पशुपतिनाथ मंदिर में भगवान शिव की पंचमुखी मूर्ति अलौकिक
सोनीपत, 24 ब्यूरो। पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू से तीन किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में बागमती नदी के किनारे देवपाटन गांव में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान पशुपतिनाथ का मुख्य निवास माना जाता था। पशुपतिनाथ में आस्था रखने वालों (मुख्य रूप से हिंदुओं) को मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति है। गैर हिंदू आगंतुकों को इसे बाहर से बागमती नदी के दूसरे किनारे से देखने की अनुमति है। यह मंदिर नेपाल में शिव का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। पशुपतिनाथ में शिवरात्रि का पर्व विशेष महत्व के साथ मनाया जाता है। स्थानीय किंवदंती के अनुसार भगवान शिव एक बार वाराणसी के अन्य देवताओं को छोड़कर बागमती नदी के किनारे स्थित मृगस्थली चले गए, जो बागमती नदी के दूसरे किनारे पर जंगल में है।
भगवान शिव वहां पर चिंकारे का रूप धारण कर निद्रा में चले गए। जब देवताओं ने उन्हें खोजा और उन्हें वाराणसी वापस लाने का प्रयास किया तो उन्होंने नदी के दूसरे किनारे पर छलांग लगा दी। इस दौरान उनका सींग चार टुकडों में टूट गया। इसके बाद भगवान पशुपति चतुर्मुख लिंग के रूप में प्रकट हुए। भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर की किंवदंती के अनुसार पाण्डवों को स्वर्गप्रयाण के समय भैंसे के स्वरूप में शिव के दर्शन हुए थे जो बाद में धरती में समा गए, लेकिन भीम ने उनकी पूंछ पकड़ ली थी। ऐसे में उस स्थान पर स्थापित उनका स्वरूप केदारनाथ कहलाया, तथा जहां पर धरती से बाहर उनका मुख प्रकट हुआ, वह पशुपतिनाथ कहलाया। नेपाल में पशुपतिनाथ का मंदिर काठमांडू के पास देवपाटन गांव में बागमती नदी के किनारे पर स्थित है।
मंदिर में भगवान शिव की एक पांच मुख वाली मूर्ति है। पशुपतिनाथ विग्रह में चारों दिशाओं में एक मुख और एक मुख ऊपर की ओर है। प्रत्येक मुख के दाएं हाथ में रूद्राक्ष की माला और बाएं हाथ में कमंदल मौजूद है। मान्यता अनुसार पशुपतिनाथ मंदिर का ज्योतिर्लिंग पारस पत्थर के समान है। कहते हैं कि ये पांचों मुख अलग-अलग दिशा और गुणों का परिचय देते हैं। पूर्व दिशा की ओर वाले मुख को तत्पुरुष और पश्चिम की ओर वाले मुख को सद्ज्योत कहते हैं। उतर दिशा की ओर वाले मुख को वामवेद या अर्धनारीश्वर कहते हैं और दक्षिण दिशा वाले मुख को अघोरा कहते हैं, जो मुख ऊपर की ओर है, उसे ईशान मुख कहा जाता है। पशुपतिनाथ मंदिर को शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ मंदिर का आधा भाग माना जाता है। वहीं सोनीपत से नेपाल किक्रेट मैच खेलने गई टीम ने नेपाल की दोनों टीमों को अच्छे स्कोर से हराकर ट्राफी जीती है।