- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी
- मांगें नहीं मानी तो होगा अनिश्चितकालीन धरना
- आर-पार की लड़ाई के मूड में है आंगनवाड़ी हैल्पर व वर्कर्स
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। आंगनवाड़ी वर्कर हैल्पर यूनियन का तीसरे दिन भी धरना प्रदर्शन लघु सचिवालय पर जारी रहा। आज आंगनवाड़ी हैल्पर व वर्कर्स ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वर्कर्स व हैल्परों का कहना है कि यूनियनों की संयुक्त तालमेल कमेटी ने 22 नवंबर को सरकार व विभाग की निदेशका को मागों के समाधान के बारे आन्दोलन व हड़ताल का नोटिस भेजा था। इस बारे 26 नवंबर को पुनः राज्य के सभी जिला उपायुक्तों के माध्यम से हजारों वर्कर्स ने आन्दोलन का मांग पत्र व नोटिस भेजा था, अभी तक भी विभाग व सरकार की ओर से मांगों पर बात करने के लिए कोई रूख नजर नहीं आ रहा।
पूरे हरियाणा में सभी आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर धरना दे रही है, जब तक आंगनवाड़ी वर्करों की सभी मांगों का समाधान नहीं किया जाएगा तब तक धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा। बतां दे कि जिला की तमाम आंगनवाड़ी वर्कर्स एवं हैल्पर्स 8 दिसंबर से 11 दिसंबर तक हड़ताल कर लघु सचिवालय पर धरना दे रही है। धरने को संबोधित करते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की उन्होंने कहा कि जब तक सभी मांगों का समाधान नहीं किया जाता तो संयुक्त तालमेल कमेटी हड़ताल को और आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि न्यूनतम वेतन वर्कर्स को 24 हजार व हैल्पर को 16 हजार रुपए दिया जाए।
आंगनवाड़ी वर्कर्स वह हैल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए, 2018 में की गई घोषणाओं को लागू करते हुए महंगाई भते की तमाम किस्त मानदेय में जोड़कर दी जाए। महंगाई भते का बकाया ऐरियर भी तुरंत दिया जाए। विभाग द्वारा बिना फोन व अन्य संसाधन दिए वर्कर्स पर ऑनलाइन का काम ना करवाया जाए। इस बारे माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना न की जाए। प्रधानमंत्री द्वारा सितंबर 2018 में की गई वर्कर्स व हैल्पर्स की 1500 एवं 750 रूपये की बढ़ौतरी को ऐरियर समेत दिया जाए। आंगनवाड़ी वर्कर्स को 5 लाख व हैल्पर्स को 3 लाख रूपये रिटायरमेंट लाभ दिया जाए। रिटायरमेंट पैंशन लागू की जाए। आंगनवाड़ी वर्कर से सुपरवाइजर के रूप में 50 प्रतिशत की पदोन्नति को बिना किसी शर्त के लागू किया जाए। आंगनवाड़ी केंद्रों का बढ़ा किराया ग्रामीण क्षेत्र का 2000, छोटे कस्बे, शहर का 3000 व बड़े शहरों का 5000 रूपये लागू किया जाए। किराया कम देने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाए।
आंगनवाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स को विभागीय ट्रेनिंग या मीटिंग में बुलाने पर टीए व डीए दिया जाए तथा 18 किलोमीटर की सीमा खत्म की जाए। आंगनवाड़ी वर्कर व हैल्पर को दुर्घटना होने पर इलाज का पूरा खर्च मिले। मृत्यु होने पर अन्य विभागों की तर्ज पर 3 लाख रूपये मुआवजा व आश्रित को नौकरी मिले। वर्कर्स व हेल्पर्स की वर्दी की राशि बढ़े व सालाना कम से कम 2000 रूपये की जाए। नई शिक्षा नीति वापस हो। प्ले वे स्कूल के नाम पर आईसीडीएस का निजीकरण ना किया जाए। आईसीडीएस में किसी भी एनजीओ या प्राइवेट संस्था को शामिल करने की अनुमति ना दी जाए। आईसीडीएस में खाली पड़े हैल्परों, वर्करों, सुपरवाईजरों, सीडीपीओ, पीओ आदि के तमाम पदों को भरा जाए, ताकि विभाग के काम का संचालन ठीक प्रकार से हो। आई सी डी एस की 6 सेवाओं तथा 5 उद्देश्य से अलग कोई कार्य न लिया जाए। राज्य में आन्दोलन के दौरान आंगनवाडीकर्मियों पर बने रोड जाम के मुकद्दमें निरस्त किए जाए। कैथल में टर्मिनेट की गई वर्कर को बहान किया जाए।
सभी वर्कर्स एवं हैल्पर्स को ईएसआई एवं पीएफ के तहत कवर किया जाए व तुरंत इनके खाते खुलें। वर्कर्स व हैल्पर्स को मैडिकल अवकाश दिया जाए। इंधन की राशि को बढ़ाया जाए या सिलैंडर स्वयं विभाग भरवाकर दे। तब तक सुखा राशन देने की व्यवस्था जारी रहे। मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र में हैल्पर की भर्ती की जाए। आगनवाड़ी वर्कर्स एवं हैल्पर्स के लिए गर्मी-सर्दी का अवकाश लागू हो। आन्दोलन के दौरान झज्जर दुर्घटना में मारी गई हैल्पर के परिवार को 10 लाख रूपये मुआवजा व आश्रित को नौकरी व गंभीर रूप से घायल हैल्पर को 5 लाख मुआवजा व इलाज का खर्च दिया जाए। उन्होंने कहा कि जल्द ही इन मांगों का समाधान करें, ताकि वर्कर एवं हैल्पर्स अपने काम पर लौट सकें।