- सातों दिन हजारों श्रद्धालुओं के लिए अनंत भंडारे चले
- सतकुंभ उत्सव अध्यात्मिक व रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ संपन्न
- तन के लिए भोजन आत्मा के लिए भजन आवश्यक : आचार्य चतुर्वेदी
श्याम वशिष्ठ, सोनीपत। सिद्धपीठ तीर्थ सतकुंभा धाम के पीठाधीश्वर महंत राजेश स्वरूप महाराज ने अपने दिव्य संदेश में शुक्रवार को कहा कि सात दिवसीय सतकुम्भा उत्सव श्रीराम कथा एवं शिव स्तोत्र महायज्ञ में पूर्ण आहुति और जलाभिषेक से संपन्न हो गया है। महाराजश्री ने कहा कि सतकुंभा उत्सव तीर्थ पर सबके सहयोग से सातों दिन हजारों श्रद्धालुओं के लिए अनंत भंडारे की सेवा दी और ली है। इसके लिए सभी श्रद्धालु बधाई के पात्र हैं। प्रभु भक्तों के सहयोग से व्यवस्थाएं बन रही हैं। सतकुंभा उत्सव पूरे विश्व में विख्यात हो चुका है। सतकुम्भा धाम तो भक्तों की श्रद्धा भक्ति और आस्था का केंद्र बन गया है।
मंगल कामना है कि विश्व का कल्याण हो, घर परिवार में खुशहाल हो, सभी अपने घरों में प्रभु कृपा से निरोग रहें। आचार्य व्यास पवन देव चतुर्वेदी महाराज ने कहा कि भजन और भोजन दोनों ही अलग-अलग अनुष्ठानों का हिस्सा हैं। तन के लिए भोजन जरुरी है तो आत्मा के लिए भजन आवश्यक है। आपने रामकथा सुनी है इसको जीवन में अपनाएं, ताकि आपका जीवन खुशहाल हो। शिव रुद्र महायज्ञ में डा. कांता शर्मा एडवोकेट, शिवेंदु भारद्वाज, अंशु शर्मा, राजेश पहलवान पुरखासियां समेत सैकड़ों शिव भक्तों ने पूर्ण आहुति दी। आध्यात्मिक व रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ सतकुंभा उत्सव का समापन के साथ वेद पाठी आचार्य आनंद भट्ट, स्वामी सत्यवान महाराज, प्रबंधक सूरज शास्त्री, आचार्य अमन, आचार्य आशीष, पंडित सोमबीर शास्त्री, आशीष कुमार, सुमित शर्मा आदि ने समर्पित सेवाएं दी।