- आंगनवाड़ी वर्करों ने मानव श्रृंखला बनाकर रोष जताया
- प्रदेश सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी
कहा जब तक सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं करेगी धरना जारी रहेगा
सोनीपत। आंगनवाड़ी वर्करों की हड़ताल 57वें दिन निरंतर जारी रही। आंगनवाड़ी वर्करों ने उपायुक्त कार्यालय पर रोजाना की तरह धरना दिया। जिसकी अध्यक्षता गीता नागर, कविता ने संयुक्त रूप से की, जबकि संचालन सोना देवी, सुनीता, बाला ने संयुक्त रूप से किया। उपायुक्त कार्यालय सोनीपत पर सीटू के जिला प्रधान आनंद शर्मा, एआईयूटीयूसी के राज्य उपाध्यक्ष ईश्वर सिंह राठी, सचिव हरि प्रकाश, ऑल इंडिया किसान सभा हरियाणा के उपाध्यक्ष श्रद्धानंद सोलंकी, भारतीय किसान यूनियन के लीगल सेल चेयरमैन ब्रहम सिंह दहिया, पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन के राज्य सचिव विनोद शर्मा, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के उपाध्यक्ष शिलक राम मलिक, मास्टर बलबीर, प्रताप सिंह, मास्टर नफे सिंह के अलावा कविता, सुनीता, बाला, अनीता, कृष्णा, मंजू, सुषमा, सुदेश, सुमन, बिमला, शर्मिला आदि ने भी संबोधित किया और सरकार से मांग की कि प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा एवं मुख्यमंत्री द्वारा किया गया 2018 में समझौते को लागू किया जाए, वरना आंदोलन जारी रहेगा।
संयुक्त तालमेल कमेटी हरियाणा के आवाहन पर हनुमान मंदिर से छोटूराम चौक तक, आंगनवाड़ी वर्करों एवं सहयोगियों ने मानव श्रृंखला बनाकर सरकार के महिला विरोधी नीतियों एवं वादाखिलाफी का विरोध किया। वही शहर एवं जिले की जनता को बताया कि केंद्र व राज्य सरकार झूठ परस्त की राजनीति करती है, वादे करती है, मुकर जाती है। सरकारी विभाग में मजदूरों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन तक केंद्र व राज्य सरकार नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी वर्करों को हरियाणा सरकार द्वारा आंदोलन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री ने मन की बात में वर्कर को 1500 को 750 रूपए देने की घोषणा की थी। वही मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 2018 में ही हड़ताल के दौरान आंगनवाड़ी वर्करों एवं हेल्पर को वर्कमेंन मानते हुए न्यूनतम वेतन देने और छठे महीने आने वाले महंगाई के आंकड़े अलग से जोड़कर देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक प्रधानमंत्री की घोषणा एवं मुख्यमंत्री ने खुद किए गए समझौते को लागू नहीं किया है। उल्टा आंगनवाड़ी वर्करों के नेताओं पर मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं और अगवा दस्ते की नेताओं को नौकरी से डिसमिस किया जा रहा है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 5 फरवरी तक की तालमेल कमेटी ने हड़ताल की कॉल दी है, अगर सरकार ने अपने किए वादे और समझौते लागू नहीं किए तो हड़ताल को अनिश्चितकालीन में बदल दिया जाएगा।