देश के भविष्य के निर्माताओं की नींव की मजबूती सर्वाधिक महत्वपूर्ण : राजीव जैन

  • -बच्चों को संस्कारित करने के उद्देश्य से 1925 से मनाया जा रहा बाल दिवस महोत्सव
  • -सकारात्मक विचारों का समावेश कर बच्चों को बढ़ायें आगे: स्वामी दयानंद सरस्वती
  • -श्री राम-कृष्ण साधना केंद्र मुरथल में आयोजित बाल दिवस समारोह में बच्चों को वितरीत की स्टेशनरी

रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। मुरथल स्थित श्री राम-कृष्ण साधना केंद्र में रविवार को बाल दिवस महोत्सव धूमधाम से मनाया गया, जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा के वरिष्ठ नेता राजीव जैन ने दीप प्रज्वलित करके किया। इस मौके पर राजीव जैन ने कहा कि बाल दिवस वर्ष-1925 से मनाया जा रहा है, ताकि बालक-बालिकाओं में संस्कार और संस्कृति का समावेश किया जा सके। संस्कारों के बिना बच्चों के उत्थान की कल्पना निरर्थक है। साथ ही जरूरी है कि बच्चों का हमारी संस्कृति से भी जुड़ाव हो। इस दिशा में बाल दिवस महोत्सव महती भूमिका अदा करता आया है।

आज के दौर में भी इस महोत्सव का अत्यधिक महत्व है। महोत्सव के माध्यम से विभिन्न प्रकार की प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन किया जाता है, जिससे बच्चों में संस्कृति के साथ संस्कारों को विकसित किया जाता है। जैन ने कहा कि बच्चे ही राष्ट्र का भविष्य हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि राष्ट्र निर्माताओं की नींव को मजबूती दी जाए, जिसमें संस्कारों का निर्माण अत्यधिक महत्वपूर्ण है। शक्तिशाली नींव के सहारे ही ताकतवर राष्ट्र का निर्माण संभव है। इसलिए बच्चों पर प्राथमिकता के साथ ध्यान दिया जाना चाहिए। स्कूली शिक्षा के साथ बच्चों को संस्कार भी देने चाहिए। संस्कारों के बिना बच्चों को देश के जिम्मेदार नागरिक के रूप में परिवर्तित नहीं किया जा सकता।

बाल दिवस महोत्सव की अध्यक्षता कर रहे स्वामी दयानंद सरस्वती महाराज ने बच्चों को बाल दिवस की बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना से आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों में सकारात्मक विचारों का समावेश बहुत जरूरी है, ताकि वे हर प्रकार की स्थिति का डटकर मुकाबला कर सकें। नकारात्मक परिस्थितियों पर काबू पाने के लिए सकारात्मकता पहली आवश्यकता है। सकारात्मकता के साथ ही बच्चों को विकास पथ पर आगे बढ़ाना चाहिए। इस अवसर पर राजीव जैन व स्वामी दयानंद सरस्वती ने बच्चों को स्टेशनरी का वितरण करते हुए स्वर्णिम भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।

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