रणबीर सिंह, सोनीपत। श्री एसएस जैन सभा गुड़मण्डी के तत्वाधान में मुनि मायाराम परंपरा के उज्जवल नक्षत्र रमेश मुनि महाराज, प्रवचन भास्कर मुकेश मुनि महाराज, युवा तपस्वी मुदित मुनि महाराज, मुनि संघ के सानिध्य में चातुर्मास की चल रही धर्म साधना की श्रृंखला में धर्म सभा को संबोधित करते हुए रमेश मुनि महाराज ने कहा कि आज हर इंसान सुख को पाना चाहता है, पूरा जीवन सुख से गुजारना चाहता है, फिर भी दुख आ ही जाते हैं। कितने ही लोग इससे बचने की कोशिश करते हैं, पर पीड़ा पीछा करना नहीं छोड़ती।
वास्तव में दु:ख या कोई भी परेशानी इतनी बड़ी नहीं होती, डर चिंता उसे बहुत बड़ा बना देती है। दु:ख आपके डर पर निर्भर करता है कि जिंदगी में नकारात्मक समय को किस प्रकार लेते हैं। पुरुषार्थ पर और प्रभु पर भरोसा रखना चाहिए। यह न कहो प्रभु से मेरी मुश्किलें बड़ी हैं, बल्कि मुश्किलों से कह दो मेरे प्रभु बड़े हैं। संत जहां जाते हैं, वहीं बसंत आ जाता है। जिस प्रकार बसंत के बिना पृथ्वी सुंदर नहीं होती, उसी प्रकार से संतों के बिना आत्मा का उत्थान नहीं हो सकता। गुरुओं से जिनवाणी का श्रवण करो, भगवान की वाणी सुनो, अपने भावों व आस्था को बढ़ाओ। इस अवसर पर मुकेश मुनि महाराज ने कहा कि इस संसार में गुरु से बड़ा कोई नहीं है। जिसके जीवन में गुरु नहीं हैं, उसका जीवन शुरू ही नहीं है।
गुरु के बिना ज्ञान नहीं है, जग रूठे तो ठीक है, गुरु रूठे तो नहीं ठोर, किसी भक्त के मुख से गुरु का नाम निकले तो कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन गुरु के मुख से किसी भक्त का नाम निकले तो भक्त के लिए इससे बड़ी कोई उपलब्धि नहीं है। गुरु की भक्ति से बड़ी कोई भक्ति नहीं है। इस अवसर त्रिलोक जैन, नरेश जैन, महावीर प्रसाद जैन, मीडिया प्रभारी वकील चंद जैन, सुरेन्द्र जैन बाली ने बताया पूज्य गुरुओं के सानिध्य में जप, तप व धर्म ध्यान के नए-नए आयामों के द्वारा जैन समाज में धर्म जागृति का वातावरण बना हुआ है। क्षेत्र में, णमोकार महामंत्र का जाप एवं तप आराधनाए निरंतर आगे बढ़ रही हैं।