रणबीर सिंह, सोनीपत। राई हलका विधायक एवं भाजपा के प्रदेश महामंत्री मोहनलाल बड़ौली ने राष्ट्रभक्ति के वाहक रहे डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर उन्हें नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आज भी उनकी शिक्षाएं और संदेश प्रासंगिक है, जिनका अनुसरण कर युवाओं को राष्ट्र के नव निर्माण में सहभागी बनना चाहिए। सरकार के नौ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मनाये जा रहे महा जनसंपर्क अभियान के अंतर्गत शुक्रवार को विधायक मोहनलाल बड़ौली के कार्यालय में डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि का आयोजन किया गया, जिसमें शामिल हुए विधायक बड़ौली के नेतृत्व में उपस्थित जनसमूह ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
विधायक ने कहा कि डा. मुखर्जी युग प्रवर्तक रहे हैं, जिन्होंने अपना समस्त जीवन ही राष्ट्र को समर्पित कर दिया। डा. मुखर्जी राष्ट्र के लिए ही जिये और जीवनभर राष्ट्रप्रेम की अलख जगाते रहे। विधायक मोहनलाल बड़ौली ने इस दौरान डा. मुखर्जी के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनके त्याग, राष्ट्र प्रेम तथा शिक्षा और संदेश से लोगों को अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि 6 जुलाई 1901 को कलकत्ता में जन्मे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के पिता सर आशुतोष मुखर्जी शिक्षाविद के रूप में विख्यात थे। उनकी माता का नाम जोगमाया देबी था। उमा प्रसाद मुखोपाध्याय उनके छोटे भाई थे। डा. मुखर्जी ने 1917 में मैट्रिक किया और 1921 में बी0ए0 की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने बंगाली विषय में एम.ए. भी प्रथम स्थान के साथ उत्तीर्ण किया 1923 में लॉ की उपाधि अर्जित करने के पश्चात् वे विदेश चले गये और 1926 में इंग्लैंड से बैरिस्टर बनकर स्वदेश लौटे।
सन 1924 में पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट में वकालत के लिए पंजीकरण कराया। 33 वर्ष की अल्पायु में वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने। इस पद पर नियुक्ति पाने वाले वे सबसे कम आयु के कुलपति थे। डॉ. मुखर्जी इस पद पर सन 1938 तक बने रहे। सन 1937 में उन्होंने गुरु रविंद्र नाथ टैगोर को कलकत्ता विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बांग्ला भाषा में भाषण के लिए आमंत्रित किया। भारत के किसी भी विश्वविद्यालय के इतिहास में यह पहला अवसर था जब किसी ने दीक्षांत समारोह का भाषण भारतीय भाषा में दिया गया हो। इस मौके पर नंदकिशोर चौहान, विनोद बैरागी, तरुण देवीदास, दिनेश व्यास, लोकसभा विस्तारक नरेंद्र भारती, सतपाल योगी, प्रहलाद, नरेश कश्यप, सरदार बलदेव सिंह बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
सर्वस्व बलिदान करने वाले श्यामा प्रसाद के संदेश को युवा करें आत्मसात : कविता जैन
हरियाणा की पूर्व मंत्री कविता जैन ने जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उनकी तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए नमन किया। उनके कैंप कार्यालय में बूथ नंबर.55 पर मुखर्जी की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर उन्होंने युवाओं को प्रोत्साहित किया कि वे श्यामा प्रसाद के राष्ट्रभक्ति के संदेश को जीवन में आत्मसात करके नव.निर्माण में सक्रिय भूमिका अदा करें। पूर्व मंत्री कविता जैन ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी का संपूर्ण जीवन राष्ट्र समर्पित था, जिन्होंने अंतिम सांस तक देश की एकता व अखंडता की मजबूती के लिए प्रयास किये। मुखर्जी तुष्टिकरण के खिलाफ थे, जिसके लिए उन्होंने पुरजोर आवाज बुलंद की। इस कारण उन्हें विरोध भी झेलना पड़ा किंतु वे पीछे नहीं हटे। क्योंकि वे देश को समर्पित थे।
देश की एकता व अखंडता को बनाये रखने के लिए सदैव प्रयासरत रहे। उनके लिए देश से बढक़र कुछ नहीं था। यही संदेश उन्होंने सभी देशवासियों को दिया जो आज भी प्रासंगिक है। पूर्व मंत्री कविता जैन ने कहा कि डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने लोकतंत्र की मजबूती के लिए भी अनुकरणीय योगदान दिया। राजनीति में भी वे लोकतांत्रिक मूल्यों को प्राथमिकता दिए जाने के पक्षधर रहे। उन्होंने कहा कि देश की एकता व अखंडता के लिए मुखर्जी का बलिदान हम सबके लिए प्रेरणादायक है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। विशेष रूप से आज की नई पीढ़ी को उनके विचारों व संदेश से अवगत करवाना चाहिए ताकि उनमें देशप्रेम का जज्बा पैदा हो। किसी भी नागरिक के लिए राष्ट्र ही सर्वोपरि होना चाहिए। इस दौरान मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार एवं भाजपा नेता राजीव जैन ने उपस्थित जनसमूह को देशभक्ति के जज्बे के साथ राष्ट्र के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र सेवा किसी भी रूप में की जा सकती है। इसके लिए जरूरी नहीं कि कोई बड़ा कार्य ही किया जाए। छोटे.छोटे कार्यों के माध्यम से भी राष्ट्र की सेवा में योगदान दिया जा सकता है। उन्होंने उदाहरण दिया कि जल संरक्षण, स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सक्रिय योगदान देकर हम राष्ट्र सेवा कर सकते हैं। इस मौके पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने भी श्यामा प्रसाद मुखर्जी को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए नमन किया और श्यामा प्रसाद मुखर्जी अमर रहें, भारत माता की जय के नारे भी लगाये। इस अवसर पर दिव्यांक जैन, पुरषोतम शर्मा, सुरजीत दहिया, मनोज धानिया, वेद सिंह सैनी, वेद कालुपुर, अनिल ग्रोवर, कुलदीप सैनी, जसबीर मलिक, नरेन्द्र योगी, मंजू सैनी, चंचल अरोड़ा, पवन गुप्ता, नीरज खापरा, प्रवेष आंतिल, आशीष जिंदल आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।