- कहा, जब तक मांग पूरी नहीं होगी हडताली जारी रहेगी
- आंगनवाडी वर्कर्स नोटिसों से डरने वाली नहीं
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने धरनास्थल पर मनाया काला दिवस
- काली चुन्नी एवं काला सूट पहनकर धरनास्थल पर पहुंची आंगनवाड़ी वर्कर्स
- पीओ की अनुपस्थित में पीओ कार्यालय में कर्मचारी को दिया 5 फरवरी तक हडताल बढ़ाने का नोटिस
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। सोनीपत में आंगनवाड़ी वर्करों की हड़ताल लगातार जारी रही। आज सैकड़ों आंगनवाड़ी वर्कर्स, हेल्पर, कार्यकर्ता, सहायिका लघु सचिवालय पर इक्ट्ठी हुई और तालमेल कमेटी के आह्वान पर आंगनवाडी कर्मियों ने काली चुन्नी, काले कपड़े पहनकर व हाथों में काले झंडे लेकर धरनास्थल पर काला दिवस मनाया। हडताली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद सभी आंगनवाड़ी वर्कर्स, हेल्पर, कार्यकर्ता, सहायिकाओं ने पीओ कार्यालय तक प्रदर्शन करते हुए जूलूस निकाला। पीओ कार्यालय पर पहुंचकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने पीओ की अनुपस्थित में 5 फरवरी तक बढ़ाई गई हड़ताल का नोटिस मुख्यमंत्री के नाम पीओ कार्यालय के कर्मचारी को सौंपा। इस दौरान हडताली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों के समर्थन में और केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
हड़ताली वर्करों के धरने की अध्यक्षता गीता नागर एवं सुमन ने संयुक्त रूप से की, जबकि संचालन उषा रानी, मंजू पहल ने संयुक्त रूप से किया। रोजाना की तरह सुबह आंगनवाड़ी वर्कर्स उपायुक्त कार्यालय सोनीपत पर इकट्ठा हुई और आंगनवाड़ी तालमेल कमेटी के आह्वान पर काला दिवस मनाया। आंगनवाड़ी की वर्कर्, हेल्पर्स, कार्यकर्ता, सहायिका काले कपड़े पहनकर, काली चुन्नी ओढ़कर, काले झंडे लेकर धरना स्थल पर इकट्ठा हुई। जहां से पीओ कार्यालय तक रोष प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों के समर्थन में और केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए पीओ कार्यालय पर पहुंची और 5 फरवरी तक का हड़ताल नोटिस पीओ की अनुपस्थिति में उनके अधीनस्थ कर्मचारी को नोटिस सौंपा।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सीटू के जिला प्रधान आनंद शर्मा, सचिव सुनीता, एआईयूटीयूसी के राज्य उपाध्यक्ष ईश्वर सिंह राठी, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के उपाध्यक्ष शिलक राम मलिक, ऑल इंडिया किसान सभा हरियाणा के उपाध्यक्ष श्रद्धानंद सोलंकी आदि ने कहा कि आंगनवाड़ी वर्करों एवं कार्यकर्ताओं की हड़ताल न्यायोचित एवं जायज है। हरियाणा सरकार जानबूझकर आंदोलन के लिए मजबूर कर रही है और दमन का रास्ता अपना कर आंदोलनकारी आंगनवाड़ी वर्करों एवं उनके सहयोगियों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। वही आंगनवाड़ी की नेतृत्वकारी यूनियन लीडरों को नौकरी से डिसमिस किया जा रहा है, जो हरियाणा सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे की न केवल पोल खोलता है, बल्कि भाजपा के चाल, चरित्र और चेहरे को उजागर करता है।
दमनकारी कदम वापस नहीं लिए तो ट्रेड यूनियन, कर्मचारी संगठन, किसान संगठन हरियाणा सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि डिस्मिस करने, मुकदमा दर्ज करने से आंगनवाड़ी वर्करों के आंदोलन को कमजोर करने का सरकार असफल प्रयास कर रही है। हरियाणा की तमाम 52000 वर्कर्स आंदोलन में उतर चुकी हैं। हरियाणा सरकार दबाव की राजनीति छोड़ कर बातचीत के द्वारा आंगनवाड़ी वर्करों के संदर्भ में प्रधानमंत्री द्वारा 2018 में की गई घोषणा अनुसार वर्कर को 15 सौ रुपए, हेल्पर को 750 सौ तुरंत प्रभाव से जारी किए जाएं। धरने को गीता नागर, सुमन, उषा रानी, कविता, मंजू पहल, सुनीता, अनीता, बाला, दर्शना देवी, सुदेश, बिमला, कविता आदि ने भी संबोधित किया और आखरी दम तक आंदोलन को चलाने का आह्वान किया।