- -पेड़ों की बढत के कारण ही होती है समाज की बढत
- -पौधारोपण करने के साथ-साथ उसकी देखभाल करना भी है हमारी जिम्मेदारी
- -कोरोना महामारी के दौरान हम देख चुके है आक्सीजन की कमी के परिणाम
- -आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में गांव मण्डोरा में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में उपायुक्त ने किया पौधारोपण
श्याम वशिष्ठ, सोनीपत। उपायुक्त ललित सिवाच ने कहा कि मनुष्य ने आज विज्ञान के बल पर ऐसे कार्य किए है जिससे मनुष्य की जिंदगी आसान हो गई है। आज मनुष्य विज्ञान के बल पर चांद तक पहुंच गया है। हमने विज्ञान में तो तरक्की कर ली है, लेकिन प्रकृति को पीछे छोड़ दिया है। मनुष्य ने लगातार अपने विकास के चक्कर में पेड़-पौधों को इतना दोहन कर दिया कि धरती पर ऑक्सीजन का संतुलन बिगड़ गया। जो मनुष्य जीवन के लिए विनाश का कारण बनता जा रहा है। इसलिए हमें आज ही प्रण लेना होगा की हमें दिन-रात प्रकृति की रक्षा के लिए कार्य करेंगे और वो पौधारोपण से ही संभव हो सकता है, इसलिए सभी लोगों को ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करना चाहिए।
उपायुक्त सिवाच रविवार को आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में गांव मण्डोरा स्थित शिव मंदिर परिसर में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज मनुष्य ने नए-नए उद्योग स्थापित कर दिए, जिससे वातावरण में जहरीली गैसों का प्रभाव बढ़ गया और हमारा वातावरण दूषित हो गया। जिससे मनुष्य के शरीर में अनेक बिमारियों ने जन्म ले लिया। अगर हमें आज इन बीमारियों से छूटकारा लेना है तो हमें पौधारोपण को एक जन आंदोलन का रूप देना होगा, ताकि युवा व सभी वर्ग के लोग एक क्रांतिकारी की तरह ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए और हमारे वातावरण में दोबारा शुद्घ वायु का वास हो, क्योंकि पेड़-पौधों से मनुष्य को मिलती है शुद्घ वायु और शुद्घ वायु से बढ़ती है मनुष्य की आयु।
इस दौरान उपायुक्त ने मंदिर परिसर में ध्वजारोहण भी किया। उपायुक्त ने कहा कि हमारे समाज की बढत तभी होगी जब पेड़ों की बढत होगी, क्योंकि पेड़ों से हमें फल व फूल प्राप्त होते हैं जो हमारी आय का भी साधन होते है। इसके अलावा बहुत से लकड़ी के कारखाने होते है। जिनमें पेड-पौधे से ही लकड़ी प्राप्त कर फर्नीचर तथा अन्य जरूरत का सामान तैयार किया जाता है। इन्हीं उद्योगों से ही मनुष्य को रोजगार भी मिलता है। इसलिए हम कह सकते है कि पेड-पौधों से ही मनुष्य का हर प्रकार से उत्थान संभव है। उपायुक्त सिवाच ने कहा कि हर मनुष्य का पौधारोपण के साथ-साथ पेडों की देखभाल करना भी हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि एक पेड बड़ा होकर हमारी कई पीढियों को मुफ्त में ऑक्सीजन तथा फल देता है तो हमारा भी नैतिक कर्तव्य है कि हम भी पेड-पौधों की देखभाल करें और हमारे आस-पास लुप्त होती जा रही हरियाणी को दोबारा कायम करें।
उपायुक्त ने ताजा उदाहरण देते हुए कहा कि कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी से लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा। आप सोच सकते है कि ऐसा क्यों हुआ इसका सबसे बड़ा कारण मनुष्य ही है, क्योंकि लगातार पेड़-पौधों के कम होने से वातावरण में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण ऑक्सीजन का संतुलन बिगड़ गया। इसलिए आज से हम सब ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करेंगे, ताकि हमें भविष्य में ऐसी मुश्किल का सामना न करना पड़े। कार्यक्रम के अंत में गांव के सभी लोगों को फलों के पेड़ वितरित किए गए, ताकि एक पेड हर आगंन में फले और हमें कई पीढियों तक उस भगवान रूपी पेड़ का साथ मिलता रहे। इसके अलावा गांवों वालों से एक रोडवेज बस के रूट की मांग की तो उपायुक्त ने लोगों की इस समस्या को तुरंत दूर करते हुए नाहरा-नाहरी के लिए आने वाली रोडवेज बस के रूट मैप में मण्डोरा को भी शामिल करवाया।