- देश के प्रत्येक राज्य से दिल्ली पहुंचेंगे पेंशन विहीन कर्मचारी : देवराज बाल्यान
- पेंशन कर्मचारी का संवैधानिक अधिकार : पीबीएसएस
- सोनीपत के हर विभाग में पहुंचेगी पेंशन बहाली की टीम : आईटी सचिव संदीप
रणबीर सिंह, सोनीपत। पेंशन बहाली संघर्ष समिति का जनसंपर्क अभियान शुक्रवार राजकीय महाविद्यालय बढौता, राजकीय कन्या महाविद्यालय गोहाना, भगत फूलसिंह विश्वविद्यालय व मेडिकल कॉलेज खानपुर में पहुंचा। बैठक में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के एनपीएस कर्मचारी व अधिकारी एकत्रित हुए। जिसमें जिला कार्यकारिणी से जिला आईटी सचिव संदीप, राज्य कार्यकारिणी से प्रदेश मुख्य सलाहकार प्रमोद ईष्टकान व प्रदेश उपाध्यक्ष देवराज बाल्यान उपस्थित रहे।
इस अवसर पर प्रदेश मुख्य सलाहकार प्रमोद ईष्टकान ने कहा कि एक अक्तुबर को पेंशन शंखनाद महारैली दिल्ली के रामलीला मैदान में होने जा रही है, जिसमें एन. एम. ओ. पी. एस. राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बंधु, राष्ट्रीय संगठन सचिव व प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल के नेतृत्व में लाखों की संख्या में पेंशन विहीन कर्मचारी व अधिकारी भाग लेगें। यह महारैली कर्मचारी ही नहीं बल्कि देश की ऐतिहासिक रैली होगी। इसमें देश के प्रत्येक राज्यों से कर्मचारी दिल्ली पहुंचेंगे। अपने अधिकार पुरानी पेंशन की बहाली की मांग करेगें। पेंशन आंदोलन इस समय देश का सबसे बड़ा आंदोलन है, जिसमें देश के लगभग 85 लाख कर्मचारी-अधिकारी परिवार सीधे जुड़े हुए हैं।
वह अपने भविष्य को आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। सरकार को चाहिए कि पूरे देश के कर्मचारियों तथा अर्धसैनिक बलों की पुरानी पेंशन बहाल करें। प्रदेश उपाध्यक्ष देवराज बाल्यान ने कहा कि पेंशन केवल कर्मचारी के लिए सेवानिवृति के बाद कुछ रूपये नहीं है, बल्कि सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा है, जिससे कर्मचारी अपने जीवन के वृद्धावस्था के समय को स्वाभिमान के साथ गुजार सकता है। किसी के अधीन या आश्रित नहीं होना पड़ता। पेंशन कर्मचारी का संवैधानिक अधिकार भी है, जिससे कर्मचारी को वंचित नहीं किया जा सकता। इसलिए सरकार कर्मचारियों की पेंशन बहाल करें। जिला सचिव आईटी सचिव संदीप ने कहा कि जिला कार्यकारिणी प्रत्येक विभाग में जाकर कर्मचारियों को पेंशन शंखनाद महारैली के लिए आमंत्रित कर रही है। इसके लिए कर्मचारी व अधिकारियों में भारी उत्साह है।
जिला सोनीपत से हजारों की संख्या में दिल्ली के रामलीला मैदान में कर्मचारी पहुंचेगें, क्योंकि हर कर्मचारी यह मानता है कि पेंशन के बिना सेवानिवृति के उपरांत गुजारा करना कठिन है, क्योंकि एनपीएस में बनने वाली पेंशन बुढ़ापा पेंशन से भी कम बन रही है। जीवनभर की पूंजी भी शेयर बाजार के हवाले है, जिसकी वापसी की भी कोई गारंटी नहीं है। इस अवसर पर महाविद्यालय से लेफ्टिनेंट अनिल, डॉक्टर संतोष कुमार, डॉक्टर सरिता मलिक, राजकुमार, राकेश राठी, अमित कुमार, आमिर, विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से कृष्ण प्रधान, पंकज सचिव, रविन्द्र जगबीर फार्मेसी, मुकेश दलाल एसओ, नरेश सिवाच, रीतेश रोशन, नीलम चहल, सुनील रोहिला, अनील, रेखा, कुसुम, संदीप रांगी, राजेन्द्र, जोगिंदर वेदपाल, डेविड आदि ने भी सरकार से पेंशन बहाल करने की मांग की तथा समिति के पदाधिकारियों से भारी संख्या में दिल्ली पहुंचेंने का वायदा किया।