योजना के तहत अब दूसरा बच्चा लडक़ा होने पर मिलेगी पांच हजार रुपए की आर्थिक सहायता
श्याम वशिष्ठ, सोनीपत। प्रदेश सरकार ने कामगार महिलाओं को सुविधा प्रदान करते हुए अहम कदम उठाया है। अब कामगार महिलाओं को दूसरा बच्चा लडक़ा होने पर भी प्रदेश सरकार की ‘मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता’ योजना के तहत पांच हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। उपायुक्त मनोज कुमार ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने ‘मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता’ योजना शुरू की है। इस योजना के तहत दूसरे बच्चे के रूप में लडक़े को जन्म देने वाली अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकती हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं।
अब 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग महिलाओं सहित मनरेगा जॉब कार्ड, ई-श्रम कार्ड, बीपीएल राशन कार्ड, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और किसान सम्मान निधि की लाभार्थी महिलाएं भी इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगी। योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित महिला के परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस योजना के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है। केंद्र या प्रदेश सरकार की नौकरियों और सार्वजनिक उपक्रमों में तैनात महिला कर्मचारी योजना का लाभ लेने के लिए पात्र नहीं होंगी। सहायता राशि लेने के लिए गर्भावस्था के पंजीकरण के बाद कम से कम एक बार प्रसव पूर्व जांच के साथ ही बच्चे का पंजीकरण और उसे बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हेपेटाइटिस बी के टीके लगवाना जरूरी है।
उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना का लाभ लेने के लिए आंगनबाड़ी वर्कर या आशा वर्कर के माध्यम से आवेदन किया जा सकेगा। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई कामगार महिलाओं के लिए पहले से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना संचालित की जा रही है, जिसके तहत पांच हजार रुपये की सहायता राशि तीन किस्तों में दी जाती थी। अब सरकार द्वारा नियमों में बदलाव कर सहायता राशि दो किस्तों में देने का निर्णय लिया है। अधिक जानकारी के लिए इच्छुक एवं पात्र महिलाएं आंगनबाड़ी केंद्र, आशा वर्कर, संबंधित सीडीपीओ कार्यालय अथवा सोनीपत स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस के दौरान सुबह 9 बजे से सायं 5 बजे तक संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकती हैं।