रणबीर सिंह, सोनीपत। राजस्थान के बाद आज छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट पेश करने हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में पुरानी पेंशन फिर से बहाल करने की घोषणा की। जिसका 80 लाख पेंशन विहीन कर्मचारी आभार व्यक्त करते है। पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रदेश मुख्य सलाहकार प्रमोद ईष्टकान ने प्रैस नोट जारी करके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा का स्वागत करते हुए सभी कर्मचारी-अधिकारियों की तरफ से धन्यवाद देते हुए कहा कि कर्मचारी हित का फैसला करने के लिए भी हौंसला चाहिए जोकि छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री ने दिखाया है।
देश के 80 लाख कर्मचारी अपने भविष्य के लिए आंदोलन कर रहे हैं कि पुरानी पेंशन बहाल हो एनपीएस में बनने वाली पेंशन गुजरे लायक भी नहीं है। राजस्थान व छत्तीसगढ़ में पेंशन बहाल होना यह बताता है कि बहुत जल्दी ही सारे देश में एनपीएस समाप्त होगा। अन्य राज्यों के पास भी पुरानी पेंशन बहाल करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसलिए सरकारे जल्द से जल्द फैसला ले, क्योकि जो सरकार पेंशन बहाल नहीं करेगी वह सत्ता से बहार हो जाएगी। भारत के पेंशन विहीन कर्मचारियों का भविष्य एनपीएस (न्यू पेंशन स्कीम) के कारण दाव पर लगा है।
सेवानिवृत्ति के बाद 500 से 2000 रू तक पेंशन मिल रही है। साथ ही जमापूंजी भी शेयर बाजार में लगी थी। इस पैसे का पूरा लाभ नीजि कम्पनियों को मिल रहा था। पुरानी पेंशन लागू होने पर एनपीएस का पूरा पैसा सरकार को मिलेगा। जिससे विकास कार्य होगें तथा साथ ही सरकार का भी 14 प्रतिशत बचेगा जो कर्मचारियों को एनपीएस के माध्यम से निजी कम्पनियों को जाता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में बजट स्तर में पेंशन बहाल न करने का बीजेपी-जजपा सरकार का फैसला दूर्भाग्य पूर्ण है। कर्मचारियों में इस बात से भारी रोष है। जबकि पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा के सभी उपायुक्तों के माध्यम से 28 फरवरी को पेंशन बहाल करने का ज्ञापन दे चुकी है। प्रमोद ईष्टकान ने कहा कि हरियाणा में कर्मचारी फिर से एक बड़ा आंदोलन करेगें तथा पुरानी पेंशन की मांग को पुरा करवाने के लिए संघर्ष करेगें।