- देश भर से नाथ साधु पहुंचे, आसपास के दर्जनों गांवों से भी श्रद्धालु भंडारा व मूर्ति स्थापना में हुए शामिल
- यहां पर बेसहारा घायल गायों का होता है उपचार
- देश भर के महंत साधु संत भी मौके पर रहें मौजूद
- तपस्वी बाबा सतपाल नाथ के नेतृत्व में किया गया आयोजन
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आशीर्वाद और प्रेरणा से बाबा मोहनराम गौशाला निर्माण व वार्षिक जन्मोत्सव खुशी व धूमधाम के साथ गांव नाथूपुर सबोली में खुशी व उल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें काफी साधु संत और आसपास क्षेत्रों के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों ने भाग लिया। जिला सोनीपत के गांव नाथूपुर सबोली में बाबा मोहनराम गौशाला एक वर्ष पहले तपस्वी बाबा सतपाल नाथ के नेतृत्व में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आशीर्वाद और प्रेरणा से बनाई गई। जिसमें अब 100 से भी अधिक गाय मौजूद हैं और उनकी सेवा का कार्य यहां किया जाता है। खास बात यह है कि यहां गौशाला में जिन गायों को बेसहारा छोड़ दिया जाता है। वह सड़कों पर वाहनों की चपेट में आकर घायल हो जाती है, उनका इलाज भी यहां पर किया जाता है।
गौशाला में शिव अवतारी गुरु गोरक्षनाथ की मूर्ति स्थापना भी साधु-संतों की देखरेख में की गई है। सभी श्रद्धालु अब यहां पर शिव अवतारी गुरु गोरखनाथ को नमन करते हुए उनका आशीर्वाद लेकर अपने को धन्य महसूस कर रहे हैं। मंगलवार को प्रातः हवन और उसके तत्काल बाद भंडारे का आयोजन किया गया। इस मौके पर 14 बार अग्नि तपस्या कर चुके तपस्वी बाबा सतपाल नाथ ने बताया कि यहां पर योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से, श्रीश्री 1008 तपस्वी योगी बाबा कूड़े नाथ और श्री श्री 1008 तपस्वी योगी बाबा गणेश नाथ के अतिरिक्त डेरा दादा शंभू नाथ नाहरी के महंत बाबा श्रीश्री 108 योगी बाबा कर्मबीर नाथ के मार्गदर्शन में गांव नाथूपुर सबोली में भगवान श्रीकृष्ण को याद करते हुए बाबा मोहनराम गोशाला का निर्माण कार्य 5 अप्रैल 2021 को शुरू किया गया था। जिसमें बेसहारा गायों के लिए भोजन और रहने की व्यवस्था दुरुस्त की गई है।
गौशाला में फिलहाल 150 से भी अधिक गाय मौजूद है। यहां खास बात यह भी है कि यहां पर जो घायल गाय भी मौजूद है उसके उपचार पर भी ध्यान किया जाता है। इस गौशाला को आसपास के दर्जनों गांव के ग्रामीणों के सहयोग से तैयार किया गया है। बाबा मोहनराम गौशाला संचालक तपस्वी बाबा सतपाल नाथ ने कहा कि गौरक्षा करना हम सबका परम कर्तव्य है और साधु-संतों तप करने के लिए ही होता है। भारत देश की धरती ऋषि-मुनियों और तपस्वियों की धरती है, यहां पर सभी साधु संतों का सम्मान किया गया है। वह उनका आभार भी प्रकट करते हैं कि वह देश के कोने-कोने से आज यहां पर पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को भी यहां पर स्थापित किया गया है।
भविष्य में यह स्थान तपस्वी स्थल के रूप में भी विकसित होगा। इस दौरान मौके पर महिला योगी बाबा चंचल नाथ ने बताया कि साधु संत भक्ति बैराग लाख 84 को छोड़ते हैं। संत तो सनातन धर्म की रक्षा कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर धरती पर संत ना हो तो धर्म का समापन हो जाएगा। संत तो विश्व कल्याण के लिए साधना कर रहा है।