- क्रीमीलेयर काला कानून के विरोध में तहसील स्तर पर फूंके जाएंगे सरकार के पुतले : ओबीसी समाज
- ओबीसी क्रांति शंखनाद के शुभारंभ के लिए किया हवन यज्ञ
रोहतक। शनिवार को ओबीसी समाज द्वारा रोहतक के पुराना आईटीआई मैदान में ओबीसी क्रांति शंखनाद का शुभारंभ हवन यज्ञ किया गया। इस शंखनाद का शुभारंभ 27 फरवरी को प्रस्तावित शहीदी दिवस के दिन ओबीसी समाज की रैली से होगा। इस रैली में ओबीसी समाज के खिलाफ सरकार द्वारा किए गए गलत प्रस्ताव का विरोध किया जायेगा। सबसे पहले रैली के आयोजकों ने क्रीमीलेयर काला कानून के विरोध में प्रस्ताव पास किया और कहा कि प्रत्येक जिले, कस्बे, तहसील स्तर पर सरकार के पुतले फुके जाएंगे। यदि सरकार ने यह काला कानून वापस नहीं लिया तो ओबीसी समाज सरकार की ईंट से ईंट बजाने का काम करेगा। अति पिछड़ा वर्ग अधिकार मंच के राष्ट्रीय संयोजक महेंद्र पांचाल ने यज्ञ में आहुति डालते हुए कहा कि यदि सरकार ओबीसी समाज की जातिगत जनगणना नहीं करवाती है तो समाज इकट्ठा होकर सरकार का डटकर विरोध करेगा। 127 वां संशोधन का भी ओबीसी समाज के नेताओं ने खुलकर विरोध किया।
सरकार में जितने भी ओबीसी समाज के एमपी, एमएलए बैठे हैं, उनके खिलाफ ब्यान जारी करते हुए कहा कि यदि पिछड़े वर्ग के एमपी, एमएलए, ओबीसी समाज की आवाज नहीं उठाते हैं तो उनका हर एक चौराहे पर, हर एक कस्बे, तहसील और जिले में पुतला दहन किया जाएगा। पिछड़ा वर्ग के नेता तेजवीर सेन ने कहा कि कर्मचारियों को भी काले कानून क्रीमीलेयर के खिलाफ खुलकर सड़कों पर आना चाहिए, क्योंकि सरकार ने यह कानून कर्मचारियों के खिलाफ लागू किया है। उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा, अच्छे विद्यालयों, अच्छी नौकरियों से वंचित कर दिया गया है। यदि अब भी वे अपने हकों के लिए घरों से बाहर नहीं निकले तो वह दिन दूर नहीं उन्हें अपनी नौकरियों से भी हाथ धोना पड़ेगा, क्योंकि यह सरकार सभी कुछ प्राइवेट करना चाहती है। अब सरकारी कर्मचारियों की सरकार को जरूरत नहीं है। इस सरकार ने रेल को बेच दिया, तेल बेच दिया, विद्या के मंदिर बेच दिये है । जल, थल सब कुछ इन्होंने बेच कर रख दिया। सब कुछ प्राइवेट हाथों में दे दिया।
जब नरेन्द्र मोदी 2014 में सत्ता में आए तो बहुजन समाज को एक आस जगी थी कि अब बहुजन समाज का मसीहा आ गया है और समाज का भला करेगा, लेकिन इस सरकार ने एससी, बीसी समाज को केवल वोट बैंक समझा और उनके वोटर लेकर सत्ता में बैठ गए। आज सत्ता में आते ही वह एससी, बीसी समाज के योगदान को भुला चुके हैं, उनके खिलाफ रोज नए नए अध्यादेश जारी कर रहे हैं। बहुजन समाज को मारने का काम कर रहे हैं । सरकारी योजनाओं, सरकारी नौकरियों, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा बुनियादी सुविधाओं से वंचित कर दिया गया है। यह सरकार इन गरीब समाजों का कुछ भला नहीं करना चाहती और उनके खिलाफ खुलकर बगावत पर उतर गई है। अब ओबीसी समाज को जागने का वक्त है, यदि आज भी नहीं जागे तो वह दिन दूर नहीं हमको खाने के भी लाले पड़ जाएंगे।
इसलिए आने वाली 27 फरवरी को रोहतक के पुरानी आईटीआई मैदान में अपने हकों को लेने के लिए सभी परिवार सहित इकट्ठा होकर सरकार के कानों तक अपनी बात पहुंचाने का काम करें। फिर भी सरकार नहीं मानती है तो 2024 में पूरा बहुजन समाज एक होकर बीजेपी सरकार का विरोध करें। उनको वोट की चोट से सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएं। जब तक हम किसानों और मजदूरों की तरह एक होकर नहीं लड़े तो हमें कामयाबी नहीं मिलेगी। ओबीसी समाज व एससी समाज से अनुरोध है कि आज एक मंच पर आकर लङने का वक्त आ गया है। इसलिए आगे आए और इस आयोजन को कामयाब बनाएं। आज के आयोजन में जिले सिंह गुलिया, सुरेंद्र पांचाल, सुभाष भटटी, प्रवीण, सत्यनारायण पांचाल , कर्ण सिंह रोहिल्ला, देवी शंकर जांगड़ा, सुरेश जांगड़ा, धर्म सिंह प्रजापति, राजपाल प्रजापति सहित हवन यज्ञ में आहुति डालने के लिए पुराना आईटीआई मैदान में पहुँचे।