समाज के बुदि्धजीवियों ने महाराजा रणबीर सिंह रोहिल्ला के चित्र पर पुष्प अर्पित कर मनाया शौर्य दिवस
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। रक्षाबंधन के दिन राजा रणबीर सिंह रोहिल्ला के बलिदान दिवस को शोर्य दिवस के रूप में बडी धूमधाम के साथ मनाया। ककरोई रोड पर जवाहर नगर स्थित संत नामदेव रोहिल्ला टांक क्षत्रिय सभा द्वारा राजा रणबीर सिंह रोहिल्ला के चित्र पर पुष्प अर्पित कर महाराजा को नमन किया। रोहिल्ला समाज के गणमान्य बुद्धिजीवियों ने राजा रणबीर सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन पर्व को समस्त भारत का रोहिला समाज एक स्वाधीनता और स्वाभिमान के लिए दिए गए बलिदानों के कारण एक शोर्य दिवस के रूप में मनाता है।
सन्त नामदेव रोहिल्ला टांक क्षत्रिय सभा ने रविवार को रक्षाबंधन के दिन जवाहर नगर स्थित अपनी धर्मशाला में बैठक की। बैठक की अध्यक्षता सभा के प्रधान संत लाल रोहिल्ला ने की। बैठक का संचालन पूर्व कर्मचारी नेता बलबीर सिंह रोहिल्ला द्वारा किया गया। सर्व प्रथम रोहिल्लखण्ड के महाराजा रणबीर सिंह रोहिल्ला के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये और महाराजा रणबीर सिंह रोहिल्ला अमर रहे के नारे लगाये। इस मौके पर पत्रकार रणबीर सिंह रोहिल्ला ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किये। तत्पश्चात जय भगवान रोहिल्ला ने महाराजा की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सन 1253 में नसरुदीन के विरुद्ध तलवार का बीड़ा उठाकर राजा रणबीर सिंह रोहिल्ला ने रामपुर व पीलीभीत के बीच मैदान में विकट संघर्ष करते हुए नसरूदीन के सेना के पैर उखाड़ दिये और नसरूदीन को बंदी बना लिया, परंतु सन 1254 में रक्षा बंधन के दिन अपने दरबारी पंडित गोपाल पांडे के षडयंत्रों में आकर महाराजा रणबीर सिंह रोहिल्ला वीर गति को प्राप्त हो गए और उनकी महारानी तारावती उनके साथ सती हो गई।
सभा के कोषाध्यक्ष धरम राज रोहिल्ला ने अपने सम्बोधन में महाराजा रणबीर सिंह के पदचिन्हों पर चलते हुए सम्मान के साथ जीने और समाज का आर्थिक व शैक्षणिक विकास की राह पर चलने के लिए सभी गनमान्य साथियों से आह्वान किया। कार्यक्रम में रोहिल्ला समाज के अनेकों सम्मानित सदस्य सतनारायण रोहिल्ला, मनोहर लाल रोहिल्ला, प्रेम रोहिल्ला, विनोद रोहिल्ला, सचिन रोहिल्ला, संजय रोहिल्ला, कृष्ण कुमार रोहिल्ला, दयानन्द रोहिल्ला, सुरेंद्र रोहिल्ला, सुरेश रोहिल्ला, नरेश सागू, महाबीर सिंह रोहिल्ला, शिव कुमार रोहिल्ला, राम निवास बजानिया और सूबेदार सतबीर सिंह आदि उपस्थित थे।