बाबा कालीदास धाम सांपला में दर्शन करने पहुंचे केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने की पूजा अर्चना
सांपला, महेश कौशिक। गुलामी की लंबी अवधि के बावजूद भारत प्राचीन काल के अपने ज्ञान को बचाने और उसकी रक्षा करने में सक्षम रहा है। सत्य सनातन धर्म का अर्थ बहुत ही व्यापक है, लेकिन इसकी व्याख्या हमेशा गलत तरीके से केवल रिलिजन के रूप में की गई। रिलिजन को ही पहचान चिन्ह मान लिया गया, जोकि समस्याएं पैदा करता है। इसे ठीक करने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने शिक्षाविदों से बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान आज सांपला स्थित बाबा कालीदास धाम में विश्व समृद्धि कामना हेतु चल रहे अखंड यज्ञ में आहूति ड़ालने पहुंचे थे। महामहिम ने कहा कि सनातन संस्थाएं शिक्षा और संस्कारों के मेल का पाठ पढ़ाते है। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यक्ति को सशक्त बनाती है, लेकिन यह संस्कार हैं, जो ज्ञान का उपयोग दूसरों के लाभ के लिए करने के लिए निर्देशित करते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा ही व्यक्ति को ज्ञान देती है, लेकिन सच्चे अर्थों में विद्वान वही होता है, जिसके पास मूल्यों का बोध है। यहां दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों और प्रोफेसर्स से केरल के राज्यपाल ने कहा कि गुलामी की लंबी अवधि के बावजूद भारत प्राचीन काल के अपने ज्ञान को बचाने और उसकी रक्षा करने में सक्षम रहा है। विवेकानंद और रविंद्र नाथ टैगोर के समय से ही हमारे लोकाचार और मार्गदर्शक सिद्धांत, जो हमारी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को दशार्ते हैं, एक समावेशी भारत के विचार की ओर इंगित करते रहे हैं। उन्होंने विवेकानंद के विचारों का विश्लेषण करते हुए कहा कि आनंद जीवन का मूल नहीं है, बल्कि जीवन का लक्ष्य ज्ञान की खोज है। जीवन में शिक्षा को परिवर्तन का सबसे शक्तिशाली उपकरण बताते हुए मोहम्मद खान ने कहा कि शिक्षा ही जीवन में परिवर्तन ला सकती है।
जीवन का उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करना होना चाहिए और ज्ञान का उद्देश्य सेवा और विविधता में एकता का विकास करना है। सनातन षिक्षा के प्रचार प्रसार की बाबत बाबा कालीदास धाम के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में लोगों को देश की पुरानी संस्कृति को पुर्नजीवित करने के लिए काम करना चाहिए, इसलिए नहीं हमें पुराने दौर में वापस जाना है। बल्कि हमें सनातन धर्म के सिद्धांतों को वापस लाना है और यह बिना शिक्षा के प्रसार के संभव नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि मानव जीवन का उद्देश्य ज्ञान की प्राप्ति है और विनम्रता ज्ञान का परिणाम है। भारत ज्ञान, विज्ञान का ऐसा केंद्र रहा जहां पर लोग सदियों से अध्ययन करने आते रहे हैं। जहां अन्य देश अपनी सुन्दरता, साहस और अन्य गुणों के लिए जाने जाते हैं।
वहीं, भारत अपने प्रतिष्ठित ज्ञान के लिए जाना जाता है। इसके साथ उन्होंने कहा कि हम अपने सनातन धर्म पर गर्व करते हैं, लेकिन बड़े आश्चर्य की बात है कि हम अपने ऋषियों के ज्ञान को अब तक दुनिया तक नहीं पहुंचा सकें। बाबा कालीदास धाम पहुंचे महामहिम ने मंगलवार को धाम पहुंच कर माहाकालेश्वर की पूजा अर्चना की। उन्होंने भगवान को भोग लगाया और आरती ली। मंदिर से निकलने के बाद राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने ईश्वर से देश की प्रगति मांगी है। इस अवसर पर बाबा कालीदास ने उनको आर्शीवाद देते हुए बताया कि महामहिम की सोच एवं उनके आदर्श ही भारत को विश्व पटल पर पहुंचाने का काम करेगें। इस अवसर पर आज धाम पर विरेन्द्र बुधवार प्रवेश, वेदपाल रुहल, विक्की जुनेजा, रवि औहल्याण, हर्ष सिंधु, बाबू राम, पवन वीर, मोहित वशिष्ठ, गांधरा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।