- गठबंधन सरकार गरीब व कमेरे वर्ग के उत्थान के लिए कर रही है कार्य
- पुरातत्व एवं संग्रहालय, श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री अनूप धानक ने गोरड़ गांव में रखी संत सिरोमणी कबीर आश्रम की आधारशिला
राज्यमंत्री ने कबीर आश्रम के निर्माण के लिए 07 लाख रूपये देने की घोषणा की
रणबीर सिंह, सोनीपत। संत शिरोमणी कबीर साहेब की 626वीं जयंती के उपलक्ष्य में गांव गोरड़ में निस्वार्थ कबीर दास सेवा समिति द्वारा आयोजित कबीर जयंती समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए प्रदेश के पुरातत्व एवं संग्रहालय, श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री अनूप धानक ने संत सिरोमणी कबीर आश्रम की आधारशिला रखी। राज्यमंत्री अनूप धानक ने संत सिरोमणी कबीर दास की तस्वीर पर पुष्पार्पित करते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि कहा कि संत शिरोमणि सदगुरु भक्त कबीर दास की ‘वाणी’ समाज सुधार और ईश्वर भक्ति का ऐसा अद्भूत संगम है जिसे सदियों तक बार-बार दोहराया जाएगा। उनके द्वारा प्रकट ज्ञान हमेशा नवीन और प्रासंगिक बना रहेगा।
उन्होंने कहा कि संत कबीर दास समाज के अग्रदूत थे। वे एक महान विचारक व समाज सुधारक थे। उन्होंने कहा कि संत कबीर दास ने अपनी ‘वाणी’ से समाज में व्याप्त बुराईयों को मिटाने का काम किया और समाज को सही रास्ता दिखाया। संत कबीरदास जी की वाणी आज भी प्रासंगिक हैं। उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को आत्मसात करके तमाम समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। कबीर जी ने जात पात का विरोध करते हुए सभी धर्म के लोगों को नया संदेश दिया था। राज्यमंत्री ने कहा कि संत कबीर दास ने अपने गीतों, दोहों और उपदेशों के माध्यम से मानवता के साथ समग्रता और एकता की महत्वपूर्ण संदेश दिए है। हमें उनके उपदेशों से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनकी नीतियों को अपनाने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संत महात्मा होते हैं वे सर्व समाज के होते हैं, जिन्होंने समाज की भलाई के लिए अपना पूरा जीवन न्यौछावर किया। संत कबीर दास जी का जन्म 15वीं शताब्दी में हुआ था और उन्होंने अपने जीवन के दौरान अद्वैत तत्व की प्रचार-प्रसार किया। राज्यमंत्री ने कहा कि उनकी शिक्षाओं ने समाज को समरसता, सद्भाव और धार्मिक तालमेल की ओर प्रवृत्ति की है। संत गुरु कबीर दास जी धार्मिक एकता के प्रबल समर्थक थे। उनकी शिक्षाएं समाज की धरोहर हैं और हम संत कबीर के सिद्धांतों के अनुरूप अंत्योदय को वचनबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि अपने पूर्वजों, संतों, महात्माओं एवं महापुरुषों को याद करना किसी भी समाज एवं देश के लिए गौरव की बात है, इससे हमारी युवा पीढ़ी को हमारे महापुरुषों के आदर्शों एवं शिक्षाओं की जानकारी मिलती है। इस दौरान उन्होंने कबीर आश्रम के निर्माण के लिए अपने मंत्री कोटे से 07 लाख रूपये देने की घोषण की।
राज्यमंत्री ने कहा कि गठबंधन सरकार प्रदेश के गरीब व कमेरे वर्ग के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। आज गरीब लोगों को मुफ्त में राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके अलावा गठबंधन सरकार ने आयुष्मान भारत योजना का विस्तार करते हुए चिरायु योजना की शुरूआत की, जिसके तहत परिवार पहचान पत्र में एक लाख 80 हजार रूपये कम वार्षिक आय वाले परिवारों को 05 लाख रूपये तक फ्री में ईलाज करने की सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल ने ही हरियाणा में सबसे पहले एससी व बीसी वर्ग के लिए चौपाल व आश्रम बनाने की शुरूआत की ताकि गरीब व्यक्ति इन चौपालों में अपने विवाह समारोह सहित अन्य कार्यक्रम कर सकें। इस दौरान जेजेपी के जिलाध्यक्ष राज सिंह दहिया ने राज्यमंत्री का गांव गोरड़ में पहुंचने पर स्वागत करते हुए कहा कि कबीर दास ने समाज को हमेशा मानवता का रास्ता दिखने का प्रयास किया। उन्होंने पाखंडता का विरोध करते हुए समाज को एक साथ मिलजुलकर रहने पर बल दिया।
उन्होंने कबीर दास जी के एक दोहे की व्याख्या करते हुए कहा कि अगर आप कोई गलत कार्य करते हो तो आपकी आत्मा उसको न करने के लिए आपको जरूर आवाज देगी। इसलिए अपनी आत्मा की आवाज को सुनते हुए अच्छे कार्य करें और कबीर दास द्वारा बताए गए रास्ते पर चलकर समाज के उत्थान के लिए कार्य करें। सरकार में चेयरमैन पवन ने कहा कि पुराने समय में समाज में जात-पात भेदभाव व अंधविश्वास फैला हुआ था, लेकिन कबीर दास जी ने अपने दोहों व वाणी से समाज में फैली जात-पात की बीमारी का हमेशा विरोध किया। उनका मानना था कि इंसान किसी भी जाति या धर्म का हो उसकी पहचान उसकी जाति या धर्म से नहीं उसके गुणों से करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कबीर दास जी ने अपने समय में अंधविश्वास के खिलाफ अलख जगाने में को कोर कसन नहीं छोड़ी।