- – नौकरियों में मिलेगा 4 प्रतिशत आरक्षण, टोल टैक्स भी नहीं लगेगा, जीएसटी में मिलेगी छूट
- – स्वावलंबन पोर्टल पर पंजीकरण करवाकर उठायें कल्याणकारी योजनाओं का लाभ
- – हरियाणा सरकार अपने दिव्यांगजन के कल्याण के प्रति बेहद संवेदनशील
- -राज्य आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने विश्राम गृह में पत्रकारों को दी महत्वपूर्ण जानकारियां
रणबीर सिंह, सोनीपत। दिव्यांगजन तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के राज्य आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने कहा कि हरियाणा सरकार अपने दिव्यांगजन के कल्याण को लेकर बेहद संवेदनशील है। प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजन प्रमाणपत्र को आधार कार्ड से जोडक़र दिव्यांगों के विकास को गति देने का निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार दिव्यांगजन को नौकरियों में 4 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ टोल टैक्स नि:शुल्क करेगी। साथ ही जीएसटी में विशेष छूट प्रदान करेगी। राज्य आयुक्त राजकुमार मक्कड़ रविवार को रेलवे रोड स्थित पीडब्ल्यूडी विभाग के विश्राम गृह में पत्रकारों से विशेष बातचीत कर रहे थे। महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हुए उन्होंने कहा कि जन्म से अथवा बीमारी व दुर्घटनावश दिव्यांग होने वाले लोगों को प्रदेश सरकार समान अवसर प्रदान करने की दिशा में प्रभावी कदम बढ़ा रही है।
दिव्यांगता को अब अभिशाप नहीं बनने दिया जाएगा। भारत व हरियाणा सरकार ने अनेकों बेहतरीन योजनाएं लागू की हैं जिनका फायदा उठाकर दिव्यांगजन अपने जीवन को सफल व सरल बना सकते हैं। प्रदेश सरकार ने दिव्यांग प्रमाण पत्र उपमंडल स्तर पर बनाने की सुविधा प्रदान की है। अब स्वावलंबन पोर्टल स्थापित किया है, जिस पर घर बैठकर अथवा सीएससी में जाकर भी पंजीकरण करवा सकते हैं। फर्जी प्रमाणपत्र पर भी रोक लगेगी। साथ ही पात्र व्यक्तियों को विशेष सुविधा भी मिलेगी। राज्य आयुक्त ने जानकारी दी कि हरियाणा में करीब 1 लाख 89 हजार 890 दिव्यांगजनों ढ़ाई हजार रुपये मासिक पैंशन दी जा रही है। प्रदेश में करीब 10 लाख दिव्यांगजन हैं, जबकि अभी पहुंच ढ़ाई लाख दिव्यांगों तक हुई है।
शेष साढ़े सात लाख दिव्यांगों तक भी पहुंचने के प्रयास किये जा रहे हैं। दिव्यांगों को जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि वे अपने अधिकार हासिल कर सकें। सरकारी भवनों में भी दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधाएं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर उपायुक्त के नेतृत्व में एक जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है जो दिव्यांगों की समस्याओं का निवारण करेगी। पोर्टल पर भी शिकायतें दर्ज करवाई जा सकती है। अभी तक पोर्टल के माध्यम से 700 शिकायतों को समाधान किया जा चुका है। मक्कड़ ने कहा कि नौकरियों में पहले तीन प्रतिशत आरक्षण की सुविधा थी। साथ ही पदोन्नति में भी दिव्यांगजन के लिए आरक्षण का प्रावधान है, किंतु पूर्व सरकारों में दिव्यांगों को यह अधिकार नहीं मिला।
अब प्रदेश सरकार पिछले 26 वर्षों का बैकलॉग तैयार करवा रही है। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकारी विभागों, मेडिकल कालेजों, विश्वविद्यालयों आदि में लगभग 15 हजार नौकरियां दिव्यांगजन के लिए है। दिव्यांगों के लिए एमबीबीएस चिकित्सक की नौकरी निकाली जा चुकी है। विशेष अध्यापक भी लगाये गये। दिव्यांगों के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करने की बात कहते हुए उन्होंने बताया कि हरियाणा में 20 हजार हरहित रिटेल स्टोर खोले जायेंगे, जिनमें दिव्यांगों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। इसी प्रकार 50 हजार वीटा बूथ भी स्थापित किये जायेंगे, जिनमें दिव्यांगजन को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। दिव्यांगजन के कौशल विकास के लिए भी योजना बनाई जा रही है।
उन्होंने जानकारी दी कि हरियाणा के सरकारी विद्यालयों में करीब साढ़े छह लाख छात्र नये आये हैं, जिन्हें छात्रवृत्ति की सुविधा दी गई है। कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण प्रदान करने के लिए अब प्रत्येक जिले में वर्ष में तीन बार कैंप लगाये जायेंगे, जबकि पहले एक बार ही कैंप लगता था। कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण की मरम्मत की सुविधा भी दी जाएगी। प्रमाणपत्र में गड़बड़ी की आशंका के सवाल के जवाब में राज्य आयुक्त ने कहा कि ऐसा करने वाले के खिलाफ 5 वर्ष की सजा अथवा 5 लाख रुपये का जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। इस प्रकार के दुरुपयोग के मामलों में 16 एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि यदि किसी दिव्यांगजन को अपने प्रमाणपत्र में शक हो तो उसे अपील का अधिकार भी दिया गया है।
इसके लिए महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग को आवेदन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों पर भी दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिन्होंने जेबीटी अध्यापकों की सही सूचना उपलब्ध नहीं करवाई। राज्य आयुक्त ने अब सरकार 70 प्रतिशत दिव्यांगजन जिनकी आय तीन लाख रुपये वार्षिक तक होगी उनको भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि करनाल में 15 एकड़ भूमि में तीन सौ करोड़ रुपये की लागत से दिव्यांजन के लिए पुर्नवास केंद्र स्थापित किया जा रहा है। मानसिक दिव्यांगों के लिए अंबाला में 37 करोड़ रुपये की लागत से लाइफसेंटर स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन के उत्थान के लिए हर संभव कार्य किया जाएगा।