- -सैंकड़ों वर्ष पुरानी वस्तुओं को जिला के लोगों ने संग्रहालय को दी है नि:शुल्क
- उपायुक्त ललित सिवाच ने संग्रहालय का निरीक्षण करते हुए प्राचीन धरोहर के संरक्षण के लिए दी शुभकामनाएं
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। सोसायटी फॉर दी डेवलपमेंट एंड ब्यूटीफिकेशन ऑफ दी सोनीपत टाउन के अध्यक्ष एवं उपायुक्त ललित सिवाच ने कहा कि प्राचीन धरोहर संभालना हर नागरिक का कर्तव्य है। यहां पर तैयार किए जा रहे स्वर्णप्रस्थ संग्रहालय में सोनीपत जिला के लोगों ने करोड़ों रुपए की अनमोल धरोहरों को भविष्य की पीढ़ी के लिए संजोकर रखने के लिए अपने घरों से उपलब्ध करवाया है। आने वाले समय में संग्रहालय में पहुंचने वाले देश-दुनिया के सैलानियों को रोचक जानकारी प्राप्त होगी ।
सोसायटी फॉर दी डेवलपमेंट एंड ब्यूटीफिकेशन ऑफ दी सोनीपत टाउन के अध्यक्ष एवं जिला उपायुक्त ललित सिवाच सोमवार को कोट मोहल्ला क्षेत्र में मौजूद ब्रिटिश कालीन तहसील का जीर्णोद्धार कर बनाए जा रहे जिले के पहले संग्रहालय का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। इस दौरान उनके साथ सोसाइटी के सदस्य सचिव राजेश खत्री और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र भारत सरकार के कर्मचारी प्रणव मौजूद रहे। उपायुक्त सिवाच ने बताया कि ब्यूटीफिकेशन सोसाइटी नगर निगम के सहयोग से ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने का कार्य कर रही है। इसी कड़ी में यहां पर जर्जर हुई ब्रिटिश काल की तहसील भवन का जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण करने के बाद संग्रहालय बनाने का कार्य अंतिम चरण में है।
उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार के आधीन , इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र से संरक्षण विभाग के एचओडी अंचल पांडया के नेतृत्व में परियोजना सहायक प्रणव ने 13 रूम में शामिल जिनमें 9वी 10 वीं शताब्दी, मिट्टी से बनी वस्तुएं, पुलिस, शहीद और स्वतंत्रता सेनानियों, पुरानी धन संपत्ति व दुर्लभ डाक टिकटें से संबंधित रूम का कार्य आगामी 1 मास के दौरान पूर्ण हो जाएगा। यह संग्रहालय भविष्य में युवा पीढ़ी के लिए अत्यधिक ज्ञानवद्र्धक रहेगा। उपायुक्त सिवाच ने संग्रहालय का गंभीरता व रोचकता के साथ निरीक्षण करते हुए आवश्यक सुझाव भी दिए। उन्होंने टिकट रूम से निरीक्षण की शुरुआत कर विजीटर रजिस्टर में अपने विचार अंकित करने के साथ समापन किया। इस दौरान उन्होंने गुरू गोरखनाथ की प्रतिमा के दर्शन किए तो वे एकदम से वहीं रूक गए।
उपायुक्त ने बताया कि उनका पैतृक गांव गोरखपुर है, जो कि गुरू गोरखनाथ के धाम के रूप में प्रसिद्ध है। इस धाम में गुरू गोरखनाथ से संबंधित साहित्य व वस्तुएं मिलेंगी जिन्हें संग्रहालय में सुरक्षित रखा जा सकता है। उपायुक्त ने संग्रहालय में प्राचीनतम वस्तुओं के संरक्षण के लिए विशेष रूप से बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह अनूठा एवं अनुकरणीय कार्य है। संग्रहालय के माध्यम से सोनीपत के इतिहास को जानने में अत्यधिक मदद मिल सकती है। संग्रहालय में सोनीपत के स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों की जानकारी भी उपलब्ध करवाई गई है। यहां के सांगियों को भी स्थान दिया गया है। इस प्रकार संग्रहालय बेहद अनूठे रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें कला, संस्कृति, समृद्धशाली इतिहास को संजोया गया है।
इस मौके पर सोसाइटी के सदस्य सचिव राजेश खत्री ने बताया कि वर्ष 2000 में इस सोसाइटी का गठन सोनीपत के पूर्व उपायुक्त सुधीर राजपाल ने किया था। सबसे पहले सोसाइटी के माध्यम से 600 वर्ष प्राचीन ख्वाजा खिजर मकबरे का सौंदर्य करण करने के साथ-साथ वहां सुंदर पार्क विकसित किया गया था। ब्रिटिश कालीन तहसील के जीर्णोद्धार का कार्य पूर्व उपायुक्त राजीव रतन के नेतृत्व में शुरू हुआ। जहा अब संग्रहालय स्थापित किया जा रहा है। सोसाइटी जल्द ही इस कार्य को पूर्ण करने के बाद महाभारत काल के समय का निर्मित पांडव कालीन कुआं और यमुना नदी पर घाट बनाने का कार्य भी किया जाएगा और वर्ल्ड के पर्यटकों को यहां सोनीपत आने का निमंत्रण दिया जाएगा।