-राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने किया क्षेत्रीय मशरूम अनुसंधान केन्द्र का दौरा
श्याम वशिष्ठ, सोनीपत। महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के मुरथल स्थित क्षेत्रीय मशरूम अनुसंधान केन्द्र का हरियाणा राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार को दौरा किया। क्षेत्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र के निदेशक डा. अजय सिंह ने महामहिम राज्यपाल को स्पोन लैब (मशरूम बीज लैब) का निरीक्षण करवाया। इस दौरान राज्यपाल ने पूछा कि मशरूम का बीज कैसे तैयार किया जाता हैं, इस पर क्षेत्रीय निदेशक डा.अजय सिंह ने महामहिम को मशरूम के बीज तैयार करने के बारे विस्तार से जानकारी दी व विभिन्न प्रकार की मशरूम उत्पादन की विधि के बारे में बताया।
राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने कुलपति प्रो‐समर सिंह से हाइटैक नर्सरी में तैयार पौध के बारे में जानकारी हासिल की, उन्होंने कुलपति से कहा कि विश्वविद्यालय ज्यादा से ज्यादा तैयार पौध किसानों को उपलब्ध कराएं। कुलपति प्रो समर सिंह ने महामहिम राज्यपाल को विश्वास दिलाया कि संरक्षित खेती में उच्च गुणवत्ता की पौध का अहम महत्व होता है, उसी को ध्यान में रखते हुए एमएचयू के क्षेत्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र मुरथल किसानों को उच्च गुणवत्ता की पौध उपलब्ध करवा रहा है। इसके बाद राज्यपाल ने रि-ट्रैकटेबल पोली हाउस में किसानों को दिखाने के लिए लगाई गई रंग बिरंगी शिमला मिर्च को भी देखा। राज्यपाल ने क्षेत्रीय मशरूम अनुसंधान केन्द्र में स्थापित स्पोन लैब, हाईटैक नर्सरी, रिट्रैक्टिकल पॉली हाऊस का दौरा कर इस संबंध में विस्तार से जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि मशरूम उत्पादन एक विश्वसनीय स्वरोजगार का अवसर है। इसलिए युवाओं को स्वरोजगार के लिए मशरूम का उत्पादन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मशरूम की मांग के हिसाब से उत्पादन बहुत कम है। अगर युवा मशरूम के उत्पाद बनाकर भी बाजार में बेचें तो भी आय को दोगुना कर सकते हैं। आज मशरूम ही नहीं, बल्कि मशरूम से बने उत्पाद भी बाजार में आ रहे हैं और ग्राहक इन्हें पसंद भी कर रहे हैं। इसलिए मशरूम के उत्पादन के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि गेहूं ओर धान की फसल से किसानों की आमदनी नहीं बढ़ेगी। उनकी आय को दोगुना करने के लिए फल फूल सब्जियों की खेती पर जोर देना चाहिए। खुशी की बात है कि महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि करनाल में चार सौ करोड़ रुपए की लागत से एमएचयू का भवन तैयार किया जा रहा है जो कि दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि एमएचयू के पांच क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र है जो हरियाणा के विभिन्न मौसम अनुसार फल फूल सब्जियां लगाकर किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे, उनके जीवन स्तर काफी सुधरेगा और उनके सामने खडी आर्थिक चुनौतियां काफी हद तक दूर होंगी। राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों की भलाई के लिए बागवानी क्षेत्र में कई योजनाएं चला रही है जैसे भावांतर भरपाई योजना, योजना अनुसार राज्य सरकार किसानों को फसल में हुए घाटे को कम करने के लिए मुआवजा के रूप में प्रोत्साहन राशि प्रदान करेंगी। राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में बागवानी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक गांव गांव जाकर लोगों में प्रचार करेंगे कि हरियाणा को बागवानी के क्षेत्र अव्वल बनाएंगे।