- उपायुक्त सिवाच ने डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों का दौरा कर लिया जलभराव की स्थिति का जायजा
- -जल निकासी के तहत बिजली के पंप सैटों के लिए निर्बाद्ध विद्युत आपूर्ति के दिए निर्देश
- -बिजली के 80 पंप सैट की खरीद के लिए भेजा जा चुका प्रस्ताव, ताकि निकासी प्रबंधन में न हो कोई समस्या
- -मानसून खत्म हो चुका, प्राकृतिक आपदा के रूप में बरसात जारी, लोगों के लिए किये जा रहे हर संभव प्रयास
- -सरकार करवायेगी विशेष गिरदावरी, किसानों को मिलेगा उचित मुआवजा
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। गांवों के खेतों में भरे पानी की निकासी के लिए डीजल पंप सैट दिन-रात चालू रखने के निर्देश देते हुए उपायुक्त ललित सिवाच ने कहा कि तेल की कोई कमी नहीं है। तेल की खरीद के लिए पैसे की भी कोई कमी नहीं है। साथ ही उन्होंने बिजली के पंप सैटों के भी जल निकासी में निरंतर प्रयोग के निर्देश दिए, जिसके लिए विद्युत आपूर्ति निर्बाद्ध नहीं होने दी जाएगी। ग्रामीणों-किसानों की सुविधा व समस्याओं के समाधान के लिए जिला प्रशासन 24 घंटे उपलब्ध है।
उपायुक्त सिवाच ने रविवार की सुबह गांवों में जलभराव की स्थिति का जायजा लिया, जिसकी शुरुआत उन्होंने बड़वासनी गांव से की। उन्होंने हुल्लाहेड़ी, चिटाना, बागडू, जट माजरा, भादी, जुआं, रौलद, बीधल, जौली, लाठ, मोई, माजरी, दुभेटा, खेड़ी दमकन, बड़ौता, कटवाल, छिछड़ाना, बलि, बरोदा, गढ़वाल आदि गांवों का दौरा किया। उन्होंने दौरे की शुरुआत में ही जुआं ड्रेन का निरीक्षण किया। बड़वासनी व हुल्लाहेड़ी में पानी की निकासी के लिए उन्होंने निर्देश दिए कि ड्रेन की नियमित रूप से सफाई करवायें। मोई माजरी के नंबरदार सुखबीर ने उपायुक्त से मांग की कि जल निकासी के उचित प्रबंध किये जायें, जिस पर उपायुक्त ने जानकारी दी कि बिजली व डीजल के पंप सैट लगवाकर पानी निकालने के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं। उन्होंने विभिन्न गांवों में ग्रामीणों से बातचीत करते हुए उनकी मांगों व समस्याओं की सुनवाई भी की। लाठ में ग्रामीणों ने पंप सैट पर बड़ी मोटर लगवाकर निकासी की व्यवस्था की मांग की।
उपायुक्त ने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को इसके लिए निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि निकासी के लिए नाले की खुदाई-सफाई जेसीबी से करवाई जाए। जल निकासी के लिए दिन-रात युद्धस्तर पर काम जारी है। गोहाना खंड में तीस डीजल पंप सैट लगवा रखे हैं और तीस पंप सैट रोहतक से मंगवाकर निकासी का प्रबंध किया जा रहा है। बिजली के पंप सैटों की मदद से भी निकासी की जा रही है। सोनीपत खंड में 28 बिजली के पंप सैट व करीब 34 डीजल पंप लगवाकर निकासी की व्यवस्था को सुदृढ़ करवाया गया है।
प्राकृतिक आपदा के रूप में लगातार हो रही बारिश
उपायुक्त ने कहा कि मानसून सीजन खत्म होने के बाद भी प्राकृतिक आपदा के रूप में लगातार बारिश हो रही है। मानसून में जितनी बारिश होनी चाहिए थी उससे 85 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग स्थिति है। जहां सोनीपत डिवीजन में पानी का जलस्तर लेवल में होने के कारण पानी निकालने में ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है । जहां पंपसेट ज्यादा लगाने की आवश्यकता नहीं होती। वही गोहाना की जमीन में ज्यादा क्षारीयता होने के कारण खेतों से पानी सरलता से नहीं निकल पाता है और इसके लिए ज्यादा मेहनत की आवश्यकता होती है। इसीलिए गोहाना में खेतों से पानी निकालने के लिए ज्यादा पंपसेट लगाने के लिए आदेश जारी किए गए हैं।
उपायुक्त सिवाच ने कहा कि सरकार की तरफ से सोनीपत में डीजल पंप सेट के तेल के लिए 40 लाख रुपए भेजे गए हैं। वहीं जिला प्रशासन की तरफ से प्रदेश सरकार को 80 इलेक्ट्रिकल पंप सेट खरीदने का प्रपोजल भी भेजा जा चुका है ताकि किसानों के खेतों से समय रहते पानी निकाला जा सके। जिला प्रशासन द्वारा किसानों को राहत पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों का दौरा करने के उपरांत उपायुक्त ने गोहाना स्थित विश्राम गृह में संबंधित अधिकारियों की बैठक लेते हुए जल निकासी को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिए कि लोगों की सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर की जाए। जहां भी निकासी में रूकावट है उसे तुरंत दूर किया जाए। नहरों, नालों आदि की सफाई के कार्य में लापरवाही स्वीकार नहीं होगी। उन्होंने गोहाना के एसडीएम आशीष वशिष्ठ को विशेष निर्देश दिए कि वे कथूरा की बीडीपीओ को साथ लेकर बरोदा, बनवासा, धनाना, रिंढाना, भंडेरी आदि गांवों का दौरा कर जल निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त करवायें।