- हरियाणा में पेंशन बहाल न होने से कर्मचारियों में रोष
- पेंशन आंदोलन को जिला तथा प्रदेश में बनाएगें जन आंदोलन
रणबीर सिंह, सोनीपत। पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा के प्रदेश वरिष्ठ उपाथ्यक्ष अनूप लाठर ने कहा कि पुरानी पेंशन का नाम सुनकर जो लोग ये कहते थे कि पेंशन बहाल नहीं होगी। राजस्थान व छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन बहाल होने पर उन्हें भी लगा है कि पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा का संघर्ष व्यर्थ नहीं है। कर्मचारी तथा अधिकारियों के साथ हरियाणा के सभी संगठन भी संघर्ष समिति के सहयोग में एकजुट हो रहे है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि दोनों राज्यों में पेंशन बहाली होने के बाद अब हरियाणा में भी संघर्ष तेज किया जाएगा, ताकि हरियाणा में भी जल्दी ही पेंशन बहाल हो सके। इसके लिए प्रदेश में सभी जिला व ब्लॉक कार्यकारिणियों को मजबूत करके हर विभाग के कर्मचारियों को पेंशन बहाली संघर्ष समिति के साथ जोडा जाएगा। हरियाणा में एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा, ताकि हरियाणा सरकार राज्य के कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करे।
प्रदेश उपाध्यक्ष देवराज बाल्यान ने कहा कि मुख्यमंत्री हरियाणा का यह ब्यान दूर्भाग्य पूर्ण है कि नई पेंशन योजना में अच्छा पैसा मिल रहा है और पेंशन बहाल नहीं होगी, जबकि हकीकत में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को हरियाणा में बुढापा पेंशन से भी कम पेंशन मिल रही है। सरकार यदि धरातल पर जानकारी ले तो एनपीएस की वास्तविक जानकारी मिल जाएगी। जिला अध्यक्ष सोमदत्त व सहसचिव नीरज जेई ने कहा कि पुरानी पेंशन हर हाल में बहाल होगी। इसके लिए पेंशन बहाली संघर्ष समिति विजेंद्र धारीवाल के कुशल नेतृत्व में दिन-रात परिश्रम कर रही है। देश के दो राज्यों में पेंशन बहाल होने से देश तथा हरियाणा के सभी कर्मचारियों में नए जोश का संचार हुआ है, अब प्रत्येक कर्मचारी पेंशन बहाली संघर्ष समिति को सहयोग देने के लिए तैयार है।
जिला सोनीपत के सभी विभागों में जल्दी ही सम्पर्क अभियान चलाया जाएगा। मेहनती व कर्मठ कर्मचारियों को ब्लॉक तथा जिला कार्यकारिणी में जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके साथ ही महिला कर्मचारियों को भी कार्यकारिणी में लेकर आंदोलन को ओर अधिक शक्तिशाली बनाया जाएगा। विभागीय संगठनों को भी पेंशन आंदोलन में सहयोग के लिए आमंत्रित किया जाएगा। आम जनता को भी इस आंदोलन में शामिल करके इसे जन आंदोलन का रुप दिया जाएगा, क्योकि आने वाले समय में पढ़ने वाले तथा प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थी भी सरकारी नौकरी में आना चाहते है, उन्हें भी पुरानी पेंशन के महत्व की जानकारी होनी चाहिए, ताकि वह भी आंदोलन से जुड़े।