- करवाचौथ : सजना है मुझे सजना के लिए…
- परिवार में प्रेम-प्यार व सामंजस्य बनाए रखने का पवित्र पर्व करवा चौथ
- करवा चौथ का व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता
- पति की लंबी आयु के लिए की पूजा
रणबीर सिंह रोहिल्ला, सोनीपत। जिले में करवाचौथ पर्व को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह एवं उमंग देखी गई। अलग-अलग स्थानों पर महिलाओं ने अपने हाथों पर पिया के नाम की मेहंदी लगवाई। करवा चौथ का व्रत हर साल महिलाओं द्वारा अपने पति की दीर्घायु व परिवारों की सुख, शांति व समृद्धि के लिए रखा जाता है। यह न केवल एक त्यौहार है, बल्कि यह पति-पत्नी व पूरे परिवार में प्रेम प्यार व सामंजस्य बनाए रखने का पवित्र पर्व है, जो प्राचीन काल से चला आ रहा है। यह पर्व परिवार के रिश्तों को मजबूत बनाने वाला होता है। विशेष रूप से यह पति-पत्नी दोनों के लिए खास महत्व रखता है।
यही कारण है कि करवा चौथ वाले दिन पत्नी द्वारा अपने पति की लंबी आयु और उसकी सुख-समृद्धि के लिए की गई पूजा-अर्चना कर पति के जीवन में पत्नी की अहमियत को ओर भी ज्यादा बढ़ा देती है। करवा चौथ के त्यौहार की मान्यता है कि जिस दिन करवाने अपने पति के प्राण बचाए थे, उस दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी थी। व्रत रखने का अर्थ ही है संकल्प लेना। संकल्प वही ले सकता है जिसकी इच्छा शक्ति मजबूत हो। प्रतीकात्मक रूप में करवा चौथ पर महिलाएं अन्न-जल त्याग कर यह संकल्प लेती है और अपनी इच्छा शक्ति की परख करती हैं। करवा चौथ का व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जल व्रत रखती हैं। करवा चौथ के दिन चंद्रमा के साथ ही शिव-पार्वती गणेश और कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है।
करवा चौथ के दिन करवा चौथ कथा का काफी महत्व होता है। कथा के बिना करवा चौथ का व्रत अधूरा माना जाता है। एक पत्नी अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती है। पूरे दिन भूखे प्यासे रहकर शाम को छलनी से पिया के चेहरे को देखते हुए चांद के दर्शन कर पिया के हाथ से पानी पीकर ही व्रत खोलती है। इसी को लेकर महिलाओं से बात करने का प्रयास किया गया तो शिक्षिका अनिता रानी, रेनू पोपली, रजनी शर्मा, दीपा सिंह, आशा राव, मीनू गुप्ता, सोनिया मंगला, किरण शर्मा, कृष्णा खत्री, नेहा आदि की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। बाजारों में रौनक छाई हुई है और बड़े पैमाने पर महिलाओं द्वारा करवा चौथ की खरीददारी करते हुए हाथों में मेहंदी रचाई।
महिलाओं द्वारा बताया गया कि पति की लंबी आयु की कामना करते हुए हम लोगों द्वारा व्रत रखा जाएगा, जिसको लेकर मन में भारी उत्साह एवं खुशी बनी हुई है। ईश्वर से अपने पति की लंबी आयु की कामना करते हुए पूरे दिन उपवास रखकर शाम को पति का चेहरा देखने के बाद ही पति के हाथों से पानी पीकर वह कुछ मीठा खाकर ही उपवास खोलेगी। कहा जाता है कि कला का जीवन में बहुत महत्व है, कला चाहे कोई भी हो। यह जीवन को नए रंग देती है। जिसके पास कोई भी कला है तो वो भूखा नहीं रह सकता। वह उस कला के जरिये अपना व अपने परिवार का पेट भी भर सकता है। परंतु कला का विकास सिर्फ कमाने के लिए नहीं, परन्तु खुद के लिए भी जरूरी है। कला को निखारने से आत्मविश्वास बढ़ता है।