- बारिश भी आंगनवाड़ी वर्करों के हौंसले को रोक नहीं पाई
- धरनास्थल पर नारेबाजी करते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पहुंची
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। देर रात से रुक-रुक हो रही बारिश भी आंगनवाड़ी वर्करों के हौंसले को रोक नहीं पाई। खराब मौसम के बावजूद सैकड़ों की संख्या में वर्कर उपायुक्त कार्यालय पर पहुंची। उन्होंने कहा कि जहां हरियाणा सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ हमें संघर्ष करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। वही प्रकृति भी कहर ढा रही है। लेकिन हमारे हौंसले बुलंद हैं। जब तक सरकार तालमेल कमेटी के साथ बातचीत कर 19 सूत्रीय मांग पत्र को लागू नहीं करती आंगनवाड़ी वर्करों का आंदोलन जारी रहेगा। आंगनवाड़ी वर्करों की हड़ताल लगातार जारी रही। रूक-रूक होकर रही बारिश के बीच आंगनवाड़ी कार्यकर्ता छतरी लेकर धरनास्थल पर पहुंची और धरने में शामिल होने से पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने जमकर नारे लगाए।
धरने की अध्यक्षता गीता नागर एवं सुमन ने संयुक्त रूप से की। जबकि संचालन सुनीता एवं बाला ने किया। उन्होंने वर्करों को आह्वान करते हुए कहा कि 24 जनवरी को अग्रसेन चौक हुड्डा पानी की टंकी पर जिला भर से हजारों आंगनवाड़ी की वर्कर्स, हेल्पर्स, कार्यकर्ता, सहायिका सुबह 11 बजे इकट्ठा होंगे और रोष प्रदर्शन करते हुए सांसद रमेश कौशिक के आवास की घेराबंदी की जाएगी। वही 25 जनवरी को जींद रोड स्थित गोहाना नेहरू पार्क में पूरे जिले की हजारों आंगनवाड़ी वर्कर्स इकट्ठा होंगे। वहां से गोहाना के विधायक जगबीर मलिक के आवास की घेराबंदी करेंगी।
जब तक आंदोलन जारी रहेगा जब तक बनाए गए झूठे मुकदमे वापस नहीं होते और सम्मानजनक समझौता नहीं होता। धरने को सम्बोधित करते हुए सीटू के जिला प्रधान आनंद शर्मा, सचिव सुनीता, एआईयूटीयूसी के राज्य सचिव हरि प्रकाश, भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के लीगल सेल चेयरमैन ब्रहम सिंह दहिया ने कहा कि हरियाणा सरकार जानबूझकर आंगनवाड़ी केंद्रों को बर्बाद करना चाहती है। नई शिक्षा नीति के नाम पर पांचवी तक के स्कूलों को बंद करने की योजना बनाई जा रही है, पांचवी तक की शिक्षा आंगनवाड़ी केंद्रों में दी जाएगी और आंगनवाड़ी केंद्रों को एनजीओ के हवाले किया जा रहा है। जिससे पांचवी तक की शिक्षा का निजीकरण करते हुए शिक्षा का अधिकार मौलिक अधिकार से सरकार पिंड छुड़ाना चाहती है।
उन्होंने मांग की कि बदले की भावना से आंगनवाड़ी वर्करों को डिसमिस किया जा रहा है। झूठे मुकदमे बनाए जा रहे हैं। जब देश के प्रधानमंत्री ने 2018 में मन की बात में 15 रु वर्कर एवं 750 रूपए हेल्पर को देने की घोषणा कर रखी है तो हरियाणा सरकार उस पैसे को क्यों डकार रही है, आंगनवाड़ी वर्करों को दिया जाए। वहीं 2018 में ही मुख्यमंत्री के साथ हुई समझौता वार्ता में आंगनवाड़ी वर्करों को वर्कमेंन मानते हुए न्यूनतम वेतन देने की घोषणा हरियाणा के मुख्यमंत्री ने की थी, लेकिन आज मुख्यमंत्री अपनी बात से मुकर रहे हैं और 2018 में किए हुए समझौते को लागू नहीं किया जा रहा है।
जिससे साफ जाहिर होता है कि हरियाणा सरकार गरीब एवं महिला विरोधी सरकार है। क्योंकि आंगनवाड़ी केंद्रों में गरीब परिवारों के बच्चे आते हैं, ताकि उनको कुपोषण से बचाया जा सके। आंगनवाड़ी केंद्रों में लगी वर्कर एवं हेल्पर्स महिला है। इसलिए हरियाणा सरकार गरीबों और महिलाओं के विरोध में कार्य कर रही है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है और छट्टनी का भय दिखाकर मुकदमे, दर्ज कर के आंदोलन को कमजोर नहीं किया जा सकता। आंदोलन को जितना दबाया जाएगा, आंदोलन उतना तीव्र गति से तेज होगा। प्रदर्शनकारियों को नवीन, मुकेश, राजेश कुमार, कमलेश, कृष्णा, कविता, बिमला, शर्मिला आदि ने भी संबोधित किया।