भाइयों को राखी बांधकर की दीर्घायु की कामना, बसों, ट्रेनों व निजी वाहनों की रही भीड़
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। भाई- बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व रविवार को पूरे जिले में धूमधाम से मनाया गया। रविवार को बसों व ट्रेनों में भीड़ देखी गई। महिलाएं अपने भाईयों को राखी बांधने के लिए उत्साह से दूरदराज के क्षेत्रों से यात्रा करती दिखाई दी। राज्य परिहवन की बसों में महिलाओं व उनके 15 साल तक के बच्चों के लिए यात्रा निशुल्क होने के चलते भी आम दिनों की बजाय ज्यादा भीड़ दिखाई दी। वहीं अपने वाहनों से जाने वाले लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रोहतक रोड स्थित रोहट गांव के पास पश्चिमी यमुना लिंक नहर के पुल पर कई बार जाम की स्थिति बनी रही। क्योंकि रोहतक-बहादुरगढ़ व बवाना-नजफगढ़ जाने वाले निजी वाहन चालक खरखौदा व नहर के रास्ते से होकर आते-जाते हैं।
इसलिए रोहट पुल पर जाम की स्थिति बन जाती है। रक्षाबंधन के कारण बस अड्डे व रेलवे स्टेशनों पर महिलाओं व पुरुषों की भीड़ देखी गई। बाजारों में भी मिठाई तथा उपहारों की दुकानों पर दिनभर खरीददारों का तांता लगा रहा। बहनों ने भाइयों को तिलक लगाया और कलाई पर राखी बांधकर मिठाई खिलाकर उनकी सुख समृद्घि व लंबी उम्र की कामना की। भाइयों ने भी बहनों को उपहार व नकदी भेंट की। इस बार जो भाई-बहन नहीं मिल पाएं, उन्होंने अपनी बहनों को उपहार के रूप में ऑनलाइन नकदीभेजी। प्रदेश सरकार द्वारा हरियाणा रोडवेज की बसों में महिलाओं व उनके 15 वर्ष तक के बच्चों का किराया माफ किए जाने से बसों में काफी भीड़ रही। रक्षाबंधन के चलते शहर के बाजारों में दिनभर चहल पहल रही।
रेशम, मोली, मोती, रुद्राक्ष, चंदन, कार्टून व स्वास्तिक जैसे न जाने कितनी सुंदर चीजों को धागे के साथ जोडकऱ राखियां सजाई गई हैं। रोहतक रोड, कच्चे क्वार्टर, गोहाना रोड सहित अन्य बाजारों से लेकर गलियों और मोहल्लों में कई तरह की राखियां नजर आई। राखी विके्रताओं का कहना है कि पिछले कुछ सालों से हल्की राखियां ज्यादा बिक रही है। पहले राखियों का बड़ा साइज तैयार किया जाता था। राखियों के साथ चंदन, रुद्राक्ष आदि के छोटे पैक भी बहनें पसंद कर रही है। पौराणिक मान्यता के अनुसार रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहनों के जीवन में खुशियों की सौगात लेकर आता है। रक्षाबंधन पर्व प्रत्येक बहन व भाई के जीवन में बहुत महत्व रखता है। रक्षाबंधन का पावन पर्व भाई-बहन के पावन रिश्ते का प्रतीक है, यह पर्व भाई बहन के रिश्ते को और अधिक मजबूत करता है। रक्षाबंधन के दिन बहन परम पिता परमात्मा से भाई के अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घ आयु की प्रार्थना करती है। पूरे देश में रक्षाबंधन का त्योहार बड़े हर्ष और उल्लास से मनाया गया। बहनों ने सज धज कर अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी। वहीं भाई बहन की रक्षा का वादा करता है और बहन को तोहफे देते हैं। राखी प्रेम और विश्वास का वह अटूट धागा है जो बहनों को भाइयों से जोड़ता है।
यह त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बना देता है। इस दिन बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती है और राखी बांधती है। मिठाई खिलाती है और भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है। उसके सुख-दुख में साथ रहने का वादा करता है। रक्षाबंधन पर्व को लेकर कई महिलाओं ने व्रत भी रखा। रक्षा बन्धन का पर्व बहन-भाई के स्नेह तथा पारिवारिक रिश्तों के साथ-साथ धर्म, समाज व राष्ट्र को एकजुट करने का सन्देश देता है, इसलिए हम सभी को इस पावन पर्व पर राष्ट्रीय एकता को और अधिक सुदृढ़ करने का संकल्प लेना चाहिए। यह पर्व कर्तव्य, आत्मीयता, त्याग, सामाजिक एकता व सद्भाव की भावना का प्रतीक है। यह त्यौहार हमारी धरोहर है, जो समाज के अंदर भावनात्मक तौर पर रिश्तों को मजबूती देने में अहम योगदान दे रहा है। भाई-बहन का एक-दूसरे के प्रति दायित्व ही नहीं, अपितु भावनात्मक तौर पर मजबूत बनाता है।