- आशा वर्कर्स ने मांग पूरी नहीं होने पर हडताल को 17 अगस्त तक बढ़ाया
- वर्ष 2018 के बाद आशाओं के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई
श्याम वशिष्ठ, सोनीपत। लघु सचिवालय परिसर में आशा वर्कर्स की हड़ताल चौथे दिन भी जारी रही। आशा वर्कर्स यूनियन की जिला प्रधान अनिता व जिला सहसचिव छवि ने कहा कि 8 अगस्त से उनकी हडताल लगातार जारी है। पहले दिन तक हमारी सरकार ने कोई बात नहीं सुनी। इसलिए यूनियन के आह्वान पर हडताल को 17 अगस्त तक बढ़ा दिया है। आज धरने की अध्यक्षता जिला प्रधान अनीता व संचालन छवि ने किया। धरने के दौरान आशा वर्कर्स ने सरकार के खिलाफ जमकर रोष जताते हुए नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि इस दौरान सरकार ने आशा वर्कर्स की मांगों को पूरा नहीं किया तो हडताल आगे भी बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि आशा वर्कर्स स्वास्थ्य विभाग में एक अहम कड़ी का काम करती है। सरकार आशा वर्कर्स को स्वास्थ्य विभाग की रीड की हड्डी मानती है, लेकिन सरकार आशा वर्कर्स की वेतन बढ़ोतरी की मांग दरकिनार कर रही है। सरकार आशा वर्करों से ऑनलाइन, ऑफलाइन, फील्ड वर्क काम करने का दबाव बनाए हुए हैं।
वर्तमान में आशा वर्कर्स स्वास्थ्य विभाग और सरकार की धमकियों से परेशान है। वर्ष 2018 के बाद आशाओं के काम लगातार दिए गए हैं, परंतु आशाओं के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। आशा वर्कर्स यूनियन सरकार से मांग करती है कि तानाशाही का रास्ता छोड़कर आशा वर्कर्स की मांग और समस्याओं को वार्ता के माध्यम से समाधान करें। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य कमेटी को वार्ता के लिए बुलाया था, लेकिन कमेटी से बात न करते हुए उन्हें धमकाया गया। उन्होंने कहा कि तीन दिन की हडताल का पहले ही आशा वर्कर्स ने नोटिस दे दिया था, यूनियन ने स्वास्थ्य मंत्री व सरकार को पहले ज्ञापन दिए हैं, लेकिन आज तक सरकार ने मांगों को लेकर कोई संतोषजनक जबाव नहीं दिया। उन्होंने कहा कि सरकार तानाशाही रुख अपनाए हुए हैं। इसलिए आशा वर्कर्स की हड़ताल को 17 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है। आशा वर्कर्स यूनियन और सीटू नेता आनंद शर्मा, कामरेड श्रद्धानंद सोलंकी सहित काफी संख्या में आशा वर्कर्स मौजूद रही।