रणबीर रोहिल्ला, श्याम वशिष्ठ, सोनीपत। खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और शैक्षणिक प्रयासों को विस्तार देने और अपनी विशेषज्ञता, संसाधनों और ज्ञान को आपस में सांझा करने के लिए मेलबर्न विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया और निफ्टेम-कुंडली, भारत के बीच वैश्विक स्तरीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) हुआ। समझौता ज्ञापन पर दोनों संस्थाओं के प्रमुखों डॉ. सुरिन्दर सिंह चौहान, उपनिदेशक, मेलबर्न इंडिया पोस्टग्रेजुएट एकेडमी और डॉ. हरिन्दर सिंह ओबरॉय, निदेशक, राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता एवं प्रबंधन संस्थान (निफ्टेम), कुंडली द्वारा उच्च अधिकारियों और संकायाध्यक्षों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
डॉ. सुरिन्दर सिंह चौहान ने टीम के साथ निफ्टेम परिसर का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस एमओयू का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिक प्रगति में योगदान करते हुए उभरती हुई चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं की सुविधा प्रदान करना है। इस एमओयू से दोनों संगठनों के बीच आपसी सहयोग और गतिविधियों के लिए रोमांचक अवसर प्राप्त होंगे।
निफ्टेम के निदेशक डॉ. हरिन्दर सिंह ओबरॉय ने कहा कि इस एमओयू के तहत बहुमुखी सहयोग और विनिमय कार्यक्रमों के माध्यम से दोनों संस्थानों के छात्रों एवं संकायों के बीच विचारों का आदान-प्रदान करने, एक जीवंत शैक्षणिक वातावरण को बढ़ावा देने, विशेष सुविधाओं तथा उपकरणों को सांझा करने और अनुसंधानात्मक बुनियादी ढ़ांचे व ज्ञान का प्रसार करने के लिए संयुक्त रूप से सेमीनार, कार्यशालाएं, सम्मेलन आदि आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस समय मेलबर्न यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया में प्रथम और क्यूएस रैंकिंग में 14वें स्थान पर है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित ऐसे संगठन के साथ जुड़ना बेहद गर्व की बात है। दोनों संगठन मिलकर खाद्य विज्ञान से संबंधित क्षेत्रों में व्यापक नेटवर्किंग और सहयोग के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हुए हैं।