-सिद्ध पीठ सत कुंभा धाम पर स्नान का विशेष महत्व रहेगा
रणबीर रोहिल्ला, सोनीपत। सिद्ध पीठ सतकुम्भा धाम पर सावन के महीने में विशेष संयोग बहुत सालों के बाद बन रहा है। रविवार का दिन पूर्णिमा और रक्षाबंधन एक साथ में इनका आना अद्भुत संयोग है, ऐसे पावन अवसर पर सिद्धपीठ सतकुंभा धाम पर स्नान बहुत ही लाभप्रद है। सिद्धपीठ सतकुंभा धाम के पीठाधीश्वर राजेश स्वरूप महाराज ने कहा कि सतकुम्भा तीर्थ की परंपरा रही है कि सावन के चौथे रविवार को स्नान का विशेष महत्व है। लेकिन इस बार का योग विशेष है। शास्त्रों में वर्णित है कि सावन के चौथे रविवार को मेला लगता है। लम्बे अन्तराल के बाद यह समय आया कि रविवार भी है और पूर्णिमा भी है। वैसे तो सावन में सोमवार का महत्व जाता है, लेकिन सतकुम्भा तीर्थ धाम के गजट ईयर में लिखा हुआ है कि सावन का चौथा रविवार की विशेषता है।
महाराज ने कहा कि अभी कई सारे पर्व एक साथ हैं। रक्षाबंधन के श्रावणी कर्म भी है, सांस्कृतिक महोत्सव मनाया जाता है। चौथे रविवार को रक्षाबंधन भी हो गया और पूर्णिमा भी हो गई तो हम इसमें श्रावणी कर्म भी करवाते हैं। श्रावणी कर्म का मतलब सदियों से हमारे यहां परंपरा रही है कि वैदिक और आयुर्वेदिक रूप से किये गए कर्ण को श्रावणी कर्म कहते हैं। श्रद्धालु को यही संदेश है कि अच्छा संयोग बन रहा है और कोरोना का ध्यान रखते हुए धार्मिक स्थलों को खोला जा रहा है और श्रद्धालु इस अद्भुत संयोग का लाभ उठाएं। अपना बचाव भी करें ओर दूसरों का भी ख्याल रखें।