आंगनवाड़ी वर्करों का आंदोलन अकेला नहीं
श्याम वशिष्ठ, सोनीपत। उपायुक्त कार्यालय सोनीपत पर आंगनवाड़ी वर्करों की हड़ताल लगातार जारी रही। आज गीता नागर की अध्यक्षता में सैकड़ों आंगनवाड़ी वर्कर्स ने धरना दिया, जबकि संचालन उषा देवी ने किया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सीटू के जिला प्रधान आनंद शर्मा, एआईयूटीयूसी के सचिव हरि प्रकाश, किसान नेता श्रद्धानंद सोलंकी, ब्रहम सिंह दहिया ने कहा कि हरियाणा सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा जूठा लगा रही है, वास्तव में बेटियों का दमन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री की घोषणा एवं मुख्यमंत्री के समझौते को लागू करवाने की मांग को लेकर आंदोलनरत आंगनवाड़ी वर्करों पर मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं और हजारों आंगनवाड़ी वर्कर्स को डिस्मिस किया जा चुका है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रदर्शनकारियों को आह्वान करते हुए कहा कि 8 अप्रैल को हजारों किसान, मजदूर, कर्मचारी, परियोजना वर्कर्स आंगनवाड़ी वर्करों के समर्थन में शहर की सड़कों पर उतरेंगे। आंगनवाड़ी वर्करों का आंदोलन अकेला नहीं है, यह आंदोलन जन आंदोलन में तब्दील हो रहा है। जिसका खामियाजा हरियाणा सरकार को भुगतना पड़ेगा। सीटू के जिला प्रधान आनंद शर्मा ने कहा कि आंगनवाड़ी वर्करों के आंदोलन को सफल बनाने के लिए जन अभियान शुरू कर दिया है। उसी कड़ी में म्हारा गांव में राजपाल मलिक की अध्यक्षता में सभा का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में किसान, मजदूर, महिलाएं शामिल हुई और ग्रामीणों ने आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए हजारों रुपए चंदे के रूप में दिए तथा 8 अप्रैल को गांव म्हारा से सैकड़ों किसान महिलाओं के साथ ट्रैक्टर ट्राली लेकर 11 बजे पंचायत भवन सोनीपत में पहुंचेंगे।
किसान नेता श्रद्धानंद सोलंकी ब्रहम सिंह दहिया, आनंद शर्मा ने सम्बोधित किया। वही पीएचसी म्हारा में ही आशा वर्करों की मीटिंग को संबोधित करते हुए सीटू के जिला प्रधान आनंद शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार आंगनवाड़ी, आशा, मीडे मील, क्रैच वर्करों को अकेला-अकेला पीट रही है।अलग-अलग शोषण कर रही है। इसलिए सब एकजुट होकर 8 अप्रैल को होने वाले किसान, मजदूर, कर्मचारी प्रदर्शन में आशा वर्कर भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लें। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार तमाम वर्कर्स को एकमुश्त ड्यूटी पर बहाल करे, लगातार सेवा मानते हुए पूरा वेतन दिया जाए, बनाए गए झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं, प्रधानमंत्री की घोषणा एवं मुख्यमंत्री खुद द्वारा किए गए समझौते को तुरंत लागू करें, वरना हरियाणा सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। जिसकी हरियाणा सरकार की जिम्मेदारी होगी।