी चेतावनी दी कि संबंधित गांवों की आंगनावाड़ी वर्करों व आशा वर्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गुरूवार को लघु सचिवालय में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कम लिंगानुपात वाले गांव संदेह के दायरे में आते हैं। इन गांवों की आंगनवाड़ी वर्करों व आशा वर्करों को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन पूर्ण जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए। उन्हें अवैध रूप से लिंग जांच तथा कन्या भ्रूण हत्या करवाने वालों की सूचना देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन गांवों की संबंधित एएनएम की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।
उपायुक्त ने आम जनमानस का आह्वान भी किया कि बेटियों के संरक्षण के लिए वे भी अपनी जिम्मेदारी निभायें। अवैध रूप से लिंग जांच तथा कन्या भ्रूण हत्या करवाने वालों की सूचना देने वालों की पहचान पूर्ण रूप से गुप्त रखते हुए उन्हें एक लाख रुपये की राशि के पुरस्कार से सुशोभित किया जाएगा। इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग के नंबर- 9817596358 पर दी जा सकती है। इस नंबर को सभी सार्वजनिक स्थलों पर भी चस्पा करवायें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी कड़े निर्देश दिए कि वे प्रसव पूर्व लिंग जांच अधिनियम के तहत अधिकाधिक रेड करें। इस दुष्कृत्य में संलिप्त चिकित्सकों व अन्य लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने आंगनवाड़ी प्ले स्कूलों तथा वन स्टोप सेंटर की भी समीक्षा करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
15 फरवरी को मनायेंगे राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस
उपायुक्त ने कहा कि 15 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विशेष रूप से शिक्षा तथा महिला एवं बाल विकास विभाग को सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि 1 वर्ष से 19 वर्ष आयु के सभी बच्चों तथा किशोर-किशोरियों को कीड़े मारने की दवा खिलाना सुनिश्चित करें। प्रत्येक छह माह में यह गोली खिलाई जाती है। यदि कोई बच्चा 15 फरवरी को गोली से वंचित रह जाए तो उसे 20 फरवरी को गोली खिलवाना सुनिश्चित करें।