- सहायक निर्वाचन अधिकारी व पुलिस अधिकारी बेहतरीन तालमेल के साथ करें रिपोर्टिंग
पुलिस आयुक्त व उपायुक्त ने सहायक निर्वाचन अधिकारियों व पुलिस अधिकारियों की ली संयुक्त बैठक
श्याम वशिष्ठ, रणबीर सिंह, सोनीपत। लोकसभा के आम चुनावों के अंतर्गत वलनरेबल क्षेत्र तथा बूथों की पहचान के लिए पुलिस आयुक्त बी. सतीश बालन तथा जिला निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार ने गंभीरता से मंथन करते हुए कहा कि कानून एवं व्यवस्था को किसी भी स्थिति में प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा करते हुए निर्देश दिए कि सहायक निर्वाचन अधिकारी तथा पुलिस अधिकारी मिलकर वलनरेबल बूथों को चिन्हित करें, जिसमें चुनाव आयोग से प्राप्त दिशा-निर्देशों की पूर्ण अनुपालना सुनिश्चित की जाए।
लघु सचिवालय में दोपहर बाद सोमवार को वलनरेबल बूथों को चिन्हित करने के उद्देश्य से सहायक निर्वाचन अधिकारियों तथा पुलिस अधिकारियों की संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता संयुक्त रूप से पुलिस आयुक्त बी. सतीश बालन तथा जिला निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार ने की। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बैठक की शुरुआत करते हुए विस्तार से वलनरेबल बूथों को परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों एवं बूथों की पहचान की गई है, जिनकी सहायक निर्वाचन अधिकारी व पुलिस अधिकारी मिलकर समीक्षा करें। इसके लिए चुनाव आयोग द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों पर संबंधित बूथों की कसौटी जांचें।
उन्होंने कहा कि वलनरेबल की श्रेणी में एक पूरी पॉकेट भी हो सकती है और एक क्षेत्र का एक-दो बूथ भी शामिल किया जा सकता है। उन्होंने पावर प्वाईंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से वलनरेबल बूथों की पहचान करने का प्रशिक्षण दिया। मसल पावर और मनी पावर के संभावित प्रयोग वाले बूथों की पहचान करें। यदि ऐसा कोई बूथ संज्ञान में आये तो तुरंत जानकारी दें। साथ में उन्होंने क्रिटिकल बूथों को भी परिभाषित किया। सेक्टर ऑफिसर के माध्यम से इनकी रिपोर्ट लें। उन्होंने निर्देश दिए कि पहचान किये गये प्वाइंटस की गंभीरता से समीक्षा कर अंतिम रिपोर्ट शीघ्रातिशीघ्र प्रस्तुत करें। साथ ही
उन्होंने डिस्ट्रिक्ट सिक्योरिटी प्लान भी जल्द तैयार करने के निर्देश दिए। पुलिस आयुक्त बी. सतीश बालन ने भी विस्तार से वलनरेबल बूथों पर चर्चा की। उन्होंने कुछ क्षेत्रों की जानकारी देते हुए उदाहरण दिया कि इन्हें वलनरेबल बूथों में शामिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र एवं बूथों का पुराना इतिहास जरूर जांचें। यदि कहीं मतदाता को प्रभावित किया जा सकता है अथवा समुदाय विशेष का अधिक प्रभाव हो ऐसे क्षेत्रों की पहचान करें। साथ ही कहीं पहले मतदाताओं पर दबाव डाले जाने की सूचना हो। मतदान को लेकर दो गुटों में झगड़ा हुआ हो अथवा ऐसे मतदाता हों जिनके विभिन्न माध्यमों से प्रभावित होने की संभावना हो।