- पेयजल की आवश्यकता के लिए जनस्वास्थ्य विभाग के टोल फ्री नंबर-18001805678 पर करें फोन
आम नागरिक लू से बचाव के लिए जारी की गई एडवाईजरी की करें पूर्ण अनुपालना
रणबीर रोहिल्ला, श्याम वशिष्ठ, सोनीपत। मौसम में बदलाव के दृष्टिगत उपायुक्त एवं जिला आपदा एवं प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार ने गर्मी व लू से संरक्षण के लिए सभी विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों को जारी की गई एडवाईजरी के अनुसार जरूरी प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने जिलावासियों का भी आह्वान किया कि वे खुद के बचाव के लिए जरूरी सावधानी बरतते हुए एडवाईजरी की पूर्ण अनुपालना करें।
गर्मी व लू से बचाव के लिए लघु सचिवालय में गुरूवार को संबंधित विभागीय अधिकारियों की बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त कर रहे थे। उन्होंने गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इस संदर्भ में जारी की गई एडवाईजरी पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि हर विभाग के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं, जिनकी अनुपालना अनिवार्य रूप से की जाए। विशेष रूप से स्वास्थ्य विभाग जरूरी प्रबंध सुनिश्चित करें, जिनमें ओआरएस, जरूरी दवायें, क्या करें क्या न करें की जानकारी वाले बोर्ड की स्थापना, पेयजल इत्यादि की पूर्ण व्यवस्था करें। उन्होंने आमजन का भी आह्वान किया कि वे स्वास्थ्य विभाग कंट्रोल रूम में नंबर-108 पर सहायता ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि उपायुक्त कार्यालय के कंट्रोल रूम में भी दूरभाष: 0130-2221590 पर भी कॉल करके इस संदर्भ में किसी भी प्रकार की जानकारी साझा करते हुए मदद ली जा सकती है। साथ में उन्होंने जनस्वास्थ्य विभाग के टोल फ्री नंबर-18001805678 की भी जानकारी देते हुए लोगों का आह्वान किया कि वे पेयजल की समस्या व आपूर्ति के लिए इस नंबर पर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। उपायुक्त ने पशुपालन, वन विभाग, नगर निगम, जनस्वास्थ्य विभाग, जीएम रोडवेज, रेलवे स्टेशन, विद्युत निगम, महिला एवं बाल विकास विभाग, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग आदि के लिए जारी की गई एडवाईजरी पर विस्तृत चर्चा करते हुए निर्देश दिए कि अनुपालना सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही के लिए कोई स्थान नहीं है।
उपायुक्त ने कहा कि गर्मी के मौसम में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है, खासकर धूप में घूमने वालों, खिलाडिय़ों, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को लू लगने का डर ज्यादा रहता है। लू लगने पर उसके इलाज से बेहतर है, हम लू से बचे रहें यानी बचाव इलाज से बेहतर है। उन्होंने कहा कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग हरियाणा द्वारा जनहित में लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की गई है, जिसकी सभी को पालना करते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा बनाए रखनी है।
उपायुक्त ने आमजन का आह्वान किया कि वे जारी की गई एडवाइजरी की पालना करें और लू से बचे रहें। उन्होंने कहा कि लू से बचाव के लिए स्थानीय मौसम संबंधी खबरों के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखें, समाचार पत्र पढ़ें, गर्मी में हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें, अपना सिर ढककर रखें, कपड़े, हैट अथवा छतरी का उपयोग करें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं-भले ही प्यास न लगी हो, ओआरएस (ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्यूशन), घर में बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का मांड) नींबू पानी, छाछ आदि का सेवन कर तरोताजा रहें।
डीसी ने कहा कि बच्चों को वाहनों में छोडक़र न जाएं उन्हें लू लगने का खतरा हो सकता है, नंगे पांव बाहर न जाएं, गर्मी से राहत के लिए हाथ का पंखा अपने पास रखें, काम के बीच में थोड़ा-थोड़ा विश्राम लें, खेत खलीहान में काम कर रहे हैं तो समय-समय पर पेड़ या छाया में ही आसरा लें। गर्मी के मौसम में जंक फूड का सेवन न करें। ताजे फल, सलाद तथा घर में बना खाना खाएं। खासतौर से दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे के बीच धूप में सीधे न जाए। यदि बच्चे को चक्कर आए, उल्टी घबराहट अथवा तेज सिरदर्द हो, सीने में दर्द हो अथवा सांस लेने में कठिनाई हो तो चिकित्सक को दिखाएं।
उपायुक्त ने कहा कि बढ़ती गर्मी में वृद्ध एवं कमजोर व्यक्तियों की खास देखभाल करें, तेज गर्मी, खासतौर से जब वे अकेले हों, तो कम से कम दिन में दो बार उनकी जांच करें, ध्यान रहे कि उनके पास फोन हो, यदि वे गर्मी से बैचेनी महसूस कर रहे हों तो उन्हें ठंडक देने का प्रयास करें, उनके शरीर को गीला रखें, उन्हें नहलाएं अथवा उनकी गर्दन तथा बगलों में गीला तौलिया रखें, उनके शरीर को ठंडक देने के साथ साथ डॉक्टर अथवा एम्बुलेंस को बुलाएं, उन्हें अपने पास हमेशा पानी की बोतल रखने के लिए कहें।
उपायुक्त ने कहा कि जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी दें, उन्हें घर के भीतर रखें, पीने के पानी के दो बाउल रखें, ताकि एक में पानी खत्म होने पर दूसरे से वे पानी पी सकें, यदि उन्हें घर के भीतर रखा जाना संभव न हो तो उन्हें किसी छायादार स्थान में रखें, जहां वे आराम कर सकें। ध्यान रखें कि जहां उन्हें रखा जाए वहां दिनभर छाया रहे, अपने पालतू जानवर का खाना धूप में न रखें, जानवरों को किसी बंद जगह में न रखें, यदि आपके पास कुत्ता है तो उसे गर्मी में न टहलाएं, उन्हें सुबह और शाम को घुमाएं जब मौसम ठंडा हो, अपने कुत्ते को गर्म सतह (पटरी, तारकोल की सडक़, गर्म रेत) पर न टहलाएं, किसी भी स्थिति में जानवर को वाहन में न छोड़ें।