- गोपाष्टमी पर महिलाओं-पुरुषों ने किया गौशाला में गोपूजन
- गऊमाता को हरा चारा, गुड व रोटी खिलाकर की सुख-शांति की कामना
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। गोपाष्टमी पर शहर की विभिन्न गौशालाओं में शहरवासियों ने गायों का पूजन कर गोपाष्टमी का पर्व मनाया। इस दौरान कई जगहों पर गौशाला में गोपूजन और हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। कहावत है कि गायों का समुदाय जहां, बैठकर निर्भयता पूर्वक सांस लेती है, उस स्थान की शोभा बढ़ा देती है और वहां के सारे पापों को खीच लेती है। गौमाता जिस स्थान पर जल पीती वह स्थान तीर्थ है। अर्थात गायों के जल पीने से जलाशय शुद्ध होता है। प्रतिदिन भोजन बनाते समय पहली रोटी गाय की बनानी चाहिए। गांव बडवासनी के पास बनी गऊशाला में शिव नगर की बुजुर्ग महिलाओं कृष्णा देवी, ओमपति, धन्नो, हिमांशु ने पहुंचकर गऊमाता को तिलक लगाकर पूजा-अर्चना की।
गऊमाता को हरा चारा, गुड व रोटी खिलाकर सुख-शांति की कामना की। वहीं लोगों ने जटवाड़ा स्थित श्रीगौशाला, देवरु रोड स्थित श्री बालाजी गौशाला सेवा समिति, कामी रोड स्थित श्री गौशाला में पहुंचकर गोपूजन किया। उन्होंने कहा कि गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास माना जाता है। गौ माता की सेवा से बढ़कर कोई पुण्य कार्य नहीं है। अरूण गौतम, राजेश अग्रवाल, आनन्द जलान, संजय गर्ग, अमरिश आदि ने बताया कि श्री कृष्ण गऊशाला दिल्ली एनसीआर की सबसे बड़ी गऊशाला हैं, जिसकी शुरूआत 1995 में 13 गायों से शुरू की गई थी। इस गऊशाला में करीब 8 हजार से ज्यादा गायों की सेवा की जाती है। कंझावला-बवाना रोड पर स्थित श्री कृष्ण गऊशाला दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में तकरीबन 8 हजार से ज्यादा गायों की सेवा में समर्पित सबसे बड़ी गऊशाला है।
गऊशाला में गौभक्तों की सुविधा के लिए हरे चारे की व्यवस्था की गई है। गऊशाला में गौमाता के लिए सवामणी, अंकुरित अनाज और गुड आदि का प्रबंध किया गया है। अनेकों शुभ अवसरों पर जैसे जन्मदिन, शादी-विवाह की सालगिरह, अपने पूर्वजों की पुण्यतिथि आदि पर गौमाता के लिए विशेष भोजन व गऊ सेवकों के लिए भंडारे की व्यवस्था, गऊदान व गौपूजन के लिए विशेष आयोजन किया जाता है। गौमाता की सेवा के लिए हर समय सेवादार मौजूद रहते हैं। गौवंश के पीने के लिये स्वच्छ पानी के दो बड़े तालाब, बीमार गायों के इलाज के लिए अनुभवी डॉक्टरों की टीम, सुपरवाईजर, एवं गौसेवकों की टीम हर समय तैयार रहती है।
सडक़ों पर घायल हुई गायों हेतु लिफ्ट वाली मेडिकल वैन की व्यवस्था, गौमाता की चिकित्सा के लिए सम्पूर्ण आधुनिक चिकित्सा साधनों से युक्त दिल्ली एनसीआर का सबसे बड़ा गऊ चिकित्सालय बवाना-कंझावला रोड पर स्थित श्री कृष्ण गऊशाला परिसर में बनाया गया है, जहां पर गौ माता की हर बीमारी का इलाज किया जाता है। गऊशाला परिसर में काम करने वाले सेवादारों के बच्चों के लिए मैनजमेंट द्वारा प्राथमिक स्कूल की स्थापना भी की गई है, जहां पर सेवादारों के बच्चों को शिक्षा दी जाती है। गऊशाला परिसर में समय-समय पर अनेकों धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिसमें दूर दराज के गौभक्त पहुंचकर कार्यक्रम में भाग लेकर पुण्य कमाते हैं।